विदेश मंत्री एस जयशंकर की किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. उन्होंने बुधवार को अपनी इसी किताब के विमोचन के मौके पर भारत की वैश्विक प्रगति को लेकर रामायण का भी जिक्र किया.
उन्होंने अपनी किताब में भारत की प्रगति को लेकर रामायण के उस संदर्भ का उल्लेख किया, जहां भगवान राम धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते हैं, जो एक तरह से उनके शौर्य का प्रतीक था. इसकी भारत से तुलना करते हुए जयशंकर कहते हैं कि भारत भी इसी पल के बेहद करीब है.
वह कहते हैं कि हम भी ऐसे ही स्तर पर पहुंच गए हैं. मैंने किताब में भी कहा है कि राम को कई बार मुश्किलों से गुजरना पड़ा था. और भारत भी कई बार अग्निपरीक्षा दे चुका है.
'हर राम को एक लक्ष्मण की जरूरत होती है'
उन्होंने कहा कि रामायण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट हुए हैं. हमें राम और लक्ष्मण के रूप में एक महान साझेदारी भी देखने को मिली हैं.
रामायाण में कई बेहतरीन डिप्लोमैट थे. हर कोई हनुमान की बात करता है. लेकिन वहां अंगद भी थे. हर किसी ने कूटनीतिक स्तर पर अपना योगदान दिया है. भारत में हम राम-लक्ष्मण की जोड़ी का नाम लेते हैं. इसका मतलब है कि कभी ना बिछड़ने वाले दो भाई. हर राम को एक लक्ष्मण की जरूरत होती है. अगर आपके पास भरोसेमंद दोस्त और सहयोगी हैं तो उससे सभी का भला होता है.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के लिए फ्रांस लक्ष्मण है? इस पर जयशंकर कहते हैं कि किताब में फ्रांस पर एक पूरा चैप्टर है, जिसमें कई बार लक्ष्मण का जिक्र किया गया है. जयशंकर ने दशरथ के चार बेटों राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का उल्लेख करते हुए क्वाड पर बात की है.
उन्होंने कहा कि अगर मैं क्वाड की बात करूं तो उसकी तुलना दशरथ के चार बेटों राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के तौर पर होगी, जो कई मायनों में प्रतिस्पर्धी भी हैं लेकिन उनमें मौलिक समानताएं भी हैं. एक वाकया है, जब राम को वनवास दे दिया गया था, लक्ष्मण उनके साथ गए थे. जंगल में राम और लक्ष्मण से मिलने बाकी के दोनों भाई गए थे. उनमें एक समानता थी, जो उन्हें जोड़े हुए थी. ठीक ऐसा ही क्वाड के साथ भी है. हम अलग-अलग होते हुए भी एक साथ हैं. यही हमारी यानी क्वाड की विशेषता है.
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