राहुल के अदाणी पर आरोप का आधार
2019 के मानहानी केस में सूरत कोर्ट द्वारा दो साल की सज़ा मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सांसद सदस्या चली गई, ये जानकारी तो लगभग सभी आम-ओ-ख़ास के पास है. डिस्क्वालिफ़ाई होने के बाद अगले दिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉनफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर कई आरोप लगाएं, जिसके केंद्र में उद्योगपति गौतम आदाणी के साथ उनका रिश्ता और बीस हज़ार करोड़ रुपया था. इससे पहले संसद में भी राहुल गांधी ने बीस हज़ार करोड़ रुपये का ज़िक्र किया था. ज़हन में ये सवाल उठता है कि ये बीस हज़ार करोड़ रुपये का मामला क्या है, राहुल किस आधार पर आरोप लगाते हैं कि अदाणी की शेल कंपनियों में बीस हज़ार करोड़ रुपये अचानक से प्रकट हो गए, सुनिए दिन भर में
अतीक का अतीत
इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री विलियम ई.ग्लैडस्टोन की बड़ी फ़ेमस लाइन है- जस्टिस डिलेड इज़ जस्टिस डिनाइड, माने न्याय देने में देरी, न्याय न देने के बराबर है… मुझे लगा इस ख़बर की शुरुआत इस लाइन से करनी चाहिए… 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक़ अहमद को आज प्रयागराज के एमपी-एमएलए कोर्ट में उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई. साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण हुआ था, और पिछले महीने उमेश पाल की हत्या कर दी गई. दोनों अपराधों का मुख्य आरोपी अतीक अहमद है. 2006 अपहरण केस की सुनवाई में 3 आरोपियों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई गई, अतीक अहमद, अलावा हनीफ़ और दिनेश पासी. 7 रिहा भी किए गए. ये तो एक मामला है, 2014 में अतीक ने ख़ुद एक चुनावी सभा में कहा था कि उसके ऊपर 188 मामले दर्ज़ हैं… ये एक दिन में तो नहीं हुआ होगा. कैसे अतीक अहमद बाहुबली अतीक अहमद बना, इसकी शुरुआत कैसे हुई, और कैसे ये उत्तरप्रदेश में आतंक का पर्याय बन गया, इसके इतिहास को शुरुआत से जानने के लिए, सुनिए दिन भर में
जयललिता का उत्तराधिकारी
पिछले साल जुलाई में तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक की जनरल काउंसिल की बैठक हुई. इसमें ई पलानीस्वामी पार्टी के अंतरिम महासचिव चुने गए. इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम और उनके समर्थकों को पार्टी से बाहर करने का भी ऐलान हुआ. इसके विरोध में पन्नीरसेल्वम मद्रास हाई कोर्ट पहुंचे और पलानीस्वामी का अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव चुने जाने को चुनौती दी.
सुप्रीम कोर्ट के पास भी ये मामला पहुंचा तो उसने पलानीस्वामी की अंतरिम प्रमुख की भूमिका को बहाल रहने दिया लेकिन आखिरी निर्णय मद्रास हाई कोर्ट पर छोड़ दिया. इसी पर आज मद्रास हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया और ओ पनीरसेल्वम, उनके सहायकों की याचिकाएं ख़ारिज कर दी. इसके तुरंत बाद ई पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक का महासचिव बना दिया गया.
अब इस फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल... ओ. पनीरसेल्वम के राजनीतिक भविष्य का, सवाल... बीजेपी के साथ अन्नाद्रमुक के गठबंधन का. ऐसा इसलिए क्योंकि करीब साल भर से बीजेपी हो या अन्नाद्रमुक दोनों पार्टियां अपने पोस्टरों में या भाषणों में अपने सहयोगी दल को स्थान देने से बचते आ रहे हैं, तमिलनाडु की राजनीति में क्या हो रहा है, सुनिए दिन भर में
महंगी होगी दवाई
जब राशन, तेल, सफर, खाना, नहाना सब महंगा है तो दवाएं सस्ती क्यों रहें. वो भी महंगी हो रही हैं 1 अप्रैल से. हमारे यहां एक संस्था है जो दवाओं के रेट पर नज़र रखती है, NPPA. नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी. उसने कहा है कि 12.12 परसेंट तक प्राइस बढ़ सकते हैं और ये बात बिल्कुल उस मांग को पूरा कर रही है जो दवा कंपनियां लंबे वक्त से कर रही थीं. जो महंगी होंगी उनमें पेनकिलर्स, एंटीबॉयोटिक्स से लेकर हार्ट तक की दवा शामिल है. ये सभी नॉन शिड्यूल्ड ड्रग्स में आते हैं. शिड्यूल्ड ड्रग्स में वो दवाई आती हैं जिनकी कीमत पर कंट्रोल होता है. नॉन शिड्यूल्ड वो हैं जिनके रेट बढ़ सकते हैं लेकिन सिर्फ दस परसेंट तक. इनके भी तब बढ़ेंगे जब सरकार परमिशन दे. अब आप सोच रहे होंगे कि इस बार तो 12 परसेंट से ज़्यादा रेट बढ़ रहे हैं जबकि नियम दस परसेंट का है, ये लगातार दूसरा साल है जब दस परसेंट से ज़्यादा रेट बढ़ाए जा रहे हैं. सुनिए दिन भर में
नितिन ठाकुर