भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शुक्रवार को पणजी में SCO समिट में आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि भारत सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा.एस जयशंकर के इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टों ने भी अपने संबोधन में आतंकवाद, पाकिस्तान में गरीबी जैसे मुद्दों का जिक्र किया.
आतंकवाद पर बात करते हुए बिलावल भुट्टों ने कहा कि आतंकवाद पर वे सिर्फ पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं बोल रहे, बल्कि उस बेटे के रूप में भी बोल रहे हैं, जिसकी मां की आतंकवादियों के हाथों हत्या कर दी गई. बिलावल ने कहा, आतंकवाद से हो रहे नुकसान के दर्द को मैं महसूस कर सकता हूं. आइए जानते हैं बिलावल ने अपने संबोधन में क्या क्या कहा?
आतंकवाद पर क्या बोले बिलावल?
आतंकवाद के मुद्दे पर बोलते हुए बिलावल ने कहा, हमारे लोगों की सामूहिक सुरक्षा हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है. आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है. हमें आतंकवाद को कूटनीतिक हथियार बनाने के चक्कर में पड़ने से बचना चाहिए.
उन्होंने कहा, जब मैं इस विषय पर बोल रहा हूं, तो मैं केवल पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में ही नहीं बोलता हूं, जिसके लोगों ने हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान उठाया.बल्कि मैं उस बेटे के रूप में भी बोल रहा हूं, जिसकी मां की आतंकवादियों के हाथों हत्या कर दी गई थी. मैं दुनिया भर के पीड़ितों के साथ सहानुभूति रखता हूं, मैं इस दर्द को महसूस कर सकता हूं.जैसा अधिकांश बाकी लोग नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा, मैं और मेरा देश इस खतरे से निपटने के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. इसके लिए न केवल व्यापक दृष्टिकोण बल्कि सामूहिक दृष्टिकोण की भी आवश्यकता है.
बिलावल ने कहा, हमें मूल कारणों के साथ-साथ विशिष्ट समूहों द्वारा उत्पन्न खतरों को भी संबोधित करना चाहिए. इसके लिए आवश्यक है कि हम इस चुनौती से लड़ने के लिए एकजुट होने की जरूरत, न कि हमें इसका शिकार बनने के लिए विभाजित होने की जरूरत है.
भारत ने आतंकवाद पर लगाई फटकार
इससे पहले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने SCO परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने पाकिस्तान, चीन समेत सभी SCO सदस्य देशों के सामने साफ कर दिया कि भारत सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा, हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा. आतंकवाद को अभी भी हराया नहीं जा सका. आतंकवाद से मुकाबला हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है.
पाकिस्तान की गरीबी पर क्या बोले बिलावल?
उन्होंने एससीओ देशों के तहत आने वाले क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, गरीबी अभी भी इस क्षेत्र को त्रस्त कर रही है. ऐसे में हम केवल साझा प्रयासों और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखकर ही इस चुनौती से पार पा सकते हैं. चीन ने हमें आशा दी है, हमें दिखाया है कि यह कैसे किया जा सकता है. 40 सालों से भी कम समय में 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला.
बिलावल ने कहा, पाकिस्तान को बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम पर गर्व है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तारीफ हुई है. इस योजना ने महिला सशक्तिकरण के साथ गरीबी से निपटने में क्रांति लाई है. गरीबी के खिलाफ लगातार कदम उठाते वक्त कोरोना और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी बाधाएं भी आईं. हमें अपनी प्राथमिकताओं को सीधे सेट करने की जरूरत है. हमें गरीबी को इतिहास बनाना है.
बिलावल ने कहा, पाकिस्तान गरीबी उन्मूलन पर विशेष कार्य समूह की स्थापना का प्रस्ताव रखता है. यह उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.उन्होंने कहा, एससीओ रचनात्मक और परस्पर लाभकारी सहयोग के माध्यम से आपसी समझ, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में उभरा है.
गीता मोहन