नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी को कोर्ट से राहत मिली है. हालांकि, पार्टी का सरकार और जांच एजेंसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं थमा है. बुधवार को संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ मोर्चा खोला. संसद परिसर में कांग्रेस सांसदों ने बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया तो अहमदाबाद, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, रांची समेत कई शहरों में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. अहमदाबाद में 100 कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में ले लिए गए.
दरअसल, एक दिन पहले ही दिल्ली की अदालत द्वारा नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद कांग्रेस ने इसे अपनी नैतिक और राजनीतिक जीत बताया है. हालांकि कोर्ट से फौरी राहत मिलने के बावजूद कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन आज सड़कों पर देखने को मिला.
संसद परिसर में कांग्रेस सांसदों का प्रदर्शन
संसद परिसर में कांग्रेस सांसदों ने बैनर और पोस्टर के साथ जोरदार प्रदर्शन किया. सांसदों ने ED और केंद्र सरकार पर विपक्ष को दबाने का आरोप लगाया और नेशनल हेराल्ड मामले को पूरी तरह से राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया. कांग्रेस का कहना है कि कोर्ट का फैसला 'सत्य की जीत' है, लेकिन ED की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस मुद्दे पर देशभर में आंदोलन जारी रखेगी.
लखनऊ में ED के खिलाफ प्रदर्शन
लखनऊ में ED के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन और ज्यादा उग्र होता नजर आया. कांग्रेस पार्टी कार्यालय से शुरू हुआ यह प्रदर्शन बीजेपी कार्यालय की ओर कूच करने लगा. हालात को देखते हुए पुलिस ने रास्ते में बैरिकेडिंग कर दी और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में कार्यकर्ता लगातार आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे. बीजेपी कार्यालय की ओर बढ़ते कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कारण इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की.
चंडीगढ़ में कांग्रेस का प्रदर्शन
चंडीगढ़ में भी नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कांग्रेस ने ED और मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एचएस लक्की के नेतृत्व में किया गया. कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली अदालत के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की याचिका इसलिए खारिज हुई क्योंकि इसमें किसी तयशुदा अपराध से जुड़ी वैध FIR का अभाव था. कोर्ट ने माना कि PMLA के तहत ED की कार्यवाही इस आधार पर बनाए रखने योग्य नहीं है. कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले को 'सत्य की जीत' और 'नैतिक व राजनीतिक विजय' बताया.
अहमदाबाद में पदयात्रा, 100 कांग्रेस कार्यकर्ता हिरासत में
गुजरात के अहमदाबाद में नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट से राहत मिलने के बाद शहर कांग्रेस समिति की ओर से 'सत्यमेव जयते' के नारे के साथ पदयात्रा निकाली गई. इस पदयात्रा का नेतृत्व गुजरात कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने किया. यह पदयात्रा बिना पुलिस अनुमति के शुरू की गई थी. हालांकि बाद में कुछ दूरी तक इसकी अनुमति दी गई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ED और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
पदयात्रा अहमदाबाद स्थित नेहरू ब्रिज के एक कोने से शुरू हुई. दूसरे छोर पर पहुंचते ही पुलिस ने पदयात्रा को समाप्त करने के लिए कहा, लेकिन इसके बाद कांग्रेस नेताओं और पुलिस के बीच घर्षण शुरू हो गया. कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित खानपुर इलाके में मौजूद अहमदाबाद शहर बीजेपी कार्यालय तक पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे. पुलिस ने इस प्रयास को विफल कर दिया, जिसके बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए.
पुलिस और कांग्रेस नेताओं के बीच धक्का-मुक्की के बाद कांग्रेस नेताओं ने सड़क पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने गुजरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा समेत करीब 100 कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
कांग्रेस नेताओं के बयान
गुजरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने आजतक से बातचीत में कहा कि बीजेपी द्वारा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश पूरी तरह असफल रही है. अब बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं बचा है. यह सत्य की जीत है.
वहीं, कांग्रेस नेता लालजी देसाई ने आजतक से कहा कि सत्य अब सबके सामने आ चुका है. बीजेपी और ED की सच्चाई उजागर हो चुकी है. हमें पदयात्रा करने से रोका जा रहा है, लेकिन वह दिन भी आएगा जब ED के अधिकारियों को भी जवाब देना होगा. अहमदाबाद में कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला, प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा, लालजी देसाई और शाहनवाज हुसैन समेत कई नेताओं ने सड़क पर बैठकर धरना दिया.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी विरोध
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के अंदर भी ED की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया. सभी कांग्रेस विधायक हाथों में “सत्यमेव जयते” लिखी तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे. कांग्रेस विधायकों ने दावा किया कि कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को राहत दी है और ED की कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी नेताओं के पोस्टरों पर काली स्याही फेंकी और बड़ी संख्या में रायपुर में बीजेपी हेडक्वार्टर की ओर मार्च किया. प्रदर्शनकारियों ने पार्टी ऑफिस का घेराव करने की कोशिश की और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना और केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया.
रांची में भी विरोध-प्रदर्शन
झारखंड में भी कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. रांची में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य बीजेपी मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. प्रोटेस्ट मार्च बीजेपी दफ्तर तक पहुंचा, जहां कार्यकर्ताओं के हाथों में तख्तियां थीं और केंद्र सरकार तथा ED के खिलाफ नारे लगाए गए. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश कर रहे थे. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों की हत्या कर दी है और लगातार उनका दुरुपयोग किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज होगा और जरूरत पड़ी तो बीजेपी नेताओं को उनके घरों में भी घेराव किया जाएगा.
अतुल तिवारी / कमलजीत संधू / आशीष श्रीवास्तव / सुमी राजाप्पन / सत्यजीत कुमार