सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के 5 किलोमीटर के दायरे में पेड़ों की कटाई पर रोक को बरकरार रखा है और कहा है कि कोर्ट की अनुमति के बिना किसी भी पेड़ की कटाई नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने 2015 में दिए गए अपने आदेश को यथावत रखते हुए स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र में पेड़ काटने के लिए अनुमति लेनी होगी.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि ताजमहल से 5 किमी के भीतर आने वाले क्षेत्र में यदि पेड़ों की संख्या 50 से कम भी है, तब भी कटाई के लिए आवेदन देना अनिवार्य होगा. इस पर केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) की सिफारिश मांगी जाएगी और फिर ही कोर्ट पेड़ों की कटाई पर निर्णय लेगा.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ताज ट्रेपेजियम ज़ोन (TTZ) एक 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोज़ाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा ज़िलों के साथ-साथ राजस्थान के भरतपुर ज़िले तक फैला हुआ है.
कोर्ट ने TTZ में 5 किमी से बाहर के क्षेत्रों में भी पेड़ काटने के लिए अब डिविज़नल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) की अनुमति आवश्यक कर दी है, साथ ही यह भी कहा कि DFO पेड़ काटने की अनुमति तभी दे सकेगा जब सभी शर्तें, जैसे प्रतिपूरक वृक्षारोपण (compensatory afforestation), पूरी कर ली गई हों. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि 'अगर पेड़ नहीं काटे जाने से जान का नुकसान हो सकता है तो ऐसी आपात स्थिति को छोड़कर कोई छूट नहीं दी जाएगी.
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