यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ और सौ से अधिक लोगों की मौत के हादसे पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई करने का आग्रह किया गया है. याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले पर जल्द सुनवाई किए जाने की गुहार लगाई.
याचिका में 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है. साथ ही याचिका में घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है. याचिका में ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए गाइडलाइन बनाने का आदेश देने की अपील भी की गई है.
हाथरस में सत्संग करने वाले भोले बाबा के बारे में यूपी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है. हाथरस भगदड़ कांड की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया था. जिसने इस मामले में अब तक 90 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. यह जानकारी खुद एसआईटी में शामिल आगरा जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार की दी.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ ही इस हादसे की जांच करने वाले तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो 2 जुलाई को हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई थी.
हाथरस हादसे में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम है. पुलिस जल्द ही कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाएगी. हालांकि FIR में भोले बाबा का नाम नहीं है. लेकिन भोले बाबा के अपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है. उनके फॉलोअर्स हर शहर में हैं, ऐसे में कई शहरों में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. बाबा ने नौकरी से वीआरएस लिया था, न्यायिक आयोग इसमें प्रशासनिक लापरवाही की जांच करेगा.
संजय शर्मा