'एयरलाइन शुरू करने का यह सबसे अच्छा समय...', एविएशन मिनिस्टर बोले - IndiGo की मोनोपॉली पर कड़ी नजर

केंद्र ने संसद में बताया कि इंडिगो का संकट किसी नियम बदलाव के कारण नहीं, बल्कि एयरलाइन की रोस्टर और आंतरिक प्लानिंग की गड़बड़ी से पैदा हुआ. मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि मंत्रालय लगातार संपर्क में था और अब जांच समिति बनाई गई है.

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मंत्री राम मोहन नायडू बोले सभी ऑपरेटर्स को नियम मानने ही होंगे (Photo: PTI) मंत्री राम मोहन नायडू बोले सभी ऑपरेटर्स को नियम मानने ही होंगे (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST

राज्यसभा में सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो फ्लाइट संकट पर विस्तृत बयान दिया. उन्होंने साफ कहा कि यह संकट किसी नियम बदलाव या सरकारी कदम की वजह से नहीं, बल्कि एयरलाइन की अपनी रोस्टर मैनेजमेंट और आंतरिक प्लानिंग में गलती से पैदा हुआ. 

मंत्री ने बताया कि मंत्रालय शुरुआत से ही हालात पर नजर रखे हुए था और एयरलाइन से लगातार बात कर रहा था.

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उन्होंने कहा कि 1 नवंबर को मंत्रालय और इंडिगो के बीच बैठक हुई थी, जिसमें एयरलाइन ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे और सरकार ने उन्हें दे दिए थे. इसके बावजूद कंपनी अपने क्रू रोस्टर को संभाल नहीं सकी और बड़ी संख्या में उड़ानें प्रभावित हो गईं. 

मंत्री ने कहा कि 1 दिसंबर को भी मंत्रालय ने इंडिगो से बात की थी और एयरलाइन ने भरोसा दिलाया था कि सिस्टम दुरुस्त है, लेकिन स्थिति इसके विपरीत निकली.

नायडू ने कहा कि सरकार भारत की एविएशन इंडस्ट्री को दुनिया के टॉप स्टैंडर्ड तक पहुंचाना चाहती है और इस समय देश में एयरलाइन शुरू करने के लिए बेहतरीन माहौल है. लेकिन इसके साथ उन्होंने साफ चेतावनी दी कि किसी भी तरह की मिस-कंप्लायंस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि एक औपचारिक जांच समिति बना दी गई है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारी तय की जाएगी.

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मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पायलटों की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए जो नए दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं, वे हाईकोर्ट के आदेश के तहत बने हैं और सभी एयरलाइंस को इन्हें मानना ही होगा. उन्होंने कहा कि सरकार पायलटों की सुरक्षा, सिस्टम की विश्वसनीयता और यात्रियों के भरोसे को सर्वोच्च मानती है.

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यात्रियों की शिकायतों पर बात करते हुए नायडू ने कहा कि नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (CARs) पहले से मौजूद हैं और एयरलाइंस को इन्हें फॉलो करना ही होगा. देरी या रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को रिफंड और दूसरी सुविधा देना एयरलाइन की जिम्मेदारी है.

देशभर में फ्लाइट संकट का असर सातवें दिन भी जारी रहा और सोमवार को 450 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की भारी भीड़ और लंबे इंतजार देखने को मिले. रविवार को इंडिगो ने 650 फ्लाइट्स रद्द की थीं और दो दिन पहले यह संख्या 1000 से भी ऊपर थी.

कंपनी का कहना है कि पायलटों की कमी और FDTL नियमों के पूरी तरह लागू होने के बाद स्थिति बिगड़ी. सरकार ने नियमों को अस्थायी रूप से रोका है ताकि एयरलाइन सामान्य संचालन की ओर लौट सके. इंडिगो ने कहा है कि वे 10 दिसंबर तक हालात को काफी हद तक सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं.
 

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