'इस अपराधी को किसी केस में जमानत न मिले', कुलदीप सेंगर पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर को राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने सेंगर मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस अपराधी को जमानत नहीं मिलनी चाहिए.

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कुलदीप सेंगर की राहत पर सुप्रीम स्टे (Photo: ITG) कुलदीप सेंगर की राहत पर सुप्रीम स्टे (Photo: ITG)

संजय शर्मा / अनीषा माथुर / नलिनी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

उन्नाव रेप केस में सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोप गंभीर हैं. इस अपराधी को किसी भी मामले में जमानत नहीं मिलनी चाहिए. सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली बेंच ने सेंगर के वकील को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब चार हफ्ते बाद होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की शुरुआत में ही यह साफ कहा कि हम फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में हैं और बहस सिर्फ स्टे के मुद्दे पर ही होगी. कोर्ट ने कहा कि सेंगर दूसरे मामले में जेल में बंद है, स्थिति अजीब है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं कर रहे हैं. कुलदीप सेंगर के वकील ने हस्तक्षेप की अनुमति देने की अपील की. इस पर कोर्ट ने नोटिस  जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा कि सेंगर को रिहा नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित को अलग से नअलग से एसएलपी दाखिल करने का अधिकार है. इसके लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं है.

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सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि उसे (सेंगर को) न्यायपालिका की ओर से ही दोषी ठहराया गया है. पीड़िता के वकील ने कहा कि पीड़ित परिवार अब भी खतरे में है. इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको अपील दायर करने का अधिकार भी है. आपके पास कानूनी उपाय उपलब्ध हैं. कुलदीप सेंगर के वकीलों ने सीजेआई से कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के जजों की तस्वीरें इस टिप्पणी के साथ वायरल की जा रही हैं कि इन जजों की पहचान करें.

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सीजेआई ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि हमें पता है कि लोग राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं. व्यवस्था को डराने-धमकाने की कोशिश ना करें. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि आप इन सब चीजों को सड़कों पर नहीं ला सकते. बहस कोर्ट के भीतर करें, बाहर नहीं. कोर्ट में अगली सुनवाई अब अगले महीने होगी.

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