प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी चार्जशीट में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एजेंसी का दावा है कि गुरुग्राम के एक कथित जमीन सौदे में वाड्रा को 58 करोड़ रुपये की 'अपराध की कमाई' मिली.
ED के मुताबिक, यह पैसा ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (BBTPL) और स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) के जरिए आया.
इस पैसे का इस्तेमाल अचल संपत्ति खरीदने, निवेश करने और कंपनियों की देनदारियां चुकाने में किया गया.
जमीन सौदे में मिली रकम...
ED की चार्जशीट के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा को गुरुग्राम में एक जमीन सौदे के तहत 58 करोड़ रुपये की 'अपराध की कमाई' मिली. इनमें से 5 करोड़ रुपये ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिए और 53 करोड़ रुपये स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए आए. ED का आरोप है कि वाड्रा ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल कर यह जमीन सौदा किया. इस रकम का इस्तेमाल वाड्रा ने कई संपत्तियां खरीदने और ग्रुप कंपनियों की देनदारियां चुकाने में किया.
डीएलएफ और लाइसेंस...
ED ने अपनी जांच में बताया कि स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) को गुरुग्राम के शिकोहपुर में 3.53 एकड़ जमीन पर कमर्शियल कॉलोनी का लाइसेंस दिया गया था, जो नियमों का उल्लंघन था. यह लाइसेंस कथित तौर पर वाड्रा के प्रभाव की वजह से जल्दी मिला, जबकि प्लॉट में सड़क और अन्य जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं था.
ED के मुताबिक, SLHPL ने 2008 में डीएलएफ रिटेल डेवलपर्स लिमिटेड के साथ एक समझौता किया, जिसके बाद 2008 से 2012 के बीच 58 करोड़ रुपये वाड्रा से जुड़ी कंपनियों को दिए गए.
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संपत्ति की खरीद और लेनदेन
जांचकर्ताओं का आरोप है कि 58 करोड़ रुपये की यह रकम कई कंपनियों जैसे स्काई लाइट रियल्टी, रियल अर्थ एस्टेट्स, ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग, लंबोदर आर्ट्स, नॉर्थ इंडिया आईटी पार्क्स और उनकी प्रोप्राइटरशिप फर्म M/s Artex के जरिए भेजी गई थी. इस पैसे से डीएलएफ मैगनोलियास में लक्जरी अपार्टमेंट्स, बेस्टेक बिजनेस टावर्स में कमर्शियल स्पेस और राजस्थान में कृषि भूमि सहित कई संपत्तियां खरीदी गईं.
ED का यह भी दावा है कि बाद में कई संपत्तियों को बेच दिया गया और उनके पैसे को कई ग्रुप कंपनियों के जरिए घुमाया गया, जिससे फंड के सोर्स को छिपाया जा सके.
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