दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार खराब होते जा रहा है. प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में स्मॉग की परत देखने को मिली केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CBCP) के अनुसार, दिल्ली का AQI कई क्षेत्रों में 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है. राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान और ITO सहित आसपास के इलाकों का AQI-357 दर्ज़ किया गया, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है. धुंध की चादर छाई हुई है.
दिल्ली का औसत AQI 409
सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 406 रहा. पिछले 48 घंटों से AQI लगातार गंभीर और गंभीर प्लस श्रेणी में बना हुआ है. अभी भी हवा की गति धीमी है और तापमान कम है तथा आर्द्रता भी अधिक है और इसी कारण चारों ओर स्मॉग की चादर दिखाई दे रही है.
दिल्ली में आज विभिन्न स्थानों पर दिल्ली का AQI (सुबह 6 बजे)
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दिल्ली के इलाके |
AQI |
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अलीपुर |
435. |
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आनंद विहार |
436 |
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अशोक विहार |
438 |
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आया नगर |
398 |
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बवाना |
438 |
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बुराड़ी |
428 |
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चांदनी चौक |
372 |
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DTU |
383 |
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डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज Advertisement |
380 |
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द्वारका सेक्टर-8 |
415 |
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आईजीआई एयरपोर्ट |
395 |
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दिलशाद गार्डन |
408 |
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आईटीओ |
357 |
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जहांगीरपुरी |
445 |
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जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम |
370 |
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मेजर ध्यान चंद स्टेडियम |
413 |
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मंदिर मार्ग |
411 |
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मुंडका |
423 |
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द्वारका एनएसआईटी |
367 |
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नजफगढ़ |
357 |
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नरेला |
449 |
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नेहरू नगर |
428 |
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नॉर्थ कैंपस |
436 |
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ओखला फेस-2 |
387 |
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पटपड़गंज |
427 |
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पंजाबी बाग |
425 |
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पूसा DPCC |
399 |
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पूसा IMD |
400 |
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आरके पुरम |
401 |
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रोहिणी |
426 |
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शादीपुर |
454 |
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सिरीफोर्ट |
390 |
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सोनिया विहार |
420 |
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अरबिंदो मार्ग |
264 |
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विवेक विहार |
436 |
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वजीरपुर |
411 |
कैसे मापी जाती है एयर क्वालिटी?
अगर किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं. आपको बता दें ग्रैप-2 लागू होने के बाद 5 प्रमुख पाबंदियां भी लग गई हैं.
क्या होता है ग्रैप?
ग्रैप का मतलब GRAP से है. GRAP का फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. जैसे जैसे चरण बढ़ते हैं, वैसे वैसे दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ती जाती हैं.
GRAP के 4 चरण होते हैं
ग्रैप के चरण-III के अनुसार 11 सूत्रीय कार्य योजना 15 नवंबर, 2024 (कल) को सुबह 08:00 बजे से पूरे एनसीआर में लागू होगी. इसके तहत...
1) सड़कों की मशीनीकृत सफाई की फ्रीक्वेंसी को और अधिक बढ़ाया जाएगा.
2) भीड़भाड़ वाले इलाकों में धूल को दबाने के लिए जल छिड़काव किया जाएगा और लैंडफिल साइटों पर अधिक ध्यान रखा जाएगा.
3) सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाया जाएगा. दिल्ली मेट्रो की भी फ्रीक्वेंसी को बढ़ाया जाएगा. ऑफिस ऑवर्स और वीकडेज भी फेरियों की संख्या बढ़ेगी.
4) निर्माण और तोड़फोड़ वाली जगहों पर सख्ती बरती जाएगी. ऐसे कामों पर प्रतिबंध रहेगा, जिनसे धूल निकलती होगी.
5) पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशर का संचालन बंद रहेगा.
6.दिल्ली-एनसीआर में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के चलने पर सख्त प्रतिबंध लगाएंगी.
8) मालवाहक वाहनों पर भी सख्ती की जाएगी. जरूरी सामानों के परिचालन की अनुमति होगी.
9-दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-III और उससे नीचे के डीजल चालित एलसीवी (माल वाहक) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
10) अंतरराज्यीय बसों (कुछ को छोड़कर) को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
11) कक्षा -5 तक के बच्चों के लिए स्कूलों को ऑनलाइन मोड में करने का आदेश.
प्रदूषण से बचाव के उपाय
प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने मुंह और नाक को अच्छे से ढंक लें या मास्क लगा कर निकलें. आंखों की एलर्जी से बचने के लिए आंखों पर चश्मा लगाकर निकलें. ज्यादा प्रदूषण में घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. वहीं, घर के बच्चे और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोके. ऐसे में पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को घर पर ही इनडोर गेम्स खेलने को कहें. अगर आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो कुछ दिन बाहर न जाएं, नहीं तो ज्यादा प्रदूषण में सांस संबंधी समस्या हो सकती है.
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