उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में स्थित कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के ककराहा रेंज में एक साल की मादा तेंदुआ (लेपर्डेस) मृत हालत में मिली है. प्रारंभिक जांच में आशंका जताई गई है कि तेंदुआ की मौत क्षेत्रीय संघर्ष (Territorial Fight) के दौरान हुई, जिसमें संभवतः एक बड़ा तेंदुआ उसे मारकर खा भी गया.
यह घटना इस साल क्षेत्र में तेंदुओं की तीसरी मौत के रूप में सामने आई है. साल 2024 में अब तक कतर्नियाघाट डिवीजन में 4 तेंदुए और 1 बाघ की मौत हो चुकी है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है.
एजेंसी के अनुसार, वन अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों ने सोमवार को ककरहा रेंज के चंदाहार बीट में भादा नदी के किनारे तेंदुए का शव देखा और इसकी सूचना दी . मंगलवार को प्रभागीय वनाधिकारी बी शिवशंकर ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वन टीम तुरंत मौके पर पहुंची और शव कब्जे में ले लिया. डीएफओ ने कहा कि प्रारंभिक साक्ष्यों से पता चलता है कि तेंदुए की मौत एक बड़े तेंदुए के साथ संघर्ष में हुई होगी, जिसने संघर्ष के बाद उसे खा लिया होगा.
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राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, मंगलवार को तीन पशु चिकित्सकों के पैनल द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया. स्थानीय प्रतिनिधियों, वरिष्ठ वन अधिकारियों और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ परियोजना अधिकारी दबीर हसन की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ. तेंदुए के बॉडी पार्ट्स के सैंपल लिए हैं और उन्हें जांच के लिए बरेली के इज्जतनगर स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा जाएगा.
लखनऊ स्थित वन्यजीव व्यवहार विशेषज्ञ जावेद अख्तर ने कहा कि तेंदुओं के बीच क्षेत्रीय लड़ाई असामान्य नहीं है, लेकिन उनके बीच नरभक्षण एक खतरनाक व्यवहार परिवर्तन है. इससे पहले शनिवार शाम को पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज में तेज रफ्तार भारी वाहन की चपेट में आने से दो साल की मादा तेंदुआ की मौत हो गई थी.
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