'पब्लिक फंड से बाबरी मस्जिद बनाना चाहते थे नेहरू...', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दावा

वडोदरा के साधली में राजनाथ सिंह ने एकता मार्च के दौरान नेहरू पर बाबरी मस्जिद के लिए पब्लिक फंड उपयोग की इच्छा का आरोप लगाया और कहा कि पटेल ने इसे होने से रोका था. उन्होंने सोमनाथ-राम मंदिर फंडिंग, भारत रत्न विवाद और पटेल की विरासत को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा.

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राजनाथ सिंह ने कहा- पीएम मोदी ने सरदार पटेल का सम्मान बढ़ाया (Photo: PTI) राजनाथ सिंह ने कहा- पीएम मोदी ने सरदार पटेल का सम्मान बढ़ाया (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:40 AM IST

गुजरात में वडोदरा के साधली गांव में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया. उन्होंने सरदार पटेल की 150वीं जयंती मनाने के लिए एक 'एकता मार्च' के हिस्से के रूप में एक सभा को संबोधित किया. राजनाथ सिंह ने कहा, "देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पब्लिक फंड का इस्तेमाल करके बाबरी मस्जिद बनाना चाहते थे."

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राजनाथ सिंह ने दावा किया कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने नेहरू की योजनाओं को सफल नहीं होने दिया. उन्होंने पटेल को एक सच्चे उदार और सेक्युलर शख्स के रूप में सराहा, जो तुष्टिकरण में यकीन नहीं करते थे.

राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर किसी ने नेहरू के प्रस्ताव का विरोध किया, तो वह गुजराती मां से जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल थे. जब नेहरू ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर को बहाल करने का मुद्दा उठाया, तो पटेल ने स्पष्ट किया कि मंदिर एक अलग मामला है. उन्होंने कहा कि सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जरूी 30 लाख रुपये आम लोगों द्वारा दान किए गए थे.

सोमनाथ और राम मंदिर की तुलना...

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, "एक ट्रस्ट स्थापित किया गया था और इस (सोमनाथ मंदिर) काम पर सरकार का एक पैसा भी खर्च नहीं किया गया था. इसी तरह, सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक भी रुपया नहीं दिया. पूरा खर्च देश के लोगों ने उठाया. इसे ही असली धर्मनिरपेक्षता कहते हैं.

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नेहरू ने खुद को दिया भारत रत्न, पटेल को नहीं...

राजनाथ सिंह ने दावा किया कि पटेल की मौत के बाद, आम लोगों ने उनके स्मारक के लिए फंड इकट्ठा किया, लेकिन जब यह जानकारी नेहरू तक पहुंची, तो उन्होंने कहा कि सरदार पटेल किसानों के नेता थे, इसलिए इस पैसे को गांव में कुओं और सड़कों के निर्माण पर खर्च किया जाना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: 'बॉर्डर कब बदल जाए... हो सकता है कल सिंध वापस भारत में आ जाए', बोले राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, "यह एक 'ढोंग' था, क्योंकि कुओं और सड़कों का निर्माण सरकार की जिम्मेदारी है. नेहरूजी ने खुद को भारत रत्न से सम्मानित किया, लेकिन उस वक्त सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत रत्न से सम्मानित क्यों नहीं किया गया?"

'पीएम मोदी ने बढ़ाया पटेल का सम्मान...'

राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ही 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनाकर सरदार पटेल को उचित सम्मान देने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि यह हमारे पीएम द्वारा वास्तव में सराहनीय कार्य है. उन्होंने दावा किया कि 'कुछ लोगों' ने पटेल की विरासत को छिपाने और मिटाने की कोशिश की, लेकिन जब तक बीजेपी सत्ता में है, वे सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका ने इतिहास के पन्नों में पटेल को एक चमकते सितारे के रूप में फिर से स्थापित किया.

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