Exclusive: 'एग्जाम से एक दिन पहले टेलीग्राम पर लीक हुआ NEET का पेपर', याचिकाकर्ता ने SC में दिखाया ये वीडियो

टेलीग्राम पर मैसेज की वीडियो रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि 4 मई को सुबह 9:01 बजे NEET 2024 का पेपर कथित तौर पर लीक हुआ था. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वीडियो में दिखाया गया प्रश्न पत्र वही पेपर है जो 5 मई की परीक्षा के लिए छात्रों को दिया गया था.

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: सोमवार को नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई : सोमवार को नीट मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

कनु सारदा

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

नीट पेपर लीक विवाद इन दिनों देश में बड़ा मुद्दा बना हुआ है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में नीट पेपर लीक, री-एग्जाम और परीक्षा से जुड़ी अन्य अनियमितताओं पर सुनवाई हुई है. इस पीठ का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और दो अन्य न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा कर रहे थे. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान नीट परीक्षा और पेपर लीक के कई तथ्यों पर बात की है और कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा. सीजेआई के अनुसार, अगली सुनवाई 11 जुलाई को होनी है.

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पेपर लीक का एक्सक्लुसिव वीडियो
इसी बीच आजतक को एक ऐसा एक्सक्लुसिव वीडियो मिला है, जिसका जिक्र सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान किया गया था. हालांकि आजतक इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. 

इस वीडियो में नजर आ रहा है कि दो अलग-अलग टेलीग्राम चैनलों पर मैसेज है. ऑफिशियल ऑनलाइन चैनल आकाश टेस्ट सीरीज़ का है. टेलीग्राम पर मैसेज की वीडियो रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि 4 मई को सुबह 9:01 बजे NEET 2024 का पेपर कथित तौर पर लीक हुआ था. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वीडियो में दिखाया गया प्रश्न पत्र वही पेपर है जो 5 मई की परीक्षा के लिए छात्रों को दिया गया था. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वीडियो इस बात का सबूत है कि परीक्षा निर्धारित होने से पहले पूरा NEET प्रश्न पत्र ऑनलाइन उपलब्ध था. 

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अस्वीकरण: इंडिया टुडे/आजतक ने स्वतंत्र रूप से वीडियो की पुष्टि नहीं की है. NEET परिणाम को रद्द करने की मांग करने वाले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वीडियो वास्तविक है और प्रश्न पत्र लीक का सबूत है. 

सुनवाई में सीजेआई ने क्या-क्या कहा? 
बता दें कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने बहस शुरू करते हुए कहा 9 फरवरी को सभी कैंडिडेट्स ने नीट के लिए आवेदन किए थे. इसके बाद परीक्षा हुई और 4 जून को परिणाम सामने आए. वकील ने बताया कि 5 मई को परीक्षा आयोजित की गई थी और 4 मई को टेलिग्राम पर पेपर के प्रश्न और उत्तर वायरल हो रहे थे. इस पर सीजीआई ने सबसे पहले पूछा कि यह बताइए कि एनटीए ने एग्जाम की घोषणा कब की थी.

पेपर लीक हुआ, यह स्वीकार्य तथ्यः सीजेआई
सीजेआई ने आगे कहा कि सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि लीक हुआ है. हम केवल यह पूछ रहे हैं कि लीक से क्या फर्क हुआ है? हम 23 लाख छात्रों के जीवन से निपट रहे हैं. यह 23 लाख छात्रों की चिंता है जिन्होंने परीक्षा की तैयारी की है, कई ने पेपर देने के लिए काफी ट्रैवल भी किया है. इसमें खर्चा भी हुआ है. इसके बाद सीजेआई ने वकीलों ने पूछा लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं? छात्र कहां हैं? 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है. क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं. क्या हम छात्रों का पता लगा पा रहे हैं? इसमें बहुत से छात्र शामिल हैं. परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय तब ही होगा जब जांच में सामने आएगा कि लीक कैसे और कहां से हुआ है.

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