PM मोदी ने वाधवन पोर्ट की आधारशिला रखी, 76 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का किया शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाधवन पोर्ट की आधारशिला रख दी है. पीएम ने यहां 76 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया है. अत्याधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे से लैस इस वाधवन बंदरगाह में गहरी गोदी, कुशल कार्गो हैंडलिंग सुविधाएं और आधुनिक बंदरगाह प्रबंधन प्रणाली जैसी सुविधाएं होंगी. यह बंदरगाह रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा और स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहित कर क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देगा. 

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पीएम मोदी ने वाधवन बंदरगाह परियोजना का शिलान्या़स कर दिया है. पीएम मोदी ने वाधवन बंदरगाह परियोजना का शिलान्या़स कर दिया है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में वाधवन बंदरगाह की आधारशिला रख दी. इस परियोजना की कुल लागत लगभग रु. 76,000 करोड़ रुपए है. पीएम मोदी ने करीब 1,560 करोड़ रुपये की 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया. थोड़ी देर में पीएम मोदी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.

पीएम मोदी आज महाराष्ट्र दौरे पर हैं. पालघर के सिडको मैदान में  कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इससे पहले पीएम मोदी मुंबई पहुंचे और मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 को संबोधित किया.

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पालघर वाधवन बंदरगाह परियोजना का उद्देश्य एक विश्व स्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित कर देश के व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, जहां बड़े कंटेनर जहाजों की ज़रूरतें पूरी हो सके. इसमें समुद्र के तटीय तल को गहरा बनाकर तथा विशाल मालवाहक जहाजों को समायोजित किया जाएगा.

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वाधवन बंदरगाह कार्यक्रम में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, आज का दिन स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. वाधवन बंदरगाह जेएनपीटी से तीन गुना बड़ा होगा. वाधवन बंदरगाह के कारण अगले 50 वर्षों तक महाराष्ट्र नंबर एक रहेगा. 1980 में वाधवान बंदरगाह की परिकल्पना की गई. इसकी प्राकृतिक गहराई 20 मीटर है. यह सपना आज सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण पूरा हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट में हमारी जीत हुई. वाधवन बंदरगाह के फायदों के कारण पीएम मोदी जी को अगले 200 वर्षों तक याद किया जाएगा. मुंबई के लोग इस इलाके में शिफ्ट हो रहे हैं. मैं पालघर में एक हवाई अड्डे का प्रस्ताव रखता हूं. आदिवासियों और ओबीसी को अच्छी नौकरियां मिलेंगी. हमारा लक्ष्य यहां के स्थानीय लोगों को 1 लाख नौकरियां देने का है.

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डिप्टी सीएम अजित पवार का कहना था कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आज जब शिलान्यास किया जाएगा तो हमने परियोजना के विरोध की कुछ खबरें देखीं. हमें यह समझने की जरूरत है कि विकास के लिए थोड़ा तालमेल बिठाना होगा. सबका ख्याल रखा जाएगा. मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं और पीएम और सीएम के सामने आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी पीछे नहीं रहेगा. सबको साथ लेकर चलेंगे और पीढ़ियों को लाभ होगा. प्रोजेक्ट को गलत ना समझें.

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, वाधवन बंदरगाह आजादी के बाद बना भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा. यह बंदरगाह महाराष्ट्र के लिए एक बड़ा उपहार है. इससे महिलाओं, युवाओं और स्थानीय समुदायों को काफी रोजगार मिलेगा. ये कोई छोटा-मोटा बंदरगाह नहीं है, ये दुनिया के टॉप टेन बंदरगाहों की सूची में होगा. पालघर देश का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होगा. यह सेक्टर भारत को मजबूत बनाएगा. जब निर्माण शुरू होगा तो यह एक लाख लोगों को नौकरी के अवसर देगा और एक बार निर्माण पूरा होने पर यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार देगा.

क्या है इस परियोजना की खासियत

पालघर जिले के दहानू शहर के पास स्थित वाधवन बंदरगाह भारत के सबसे बड़े गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक होगा. यह अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों (Shipping Routes) को सीधा संपर्क प्रदान करेगा, जिससे पारगमन समय (Transit Times ) और लागत कम होगी. 

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इस परियोजना का निर्माण वाधवन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (वीपीपीएल) द्वारा किया जाएगा, जो जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) द्वारा गठित एक स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) है, जिसमें उनकी हिस्सेदारी क्रमशः 74% और 26% है. वाधवन पोर्ट को महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाधवन में ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट मेजर पोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा, जो सभी मौसमों में संचालन योग्य होगा.

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पत्तन/बंदरगाह में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे, जिनमें से प्रत्येक 1000 मीटर लंबा होगा, इसमें तटीय बर्थ सहित चार बहुउद्देशीय बर्थ, चार लिक्विड कार्गो बर्थ, एक रो-रो बर्थ और एक तटरक्षक बर्थ शामिल होंगे. इस परियोजना के तहत समुद्र में 1,448 हेक्टेयर क्षेत्र का पुनर्ग्रहण और 10.14 किलोमीटर अपतटीय ब्रेकवाटर और कंटेनर/कार्गो भंडारण क्षेत्रों का निर्माण शामिल है. परियोजना की संचयी क्षमता 298 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) प्रति वर्ष होगी, जिसमें लगभग 23.2 मिलियन टीईयू (बीस फुट समकक्ष) कंटेनर हैंडलिंग क्षमता शामिल है.

12 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

अत्याधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे से लैस इस वाधवन बंदरगाह में गहरी गोदी, कुशल कार्गो हैंडलिंग सुविधाएं और आधुनिक बंदरगाह प्रबंधन प्रणाली जैसी सुविधाएं होंगी. यह बंदरगाह रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा और स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहित कर क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देगा.

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पूरा होने पर, वाधवन बंदरगाह दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में से एक होगा.पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के उद्देश्यों के साथ संरेखित यह परियोजना आर्थिक गतिविधि को बढ़ाएगी और इसमें लगभग 12 लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने की भी क्षमता होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को योगदान मिलेगा.

वाधवन बंदरगाह परियोजना में सतत विकास व्‍यवहारों को शामिल किया गया है, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और कड़े पारिस्थितिकीय मानकों का पालन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. एक बार चालू होने के बाद, यह बंदरगाह भारत की समुद्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करेगा.

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विश्व स्तरीय समुद्री टर्मिनल सुविधाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देती हैं और अत्याधुनिक टर्मिनल बनाने के लिए दक्षता और आधुनिक तकनीकों का लाभ उठाती हैं. ये समुद्री टर्मिनल सुविधाएं सुदूर पूर्व, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और अमेरिका के बीच अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लाइनों पर चलने वाले मुख्य लाइन मेगा जहाजों को संभालने में सक्षम होंगी.

पीएम इन परियोजनाओं का भी करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री लगभग 1560 करोड़ रुपये की लागत वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे, जिनका उद्देश्य पूरे देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और उत्पादकता को बढ़ावा देना है. इन पहलों से मत्स्य पालन क्षेत्र में पांच लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.

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प्रधानमंत्री लगभग 360 करोड़ रुपये की लागत से पोत संचार और सहायता प्रणाली के नेशनल रोल आउट का शुभारंभ करेंगे. इस परियोजना के तहत, 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मशीनीकृत और मोटर चालित मछली पकड़ने वाले जहाजों पर चरणबद्ध तरीके से एक लाख ट्रांसपोंडर लगाए जाएंगे. पोत संचार और सहायता प्रणाली इसरो द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक है, जो मछुआरों के समुद्र में रहने के दौरान दो-तरफ़ा संचार स्थापित करने में मदद करेगी तथा बचाव कार्यों में भी मदद करेगी और साथ ही हमारे मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

प्रधानमंत्री मछली पकड़ने के केंद्रों के विकास, उन्नयन और आधुनिकीकरण तथा मछली बाजारों के निर्माण सहित महत्वपूर्ण मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे. इससे मछली और समुद्री खाद्य पदार्थों के प्रबंधन के लिए आवश्यक सुविधाएं और स्वच्छ परिस्थितियां उपलब्ध होने की आशा है.

मुंबई में ऐसा है पीएम का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) 2024 के एक विशेष सत्र को संबोधित करेंगे. जीएफएफ का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.

भारत और विभिन्न देशों के नीति निर्माताओं, नियामकों, वरिष्ठ बैंकरों, उद्योग जगत के दिग्गजों और शिक्षाविदों सहित लगभग 800 वक्ता सम्मेलन में 350 से अधिक सत्रों को संबोधित करेंगे. इसमें फिनटेक परिदृश्य के नवीनतम नवाचारों को भी प्रदर्शित किया जाएगा. जीएफएफ 2024 में 20 से अधिक विचार नेतृत्वकारी रिपोर्ट और श्वेत पत्र लॉन्च किए जाएंगे, जो अंतर्दृष्टि और गहन उद्योग जानकारी प्रदान करेंगे.

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