'डब्बा ट्रेडिंग' के जरिए हो रही ठगी, नकली साइट्स से इन्वेस्टर्स को ऐसे लगाया जा रहा है चूना

आजतक की जांच में 'डब्बा ट्रेडिंग' के नाम पर ठगी करने वाली कई फर्जी वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स का नेटवर्क सामने आया है. ये प्लेटफॉर्म्स बिना किसी वेरिफिकेशन के इन्वेस्टर्स को झांसा देकर पैसे ऐंठ रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर. प्रतीकात्मक तस्वीर.

आकाश शर्मा / जैनम शाह

  • नई दिल्ली,
  • 13 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:05 PM IST

स्टॉक ट्रेडिंग को भारत में सबसे फायदेमंद बिजनेस माना जाता है, लेकिन इसके लिए कड़े नियम और रेगुलेशंस हैं. इससे बचने के लिए कई लोग 'डब्बा ट्रेडिंग' का सहारा लेते हैं, जो अवैध है और सिर्फ भरोसे पर चलती है. अब इसी डब्बा ट्रेडिंग का डिजिटल रूप तैयार कर इन्वेस्टर्स से ठगी का नया जाल बुना गया है.  

आजतक की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम ने कई फर्जी प्लेटफॉर्म्स का खुलासा किया है, जो डब्बा ट्रेडिंग की सुविधा देने का वादा करते हैं. इनका प्रचार WhatsApp और Telegram पर किया जा रहा है. इन प्लेटफॉर्म्स के लिए अलग-अलग मोबाइल ऐप्स भी बनाए गए हैं.  

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ठगी का नेटवर्क 
  
जांच में पाया गया कि 'Bear & Bull Dabba Trading' नाम का एक प्लेटफॉर्म इन्वेस्टमेंट की सुविधा देने का दावा करता है. इसका वेबसाइट और मोबाइल ऐप WhatsApp और Telegram के जरिए शेयर किया जाता है. इसका इंटरफेस Zerodha जैसे लोकप्रिय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की नकल करता है.  

वेबसाइट की डोमेन डिटेल्स के मुताबिक, bearbull[.]co सिर्फ छह महीने पहले रजिस्टर्ड हुआ था. ऐप को किसी भी ऑफिशियल ऐप स्टोर पर नहीं पाया गया.  आजतक की जांच में पता चला कि bearbull[.]co और 18 अन्य डब्बा ट्रेडिंग साइट्स एक ही IP एड्रेस (148.113.16.91) पर होस्टेड हैं. इन साइट्स के डिजाइन और कोडिंग एक जैसे हैं. इनका संबंध Ovhtech R&D (India) Pvt. Ltd. नामक क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर से पाया गया.  

इनमें से कुछ साइट्स, जैसे deltatrade[.]site, angelone[.]tech, और nextrade[.]pro, नामी और भरोसेमंद ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की नकल करती हैं. इन सभी डोमेन्स का रजिस्ट्रेशन जून 2024 के बाद हुआ है.  

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कैसे काम करता है ठगी का मॉडल?
  
इन सभी साइट्स का तरीका एक जैसा है. ये पहले छोटे इन्वेस्टमेंट पर ज्यादा रिटर्न का वादा कर करके भरोसा जीतते हैं. फिर इन्वेस्टर्स को और पैसे लगाने के लिए उकसाया जाता है. और जैसे ही पर्याप्त पैसा जमा हो जाता है साइट बंद कर दी जाती है.  

जैसे, angelone[.]tech साइट सीधे रजिस्ट्रेशन पेज पर ले जाती है. यहां एक ऑटो-जनरेटेड यूजर ID दी जाती है और पासवर्ड और मोबाइल नंबर भरने को कहा जाता है. आजतक ने एक काल्पनिक मोबाइल नंबर डाला, जिसे बिना किसी वेरिफिकेशन के एक्सेप्ट कर लिया गया. लॉगिन करने पर स्टॉक्स, कमोडिटीज, फ्यूचर्स और यहां तक कि क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग ऑप्शन दिखे.  

डिपॉजिट पेज पर पैसा भेजने के लिए UPI ID और एक बैंक अकाउंट मांगा गया, जो नवी मुंबई के घनसोली स्थित HDFC बैंक ब्रांच में रजिस्टर्ड था. जांच में पता चला कि ये प्लेटफॉर्म्स एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हैं. सभी साइट्स एक ही बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करती हैं और यूजर रजिस्ट्रेशन डेटा शेयर करती हैं.  

प्रमोशन का जाल   

ये स्कैमर्स Telegram, Facebook, और WhatsApp पर ग्रुप्स और चैनल्स के जरिए अपना प्रचार कर रहे हैं.  जैसे, Telegram पर 'Bear & Bull Dabba Trading' नामक ग्रुप में 28,000 यूजर्स जुड़े हैं. यहां एडमिन ट्रेडिंग डिटेल्स शेयर करता है और WhatsApp चैट का लिंक देता है.  

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WhatsApp चैट में हैंडलर ने ₹500 से ट्रेडिंग शुरू करने की सलाह दी और एक APK फाइल भेजी. साथ ही Facebook और Instagram पर स्पॉन्सर्ड एडवर्टाइजमेंट भी चलाई गईं.  

क्या है डब्बा ट्रेडिंग?
  
डब्बा ट्रेडिंग में कोई असली ट्रेड नहीं होता. यह स्टॉक की कीमतों पर सट्टा लगाने जैसा है. इसमें ऑपरेटर एक ब्रोकर की तरह काम करता है और कीमतों पर दांव लगाने की सुविधा देता है. यह पूरी तरह अवैध है और इसमें धोखाधड़ी का खतरा सबसे ज्यादा होता है. सितंबर 2024 में गुजरात पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने एक डब्बा ट्रेडिंग रैकेट का खुलासा किया था, जिसमें ₹27.81 करोड़ का लेन-देन हुआ था.  

डब्बा ट्रेडिंग में न तो कोई कानूनी सुरक्षा है और न ही इन्वेस्टर्स को धोखाधड़ी की स्थिति में कोई मदद मिलती है.

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