नए CBI निदेशक के लिए इस IPS अफसर के नाम पर हो रही है सबसे ज्यादा चर्चा, पीएम ने की अहम बैठक

सीबीआई के मौजूदा निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल अगले कुछ दिनों में समाप्त होने वाला है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बैठक की और इस पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम शॉर्टलिस्ट किए.

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सीबीआई के नए निदेशक के लिए 3 आईपीएस अधिकारियों के नाम शॉर्टलिस्ट सीबीआई के नए निदेशक के लिए 3 आईपीएस अधिकारियों के नाम शॉर्टलिस्ट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:31 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़ और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच शनिवार शाम एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सीबीआई निदेशक पद के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन किया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया, 'समिति ने बैठक की और कैबिनेट की नियुक्ति समिति को तीन नाम भेजे, जिनमें से एक के नाम पर मुहर लगेगी.'

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सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान कर्नाटक, दिल्ली और अन्य राज्यों के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा की गई. सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल का दो साल का निर्धारित कार्यकाल 25 मई को समाप्त हो रहा है. 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी और कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद का नाम इस पद के लिए सबसे आगे चल रहा है.

26 मई को खत्म हो रहा है जायसवाल का कार्यकाल

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल ने 26 मई, 2021 को सीबीआई की बागडोर संभाली थी. सीबीआई निदेशक का चयन एक समिति द्वारा किया जाता है जिसमें प्रधानमंत्री, सीजेआई और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं दो और साल के निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्ति की जाती है. कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान नए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सदस्य लोकपाल के नियुक्ति के लिए संभावित उम्मीदवारों पर भी चर्चा की गई.

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नए सीबीआई निदेशक की तलाश ऐसे समय में हो रही है जब जांच एजेंसी कई संवेदनशील मामलों की जांच कर रही है, जिसमें पेगासस स्पाइवेयर स्कैंडल और कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितताएं जैसे मामले शामिल हैं. 

हटाने की प्रक्रिया

साल 1997 से पहले सीबीआई डायरेक्टर को सरकार अपनी मर्जी से कभी भी हटा सकती थी. लेकिन साल 1997 में विनीत नारायण मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकाल कम से कम दो साल का कर दिया. ताकि डायरेक्टर मुक्त होकर अपना काम कर सके.  आपको बता दें, सीबीआई के डायरेक्टर को हटाने के लिए पूरे मामले की जानकारी सेलेक्शन पैनल को भेजनी होती है. वहीं डायरेक्टर के तबादले से की प्रक्रिया में सेलेक्शन कमेटी सीवीसी,होम सेक्रेटरी और  सेक्रेटरी (कार्मिक) का होना भी जरूरी है.  

 

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