भीषण गर्मी का टूट रहा कहर, सरकार ने मजदूरों और कर्मचारियों के लिए जारी किए दिशानिर्देश

Heatwave Advisory: देश के कुछ राज्य हीटवेव की चपेट में हैं. हीटवेव लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. इसके बावजूद भी काम की मजबूरी के चलते मजदूरों को धूप में बाहर निकलना पड़ता है. गर्मी के कहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने मजदूरों और कर्मचारियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.

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Heatwave Alert (Representational Image) Heatwave Alert (Representational Image)

आशुतोष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

अप्रैल महीने का अंत होते-होते पारा ऊपर की ओर बढ़ने लगा है. उत्तर से लेकर पूरब तक पश्चिम से लेकर दक्षिण तक पूरे देश में भीषण गर्मी अपना प्रकोप दिखा रही है. अभी मई और जून के महीने की तपिश बाकी है. ऐसे तापमान में सबसे ज्यादा असर मजदूरों और कर्मचारियों पर पड़ता है. खासकर खेतिहर मजदूरों और निर्माणाधीन इलाकों में काम करने वाले खनन उद्योग से जुड़े और दूसरे गरीब तबके पर गर्मी की मार सबसे ज्यादा पड़ती है.  

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मौसम के इस भीषण असर से ऐसे गरीब मजदूरों-कर्मचारियों को बचाने के लिए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वह मौसम की विभीषिका और बढ़ती गर्मी को देखते हुए तमाम उद्योगों से जुड़े कर्मचारियों की बेहतरी के लिए पर्याप्त कदम उठाएं. 

'गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त कदम उठाएं'
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को केंद्रीय श्रम सचिव भारतीय आहूजा ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह अपने-अपने राज्यों में ठेकेदारों, कंपनी के मालिकों कंस्ट्रक्शन कंपनी और उद्योगों से जुड़े लोगों को गर्मी से और उसके असर से बचाने के पर्याप्त कदम उठाएं.   

सामान्य से ज्यादा रह सकता है तापमान
मौसम विभाग ने इस बार सामान्य से ज्यादा तापमान रहने का अनुमान जताया है और मौसम विभाग की इसी भविष्यवाणी का जिक्र केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में किया है. इसमें लिखा गया है कि मौसम विभाग के मुताबिक देश के ज्यादातर हिस्सों में फिर वह चाहे उत्तर पूर्व राज्य हो, पूर्वी भारत हो, मध्य भारत हो या उत्तर पूर्व भारत के कुछ हिस्से हों, यहां पर गर्मियों में तापमान सामान्य से ज्यादा ऊपर हो सकता है. ऐसे में मजदूरों-कर्मचारियों के लिए अलग-अलग जगहों पर पर्याप्त व्यवस्था की जाए जिसमें पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धि हो, जरूरत पड़ने पर आइस पैक की व्यवस्था हो. साथ ही, गर्मियों से होने वाली तकलीफों से बचाव के लिए निर्माणाधीन सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य व्यवस्था हो और उनका रेगुलर हेल्थ चेकअप किया जाए.  ‌

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खनन उद्योग से जुड़े मजदूरों के लिए दिशानिर्देश
इसी तरह खनन उद्योग से जुड़े हुए मजदूरों को गर्मी से बचाने के लिए दिशानिर्देशों में कहा गया है की माइंस के अंदर रेस्ट एरिया बनाए जाएं और ठंडे पानी की व्यवस्था की जाए. साथ ही, इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट भी कार्य स्थलों पर मुहैया करवाए जाएं.  श्रम मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि अगर कोई कर्मचारी अस्वस्थ है तो उसे आराम दिया जाए, साथ ही, काम करने के समय में भी ढील दी जाए. 

केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वह खनन और ईंट भट्टे से जुड़े लोगों की ओर विशेष ध्यान दें. केंद्र सरकार की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि गर्मी और हीटवेव से जुड़ी हुई जानकारियां  मजदूरों को मुहैया कराई जाएं ताकि उन्हें इन दिशानिर्देशों का फायदा मिले. 

 

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