दक्षिण से गांधी परिवार के रिश्ते की कहानी, इंदिरा से शुरुआत अब प्रियंका की बारी

संसद भवन के अहाते में गांधी परिवार के सांसदों की आवाज हमेशा सुनाई देती रही है. कभी इनकी संख्या ज्यादा रही कभी कम. मगर रही जरूर. साल 2024 का ये वो साल है जब राज्यसभा में गांधी परिवार से सोनिया गांधी नुमाइंदगी करेंगी. उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा में राहुल गांधी अगुवाई करेंगे और अगर प्रियंका गांधी भी जीतीं तो राहुल के साथ वायनाड से प्रियंका गांधी मोर्चा संभालेंगी. 

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प्रियंका गांधी अब वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी प्रियंका गांधी अब वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2024,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

गांधी परिवार का सियासी जुड़ाव भले ही उत्तर से ज्यादा रहा है, लेकिन दक्षिण से भी उनका राजनीतिक रिश्ता कम नहीं है. गांधी परिवार का इतिहास अगर देखें तो इंदिरा गांधी 1978 का उपचुनाव कर्नाटक के चिकमगलूर से जीतीं और फिर 1980 में तब के आंध प्रदेश के मेडक सीट से भी इंदिरा गांधी ने जीत हासिल की. 1999 में सोनिया गांधी का राजनीतिक डेब्यू अगर कहें कि दक्षिण भारत से हुआ तो गलत नहीं होगा. 

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1999 में बेल्लारी से चुनाव लड़ी थीं सोनिया गांधी
सोनिया गांधी 1999 में अमेठी और बेल्लारी से चुनाव लड़ी थीं लेकिन बेल्लारी में पहले चुनाव हुआ था, बेल्लारी में 5 सितंबर जबकि अमेठी में 3 अक्टूबर को चुनाव हुआ था. दोनों सीट जीतने के बाद सोनिया गांधी ने तब बेल्लारी की सीट छोड़ दी थी. 2019 में जब राहुल गांधी को लगा कि चुनौती अमेठी में बड़ी है तो चुनाव के लिए राहुल ने भी वायनाड ही चुना और वायनाड से ही जीते. 2024 में अब मां सोनिया गांधी के बाद प्रियंका का भी राजनीतिक डेब्यू वायनाड से होरहा है. जहां से अब वो चुनाव लड़ेंगी. अगर वहां जीत जाती हैं तो लोकसभा में पहुंचेंगी. जीत लगभग तय ही कही जा रही है, क्योंकि वायनाड में राहुल गांधी की जीत का अंतर काफी बड़ा था.

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1978 में इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से जीतीं
1978 में चिकमंगलूर से इंदिरा गांधी जीतीं. 1999 में बेल्लारी से सोनिया गांधी जीतीं. 2019 में वायनाड से राहुल गांधी जीते. अब वायनाड से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी. अब अगर हम बड़ी सक्रीन पर देखें तो गांधी परिवार से कौन-कौन संसद में पहुंचा. जवाहर लाल नेहरू से शुरू करिए. इंदिर गांधी, फिरोज गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, सोनिया गांधी, मेनका गांधी फिर राहुल गांधी, वरुण गांधी और अब वायनाड जीतीं तो प्रियंका गांधी. संसद में गांधी परिवार की मौजूदगी के बीच अलग बात ये है कि इस बार सत्ता पक्ष से गांधी परिवार का कोई सदस्य संसद में नहीं रहेगा और दूसरी ओर अगर प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव जीत जाती हैं तो पहली बार ऐसा होगा कि भाई-बहन और मां की तिकड़ी संसद में मौजूद रहेगी. 

संसद भवन में हमेशा सुनाई देती रही है गांधी परिवार की आवाज
संसद भवन के अहाते में गांधी परिवार के सांसदों की आवाज हमेशा सुनाई देती रही है. कभी इनकी संख्या ज्यादा रही कभी कम. मगर रही जरूर. साल 2024 का ये वो साल है जब राज्यसभा में गांधी परिवार से सोनिया गांधी नुमाइंदगी करेंगी. उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा में राहुल गांधी अगुवाई करेंगे और अगर प्रियंका गांधी भी जीतीं तो राहुल के साथ वायनाड से प्रियंका गांधी मोर्चा संभालेंगी. 

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यह भी पढ़िएः लोकसभा चुनाव लड़ने वाली गांधी परिवार की 10वीं सदस्य होंगी प्रियंका, जानें कैसा रहा सियासी सफर

इस बार वरुण गांधी-मेनका गांधी नहीं होंगे संसद में
मतलब ये कि इस बार भाई-बहन और मां संसद में साथ होंगे. गांधी परिवार के तीन सदस्य विपक्ष की आवाज बनेंगे. इस बार एक बात जरूर हुई है, कि इस बार बीजेपी की ओर से गांधी परिवार का कोई सदस्य नहीं है. वरुण गांधी को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया और मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव हार गईं, यानि इस बार संसद में सिर्फ तीन ही सदस्य गांधी परिवार से रहेंगे. 

पैन इंडिया को रिप्रेजेंट करेगी कांग्रेस
सोनिया गांधी राजस्थान से राज्य़सभा सदस्य हैं जहां पच्चीस सीटें हैं. राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से सांसद हैं, जहां 80 सीटें हैं तो प्रियंका अगर वायनाड से जीती तो वहां 20 सीटें हैं. यानि देखा जाए तो तीनों मिलकर 125 सीटें कवर करते हैं.  मतलब गांधी परिवार की कोशिश पैन इंडिया की नुमाइंदगी की होगी. वैसे अगर गांधी परिवार और संसद का रिश्ता देखा जाए तो ये तो बहुत पुराना है फिर भी हम शुरुआत 1989 से करते हैं. 

संसद में कब-कब पहुंचा गांधी परिवार
1989 से 1991 के बीच राजीव गांधी और मेनका गांधी संसद सदस्य थे. राजीव गांधी अमेठी से कांग्रेस के सांसद थे जबकि मेनका गांधी पीलीभीत से जनता दल की सांसद थीं. 1999 से 2004 के बीच सोनिया गांधी और मेनका गांधी सांसद थीं. सोनिया गांधी अमेठी से कांग्रेस की सांसद थीं तो मेनका गांधी पीलीभीत से निर्दलीय सांसद थीं. 2004 से 2009 के बीच राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मेनका गांधी सांसद थे. राहुल अमेठी से कांग्रेस के सांसद थे, सोनिया गांधी रायबरेली से कांग्रेस की सांसद थीं और मेनका गांधी पीलीभीत से. 

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2009 से 2024 तक राहुल गांधी सोनिया गांधी वरुण गांधी और मेनका गांधी, चार लोग सांसद थे. अगर इस बार प्रियंका जीत गईं तो सिर्फ तीन ही लोग संसद हो सकते हैं. यानि सत्ता पक्ष के खिलाफ गांधी परिवार की मुखर आवाज संसद में जोरदार तरीके से सुनाई देगी. 

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