प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को चंडीगढ़ में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने एनडीए के सहयोगियों से संवैधानिक मूल्यों और इससे जुड़े आगे के कार्यों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "एनडीए के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की. हमने सुशासन के पहलुओं और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के तरीकों पर व्यापक चर्चा की. हमारा गठबंधन राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने और गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मीटिंग में एनडीए की मजबूती पर जोर दिया और पार्टी नेताओं से कहा कि अलग-अलग विषयों पर एक आवाज में बोलें. मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक साल में कम से कम दो बार हो. संविधान के मूल्यों को मजबूत करने की जरूरत है और संविधान के 75 वर्ष होने पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएं. अपने-अपने राज्य में संविधान के 75 वर्ष को लेकर तैयारी करें.
'लोगों की समस्याओं...'
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि हर भारतीय को यह समझाने की जरूरत है कि संविधान का महत्व है और उसके मूल्य क्या हैं. लोगों की समस्याओं को समझना और उन्हें दूर करना जरूरी है. लोगों का कल्याण सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए.
पीएम मोदी ने एनडीए मुख्यमंत्रियों को बताया कि संविधान के 75 वर्ष मनाने के लिए केंद्र सरकार ने मंत्रियों का एक ग्रुप बनाया है. पीएम मोदी ने आने वाले महीनों के लिए एनडीए सहयोगी दलों को 11 सूत्रीय एजेंडा भी दिया.
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गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीए के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आपस में चर्चा के लिए प्लेटफॉर्म बनाने की जरूरत है और एनडीए की अपनी एक वेबसाइट भी होनी चाहिए.
मीटिंग में कौन-कौन शामिल हुआ?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इस हाई लेवल मीटिंग में शामिल हुए. इस बैठक में बीजेपी के कुल 13 मुख्यमंत्री और 16 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए. इसके साथ ही महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए, जो एनडीए के सहयोगी दलों द्वारा शासित हैं.
हिमांशु मिश्रा