मणिपुर के हालातों पर आज MHA की हाई लेवल मीटिंग, सुरक्षा एजेंसियों के चीफ से बात करेंगे अमित शाह

Manipur Violence: मणिपुर के हालातों को लेकर आज गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, IB चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे.

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मणिपुर हिंसा. (सांकेतिक फोटो) मणिपुर हिंसा. (सांकेतिक फोटो)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

Manipur Violence News: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा की घटनाएं सामने आने लगी हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आज 12 बजे हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई है. 

इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, IB चीफ, एडिशनल सेक्रेटरी (नॉर्थ ईस्ट), स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी), अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारी के साथ साथ मणिपुर के आला अफसर शामिल रहेंगे.

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बता दें कि इससे पहले मणिपुर के ताजा हालात पर एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी. बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को लेकर समीक्षा की गई.

गृह मंत्रालय ने अब तक क्या-क्या किया?

> MHA ने 15 अक्टूबर को मणिपुर की कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए कड़े निर्देश सुरक्षा बलों को दिए थे.

MHA ने 3 मणिपुर से जुड़े केस NIA को सौंपें हैं, जिसमें CRPF कैम्प पर हमला, अपहरण और महिलाओं और बच्चों की हत्या का मामला शामिल है.

MHA के निर्देश पर CRPF के DG अनीश दयाल को मणिपुर ग्राउंड की स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा गया था.

2000 CAPF के अतिरिक्त जवान मणिपुर भेजे जा चुके हैं.

पिछले महीने ही मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए मणिपुर के एक डेलिगेशन से गृह सचिव ने मुलाकात की थी, जिसमें शांति व्यवस्था के लिए उठाए गए कदमो की समीक्षा की गई थी.

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उग्रवादियों कई MLA's के घर बोला धावा

बता दें कि 16 नवंबर को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने इंफाल घाटी में कई विधायकों और मंत्रियों के आवासों पर धावा बोल दिया था. उग्र भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास पर भी हमला करने की कोशिश की. इस मामले में पुलिस ने संपत्तियों में कथित तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने इलाके में फेक न्यूज को रोकने के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस सस्पेंड कर दी गई है. और अगली सूचना तक कर्फ्यू लगाया दिया है.

जिरीबाम जिले में भी हुई थी हिंसा

इससे पहले 11 नवंबर को मणिपुर के जिरीबाम जिले में बोरोब्रेका पुलिस स्टेशन को हथियारबंद उग्रवादियों ने निशाना बनाया था. इस पुलिस स्टेशन में सीआरपीएफ ने अपना कैम्प बनाया है और पास में ही एक राहत शिविर चलता है. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में सीआरपीएफ ने 11 कुकी उग्रवादियों को ढेर कर दिया था. सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के बाद पीछे हटते समय उग्रवादियों ने बोरोब्रेका रिलीफ कैंप से 6 लोगों का अपहरण कर लिया था.

गत 15 नवंबर मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास एक महिला और दो बच्चों के शव पाए गए, जिनके बारे में संदेह है कि ये जिरीबाम जिले के छह लापता लोगों में से हैं. तीन शव मिलने के बाद इंफाल घाटी में मैतेई समुदाय ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया और सरकार को 24 घंटे के अंदर इस अपहरण और हत्याकांड में के लिए जिम्मेदार उग्रवादियों को पकड़ने का अल्टीमेटम दिया.

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