संसद के चालू शीतकालीन सत्र के सातवें दिन आज लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा हो रही है. संसद के निचले सदन में हो रही इस बड़ी डिबेट में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम की विश्वसनीयता और राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुमनाम चंदे तक, हर पहलू पर बात होगी. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस चर्चा की शुरुआत की है.
लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई है. राजस्थान से बीजेपी के सांसद पीपी चौधरी ने चुनाव सुधार पर विस्तार से अपनी बात रखी. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा- सीनियर अधिवक्ता पीपी चौधरी ने विस्तार से अपनी बात रख दी है, इसलिए सदन की. सदन में ठहाके गूंज उठे. स्पीकर ने आगे कहा कि अपना भाषण पूरा करके तुरंत जाते नहीं हैं. स्पीकर ने इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया. इससे पहले उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग बाकी रह गए हैं, उनको कल मौका दे देंगे.
यूपी की घोसी सीट से सपा सांसद राजीव राय ने कहा कि एसआईआर शुरू होने से एक महीने पहले ही 615 पेज के 15 हजार वोट काट दिए गए हैं. इस पर लिखा है, एप्लिकेशन हैज बीन एक्सेप्टेड. किसने एप्लिकेशन दिया था भाई. लोकतंत्र की रक्षा करने वाली संस्था मुझे कह रही है कि पार्लियामेंट छोड़कर लखनऊ आ जाइए. उन्होंने एक पन्ना दिखाया और कहा कि इसमें ऑब्जेक्शन हुआ है नागरिकता के आधार पर. ऑब्जेक्शन देने वाला और जिस पर ऑब्जेक्शन हुआ है, दोनों एक ही व्यक्ति हैं. जब राजीव राय यह ऑब्जेक्शन करने गए कि राजीव राय भारत के नागरिक नहीं हैं, तो राजीव राय को पकड़कर जेल में क्यों नहीं डाल दिया गया. ट्रेन बुक कर दीजिए, हम ट्रेन के ट्रेन भरकर ऐसे लोगों को लाकर सदन में खड़ा कर दूंगा, जिनके नाम काटे गए हैं. 2003 में एसआईआर हुआ था, तब कौन सा बैक डेट का मांगा था. बीजेपी के लोग दिल्ली चुनाव में वोट डाल स्याही दिखाते हैं और बिहार में भी वोट करके फोटो डालते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा कर लिया. रामपुर में दो लोगों पर एफआईआर हो गई, क्योंकि वे दुबई में हैं. यूपी के मुख्यमंत्री ने डुगडुगी बजाकर युवाओं को इजरायल लड़ाई के मैदान में झाड़ू पोछा लगाने के लिए भेज दिया. उनसे पूछना चाहता हू
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग का कार्य है. चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है. उसके कार्यों पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती. हम तो चुनाव सुधार पर चर्चा के लिए पहले भी तैयार थे, अगर ये (विपक्ष) मान जाते तो हम तभी चर्चा कर लिए होते. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं के लिए चुनाव आयोग का क्या महत्व था, यह इसी से समझा जा सकता है कि संविधान लागू होने से एक दिन पहले चुनाव आयोग की स्थापना हो गई. मेघवाल ने कहा कि एसआईआर कांग्रेस की सरकारों में भी छह-ृसात बार हो चुकी है. पिछले दो दशकों में कोई एसआईआर नहीं हुआ था, क्योंकि इस दौरान रैपिड अर्बनाइजेशन हुआ. इससे कौन कहां रहता है, यह पता करने में दिक्कत थी. एसआईआर को लेकर विपक्ष के आरोप निराधार हैं. उम्र भर इस भूल में जीते रहे गालिब, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करते रहे... कांग्रेस वोट चोरी के काले कारनामों से बाज नहीं आई.1951 में बाबा साहब का चुनाव हुआ, मुंबई उत्तर से 17 हजार कुछ वोट से हारे और कांग्रेस ने 74 हजार 33 हजार 33 वोट खारिज करा दिया. बाबा साहब ने 21 अप्रैल 1952 को 18 पन्नों की याचिका दायर की चुनाव आयोग के सामने. दूसरा उदाहरण इंदिरा गांधी का है. रायबरेली का चुनाव वोट चोरी का सबसे घिनौना उदाहरण है. हमारी सरकार ने नियुक्तियों से जुड़ा विधेयक पारित किया, जिसका उद्देश्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कानून बनाना था. एसआईआर पर यह सुप्रीम कोर्ट गए, कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि निर्वाचन आयोग को पूरे देश में एसआईआर की प्रक्रिया का वैधानिक और संवैधानिक हक है.
निशिकांत दुबे ने एक पुस्तक दिखाते हुए कहा कि किस तरह से कांग्रेस ने मुस्लिम परस्त राजनीति की, इसका पूरा हिसाब किताब इस किताब में है. मुस्लिम लीग कह रही है कि लोकसभा और विधानसभा की अलग सीट हमको दो, नहीं तो हम भारत का विभाजन कर देंगे. 1937 का चुनाव आ गया, उसमें किस कदर फ्रेंडली फाइट हो रही थी. इसे इससे समझ सकते हैं कि जिन्ना ने कांग्रेस के खिलाफ बयान दिया, तो नेहरू चिट्ठी लिखते हैं कि तुम मेरे खिलाफ क्यों बोल रहे हो. उन्होंने जनसंख्या के आंकड़े बताते हुए कहा कि 2011 में बंगाल की कुल जनसंख्या 9 करोड़ 13 लाख थी. इसमें 6 करोड़ से ज्यादा हिंदू थे. दार्जिलिंग, दिनाजपुर समेत कुछ ऐसे जिले हैं, जिनकी आबादी की तुलना 1951 से करना चाहता हूं. निशिकांत दुबे ने कहा कि संथाल परगना में 1951 में आदिवासियों की आबादी 45 परसेंट थी. 2011 की जनगणना में यह केवल 28 फीसदी है. डीलिमिटेशन हुआ 2008 में लोकसभा की एक और विधानसभा की तीन सीटें खत्म होने लगी. सभी दलों ने फैसला किया कि आदिवासी सीट कम नहीं होनी चाहिए. आज जनगणना होगी, तो आबादी 23-24 परसेंट होगी. पूरे देश में मुस्लिम चार परसेंट बढ़े हैं, 24 परगना में 14 परसेंट कैसे बढ़े. कोलकाता
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द करने के कोर्ट के फैसले का जिक्र किया और मनीष तिवारी के राजीव गांधी सरकार में सबसे बड़े चुनाव सुधार वाले दावे का उल्लेख करते हुए पलटवार किया. उन्होंने कहा कि 1971 की स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट है. निशिकांत दुबे ने दावा किया कि इसमें अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का योगदान था. इसको भी कांग्रेस ने 16 साल लटकाए रखा. उन्होंने फारबिसगंज-चनपटिया से लेकर रामगढ़ तक, एसआईआर से डिलीट हुए वोट और जीत के आंकड़े बताए और कहा कि हम जीतने के लिए नहीं, देश के लिए राजनीति करते हैं. निशिकांत दुबे ने कहा कि एसआईआर में मेरे मां-पिता का नाम कटा है. वह लोग मेरे साथ दिल्ली में रहते हैं, मुझे खुशी है कि उनका नाम कटा. उन्होंने आजमनगर के तजिमुल के 70 साल की उम्र में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने जाने का जिक्र किया और कहा कि वोट डिलीट होने का फायदा आरजेडी-कांग्रेस को हुआ.
निशिकांत दुबे ने 24 नवंबर 1980 को लालकृष्ण आडवाणी के चुनाव सुधार पर प्रश्न को कोट किया, जिसका जवाब शिवशंकर ने दिया था. इस जवाब में कहा गया था कि चुनाव आयोग बहुत ही ईमानदारी से काम कर रहा है. इसलिए इसमें विपक्ष के किसी आदमी की सहभागिता की जरूरत नहीं है. केवल क्रिश्चियनिटी को बढ़ाने वाले नवीन चावला को मदर टेरेसा पर किताब लिखने के लिए आपने चुनाव आयुक्त बना दिया. आपने गिल को 10 साल सरकार में मंत्री भी बनाए रखा. 64 साल तक आप जिसको मर्जी, चुनाव आयुक्त बनाते रहे. हमने कम से कम एक कमेटी तो बना दी. 1980 में आपने कहा कि हम ईवीएम लाने वाले हैं, आज आप उसी ईवीएम के खिलाफ बोल रहे हैं. तारपुंडे कमेटी और गोस्वामी कमेटी की रिपोर्ट है. तारपुंडे कमेटी ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स की सिफारिश की थी. पहली बार एक कानून मंत्री गोखले एक जेपीसी के सदस्य थे.
निशिकांत दुबे ने कहा कि इस देश में केवल तीन ही प्राइवेट मेंबर रिजॉल्यूशन पास हुए हैं. एक रिजॉल्यूशन पास हुआ था लालकृष्ण आडवाणी का. इसी का नतीजा है कि ईवीएम और आज जितने चुनाव सुधार दिख रहे हैं, वह सब उसी की देन है. दूसरा खुशनसीब सांसद मैं हूं, जिसका प्राइवेट मेंबर रिजॉल्यूशन पास हुआ अनुच्छेद 370 और 35 ए पर. उन्होंने कहा कि आज राहुल गांधी को सुनने के लिए आया था. कसम खाकर आया था कि आज केवल नेहरू की, इंदिरा गांधी की, राजीव गांधी की बड़ाई करूंगा. सभी कमेटियां नेहरू ने ही बनाई थीं. यह कांग्रेस जिन्ना से लेकर सलमान रश्दी तक वोट बैंक के तुष्टिकरण में फंसी है. यह मजहरूल हक से लेकर शाहबानो तक और बाबरी से लेकर राजा महमूदाबाद तक, तुष्टिकरण की राजनीति में फंसी हुई है. राम मंदिर में आजतक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी कोई नहीं गया.
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव सुधार जरूरी हैं. मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट सभी राजनीतिक दलों को चुनाव से एक महीने पहले दी जानी चाहिए. सीसीटीवी फुटेज डिस्ट्रॉय करने का नियम भी बदला जाना चाहिए. हमें ईवीएम देखने के लिए दी जाए. वोट चोरी एंटी नेशनल काम है. हम महान लोकतंत्र हैं. सरकार चुनाव सुधार नहीं चाहती.
राहुल गांधी ने कहा कि एक ब्राजीलियन महिला की फोटो 22 बार छपी है वोटर लिस्ट पर हरियाणा में. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप नेता प्रतिपक्ष हैं, गरिमा से बोलेंगे तो ठीक है. नहीं तो इस तरह से सदन नहीं चलेगा. आप अपने सदस्यों को गरिमा समझाइए. विरोध का तरीका होता है, लेकिन ये तरीका उचित है क्या. राहुल गांधी ने कहा कि सीईसी को कंट्रोल करने का क्या मतलब है. वह तस्वीरें यहां नहीं दिखाना चाहता, लेकिन यह चुनाव की चोरी का सवाल है. उन्होंने चुनाव आयोग पर प्रूफ के साथ अपने सीधे सवालों के जवाब नहीं देने के लिए चुनाव आयोग को घएरा और कहा कि बिहार में एसआईआर के बाद वोटर लिस्ट में एक लाख 22 हजार डुप्लीकेट फोटो छपी हैं. ऐसे कैसे रह गया. हमने हरियाणा और महाराष्ट्र में वोट चोरी साबित की.
राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष के हंगामे पर कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है. शिक्षण संस्थाओं पर कब्जा किया गया है. वीसी की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं, एक संगठन से जुड़ाव के आधार पर की गई है. सीबीआई, ईडी पर भी एक संस्था से जुड़े लोगों ने कब्जा किया गया है. तीसरी संस्था चुनाव आयोग पर भी एक संस्था का कब्जा है, जो देश में चुनाव को कंट्रोल करती है. मेरे पास इसके सबूत हैं. बीजेपी लोकतंत्र को डैमेज करने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है. सीजेआई को सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया से हटाया गया. मैं बैठा था, एक तरफ पीएम मोदी और अमित शाह बैठे थे और दूसरी तरफ मैं. किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. दिसंबर 2023 में नियम बदल यह प्रावधान किया कि किसी भी चुनाव आयुक्त को दंडित नहीं किया जा सकता. यह 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया. सीसीटीवी और डेटा को लेकर नियम बदले गए. सत्ता के साथ चुनाव आयोग का तालमेल है. यह डेटा का सवाल नहीं, चुनाव का सवाल है.
राहुल गांधी ने कहा कि देश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति आरएसएस के हैं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि आप चुनाव सुधार पर ही बोलिए, किसी संगठन का नाम मत लीजिए. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम सभी लोग नेता प्रतिपक्ष को सुनने के लिए ही बैठे हैं. अगर वह विषय पर ही नहीं बोलेंगे, तो क्यों समय खराब कर रहे हैं सबका.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी चुनाव सुधार पर हो रही डिबेट में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि खादी न सिर्फ एक वस्त्र है, यह भारत की आत्मा है. हर क्षेत्र की पहचान अलग-अलग कपड़ों के लिए है. राहुल गांधी ने असमिया गमछे से लेकर कांचीपुरम साड़ी तक की चर्चा की और कहा कि हमारा देश भी एक फैब्रिक की तरह है. देश की झलक देश का पहनावा है. देश के सारे धागे एक जैसे हैं. हमारा देश 150 करोड़ लोगों से बना है. देश के सारे धागे एक जैसे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस सभी संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है. नाथूराम गोडसे ने गांधी को मारा. यह असहज करने वाला सत्य है.
यूपी के अंबेडकर नगर से सपा के सांसद लालजी वर्मा ने चुनाव से एक साल पहले से कोई नई योजना शुरू करने पर रोक लगाने की मांग की और कहा कि जब तक कोई खुद नहीं आवेदन करता, तब उसका नाम वोटर लिस्ट से न हटाया जाए. 18 साल की उम्र होते ही वोटर का नाम मतदाता सूची में शामिल करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. लालजी वर्मा ने अपने पहले चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि तब मुझे 500 रुपये घर से मिला था और जनता के चंदे से चुनाव लड़ा. अब चुनाव धन्नासेठों का हो गया है.
आरजेडी के अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि ललन सिंह अभी परिवारवाद की बात कर रहे थे. हमने अभी चुनाव में देखा कि एक पति अपनी पत्नी को, एक ससुर अपनी बहु को. एक समधी अपनी समधन को, एक मामा अपने भांजे को सिंबल दे रहे थे. मंत्रिमंडल के गठन में भी एक लोग बिना किसी सदन का सदस्य हुए ही मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. उन्होंने एनडीए पर तंज करते हुए कहा कि 20 साल से आप सत्ता में हैं और अभी भी आप जंगलराज-जंगलराज करते हैं. समस्तीपुर में वीवीपैट स्लिप सड़क किनारे पाई गई. चुनाव आयोग ने कहा कि यह मॉक पोल की स्लिप थी. अगर ऐसा ही था, तो अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों हुई. पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं. आचार संहिता 6 अक्तूबर को लागू हुई और चुनाव के बीच सरकार ने महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में भेजी गई. क्या यह वोट खरीदने का सरकारी इंतजाम नहीं था. क्या यह चुनाव आयोग को दिखाई नहीं दिया या दिखाई देने की अनुमति नहीं थी. आशा कार्यकत्रियों पर दबाव डाला गया कि फंड तभी मिलेगा, जब दल विशेष का साथ दोगे. यह जनादेश नहीं, जनादेश का प्रबंधन था. हम आग्रह करेंगे कि ईवीएम खत्म कर बैलट से चुनाव कराकर देख लीजिए कि आपमें कितनी ताकत
शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के सांसद श्रीकांत शिंदे ने लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरानकहा कि 18 साल की उम्र में युवा जब वोट देकर नई सरकार चुन रहे हैं, उनको खुद चुनाव लड़ने का भी अधिकार दिया जाना चाहिए. चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र सीमा 18 या 21 साल किया जाना चाहिए. उन्होंने एसआईआर का समर्थन किया और कहा कि पंचायत चुनाव से लेकर संसदीय चुनाव तक, हर चुनाव के लिए एक ही वोटर लिस्ट होनी चाहिए. श्रीकांत शिंदे ने बालासाहब ठाकरे को याद करते हुए उद्धव ठाकरे गुट पर तंज किया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से कटवाने वाली कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े हैं.
सुप्रिया सुले ने पंचायत चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसा महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार हुआ, कि फॉर्म में गड़बड़, फिर आरक्षण में गड़बड़. बीजेपी नेता के घर में हार्ड कैश पकड़ा गया. यह एक उदाहरण नहीं, ऐसे 10 उदाहरण दे सकती हूं. महाराष्ट्र के इतिहास में कभी हिंसा नहीं हुई है, बंदूकें भी दिखाई गई. गाड़ियां तोड़ी गई, पत्थर फेंके गए. प्रधानमंत्री ने इसी सदन में कहा था नोटबंदी पर चर्चा के दौरान कि काला धन निकाल देंगे. यह कैश कहां से आया, मांग करती हूं कि इसकी जांच हो. यह बड़ा रैकेट चल रहा है. यह देशभक्ति का उदाहरण है. पूछना चाहती हूं कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ और अब सब साफ हो गया. जो भी चुनाव हों, वह फेयर हों. हम पर भी बहुत आरोप होते हैं परिवारवाद को लेकर. मैं तो हूं परिवारवाद. गर्व से कहती हूं. बहुत सारे परिवारवाद उधर भी हैं. प्रधानमंत्री विश्वगुरु सबसे लोकप्रिय हैं, उनके खिलाफ भी कोई लड़ता तो है न. महाराष्ट्र में क्या हुआ, पूरी लिस्ट है. जामियार से गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन समेत कई नाम गिनाए और कहा कि चुनाव हुए ही नहीं. सभी मंत्रियों के परिवार से हैं. सुप्रिया सुले ने एंटी डिफेक्शन लॉ पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बदल गया और पार्टी का संविधान क्या कहता है, यह किसी ने नहीं देखा. मुझे सिंबल के लिए कोर्ट जाना पड़ा. कोर्ट नहीं गई होती तो यहां सांसद नहीं होती.
शिवसेना (यूबीटी) के अनिल देसाई ने कहा कि एंटी डिफेक्शन लॉ की भी धज्जियां उड़ाई गई हैं महाराष्ट्र में. पूरे देश ने वह देखा है. सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा और उसके बाद स्पीकर निर्णय के साथ सामने आए. पूरा देश इसका गवाह है. उन्होंने कहा कि नियम है कि छह महीने पहले से सरकार राजनीतिक विज्ञापनों पर खर्च नहीं करेगी, लेकिन ऐसा हो रहा है. पेड़ न्यूज पर खर्च हो रहा है. ईवीएम में भी बहुत सारी खामियां हैं. वीवीपैट लगाया जाए सभी में, जिससे यह पता चले वोटर को कि उसका वोट किसे गया है. बैलट से चुनाव कराया जाए.
ललन सिंह ने कहा कि बिहार में नतीजा आने से पहले ही शपथग्रहण की तारीख बता दिया था. उनका क्या हश्र हुआ, लोगों ने देख लिया. जहां-जहां गए, 20 जिलों की यात्रा की, वहां-वहां साफ हो गए. उन्होंने राहुल गांधी पर तंज करते हुए कहा कि पहले संविधान की किताब लेकर घूमते थे. आजकल नहीं दिखा रहे, क्योंकि संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी संविधान के खिलाफ काम करती है. करुणानिधि भी जेल गए थे. हम लोग की सलाह है कि आप लोग भी कांग्रेस का साथ छोड़िए. हमारी चुनाव प्रक्रिया सर्वश्रेष्ठ है, इसमें किसी सुधार की जरूरत नहीं है.
ललन सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को हम लोग प्रभावित नहीं करते हैं. नरेंद्र मोदी की सरकार कभी किसी संवैधानिक संस्था को प्रभावित नहीं करती है. आप करते थे. एक चुनाव आयुक्त थे आपके समय, कार्यकाल खतम हुआ तो राज्यसभा चले गए. कांग्रेस सरकार में मंत्री भी बन गए. उन्होंने चुनाव आयोग के एसआईआर कराने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि हम अगर देश के नागरिक हैं और आयोग नागरिकता का प्रमाण पत्र देने के लिए कहा, तो हमको क्या परेशानी होगी. हमने भी फॉर्म जमा किया. ललन सिंह ने कहा कि बिहार के दो जिलों में पांच लाख लोगों ने नागरिकता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया. यह लोग कौन थे. एसआईआर पर तो सुप्रीम कोर्ट में बहस हो चुकी है, फिर यहां क्यों. मनीष तिवारी तो वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, सुप्रीम कोर्ट में सारे तर्क रखते. उन्होंने कहा कि डॉक्टर मनमोहन सिंह 10 साल तक सरकार चला रहे थे, इसी ईवीएम से. जनता ने आपको 10 साल सत्ता में बैठा दिया तो ईवीएम ठीक. जनता आपको स्वीकार नहीं कर रही तो ईवीएम गलत है. बैलट बूथ लूटने का हथकंडा था, जिसे चुनाव आयोग ने हटा दिया. आप बंगाल, हिमाचल, तेलंगाना, कर्नाटक जीत जाते हैं तो ईवीएम सही है. जैसे ही महाराष्ट्र, हरियाणा
लोकसभा में टीडीपी के फ्लोर लीडर लवू श्रीकृष्ण देवरायलू ने कहा कि कांग्रेस जब तेलंगाना में जीती, किसी ने वोट चोरी की बात नहीं की. कांग्रेस जब कर्नाटक में जीती, तब किसी ने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए. यह सवाल तब उठे, जब कांग्रेस को हरियाणा और महाराष्ट्र में बड़ी हार मिली. उन्होंने एक समाचार पत्र के पहले पन्ने पर छपा आर्टिकल दिखाया और कहा कि इस रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जिन क्षेत्रों में ज्यादा वोट काटे गए हैं, वहां भी एनडीए को ज्यादा सीटों पर जीत नहीं मिली है. वोटर बिहैवियर को लेकर कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता. देवरायलु ने यह डिमांड भी की है कि देश, राज्य, लोकल बॉडी चुनाव के लिए एक वोटर लिस्ट हो. बीएलओ की कैपेसिटी बिल्डिंग की जाए. बूथ लेवल पर एजेंट्स की सहभागिता बढ़ाई जाए और पारदर्शिता भी.
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि एसआईआर वोट डिलीट करने का टूल बनकर रह गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कह रहा है कि पांच लाख वोटर डिलीट, छह लाख वोटर डिलीट... और बीजेपी जश्न मना रही है. कल्याण बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने की अथॉरिटी नहीं है. बिहार में तो आप लोगों ने बहुत कुछ बोला था. मोदी जाकर बोा कि हमलोग घुसपैठिए निकालने के लिए एसआईआर किया है. एक घुसपैठिया नहीं मिला. यदि विदेशी आ रहे हैं, तो आप अपने कर्तव्य निभाने में फेल हैं. यह गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि मिजोरम में आपने क्या किया. आपने किया कि जो बाहर से आ रहे हैं, उसकी एंट्री करो. क्या वह अमित शाह और नरेंद्र मोदी का फेवरेट चाइल्ड है. रोहिंग्या बोल के सब बंगालियों को निकाल रहे हैं. रोहिंग्या आ रहे हैं मिजोरम में. बीजेपी बंगाली हेटर है. यही वजह है कि विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी गई, प्रधानमंत्री बंकिम दा बोल रहे. जब बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म हुआ था, मोदी जी से तीन जेनरेशन पहले, उनको भी वह दादा बोल देते हैं. कभी सरदार पटेल को दादा बोला क्या. कल्याण बनर्जी ने कहा कि मतुआ कम्युनिटी के लोगों ने भूख हड़ताल की, जिस कम्युनिटी से एक केंद्रीय मंत्री है.
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सूट में पहुंचे हैं. कल्याण बनर्जी ने बाकायदा टाई भी लगा रखी है.लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कल्याण बनर्जी आज सूटेड पहुंचे हैं, टाई भी लगाई है.कल्याण बनर्जी खुद भी स्पीकर की बात पर मुस्करा उठे. टीएमसी सांसद ने इसके बाद चुनाव सुधार पर चर्चा में बोलना शुरू किया. कल्याण बनर्जी जब बोल रहे थे, तभी स्पीकर ओम बिरला आसन से चले गए और जगदंबिका पाल आसन पर आ गए. तब कल्याण बनर्जी ने भी हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि सर आप चले जाएंगे, तो हम बोलेंगे कैसे. जगदंबिका पाल के आसन पर आने के बाद कल्याण ने कहा कि अरे आप आ गए.
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सूट में पहुंचे हैं. कल्याण बनर्जी ने बाकायदा टाई भी लगा रखी है.लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कल्याण बनर्जी आज सूटेड पहुंचे हैं, टाई भी लगाई है.कल्याण बनर्जी खुद भी स्पीकर की बात पर मुस्करा उठे. टीएमसी सांसद ने इसके बाद चुनाव सुधार पर चर्चा में बोलना शुरू किया.
अखिलेश यादव ने कहा कि सुधार की यह प्रक्रिया चुनाव आयोग से ही शुरू होनी चाहिए. चंडीगढ़ जैसी वोट चोरी पर, बंदूक की नोंक पर वोट देने से रोकने पर, एफिडेविट की रसीद होने के बावजूद मिलने से इनकार पर, एक वोटर के कई वोट डालने पर, वोट के दौरान योजना चलाकर घूस देने पर. इन सब पर रोक लगनी चाहिए. वन नेशन वन इलेक्शन के साथ वोटर लिस्ट एक होने पर कहूंगा कि यूपी में आधार जैसे कार्ड को मान ही नहीं रहे. ये एसआईआर नहीं है, अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम कर रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं. लोकतंत्र में फिर से भरोसा जगाया जाए, ईवीएम हटाकर बैलट से चुनाव कराए जाएं. चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम ना करे. चुनाव आयोग किसी एक विचारधारा का गुट बनकर न रह जाए.
अखिलेश यादव ने सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की कांग्रेस की मांग का समर्थन किया और कहा कि बैलट से वोटिंग होनी चाहिए. जो लोग तकनीक की दुहाई दे रहे हैं, वह देख लें कि तकनीकी में जापान-जर्मनी जैसे देश कहां खड़े हैं और भारत कहां है. जब जापान-जर्मनी जैसे देश बैलट से वोटिंग करा सकते हैं, तो हम क्यों नहीं. उन्होंने फ्रीबिज को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि हमने यूपी में एक नई नीति बनाई थी, तब बीजेपी ने कहा कि यह चुनाव प्रभावित करने के लिए किया गया है और चुनाव आयोग से रोक लगवाने का काम किया गया था. टीवी पर बराबर स्पेस मिलना चाहिए. सोशल मीडिया पर निगेटिव कैंपेन पर बीजेपी हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इलेक्टोरल बॉन्ड्स हमें मिले नहीं. सबसे ज्यादा बीजेपी को मिले हैं और दूसरे नंबर पर कांग्रेस है. कांग्रेस भी हमें यह नहीं बताती कि मिलता कहां से है. यह खेल दिखाई देने वाला खेल है, इसमें रीजनल पार्टियां कहां टिकेंगी. अखिलेश ने एसआईआर पर कहा कि यूपी में 10 लोगों की जान जा चुकी है. नौ बीएलओ की हमारे पास सूची है. मुरादाबाद में सर्वेश सिंह, बिजनौर में शोभा रानी, देवरिया लेखपाल की तबीयत बिगड़ी, लेखपाल सुधीर कुमार ने श
अखिलेश यादव ने चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि अभी बीजेपी के सदस्य यूपी के चुनाव पर भी बोल रहे थे. कहना चाहूंगा कि उपचुनाव में निष्पक्ष कार्यवाही कहीं भी देखने को नहीं मिली. रामपुर उपचुनाव में मुख्यमंत्री और बीजेपी नेतृत्व ने तय किया था कि यहां से बीजेपी जीतेगी. जब चुनाव शुरू हुआ, हमें वह देखने को भी मिला. वोटिंग के दिन हमने देखा कि किस तरह से पुलिस-प्रशासन इस बात पर लगा था कि कोई वोटर घर से न निकले. पहली बार बीजेपी वहां से लोकसभा चुनाव जीती. एक-एक घटना की सूचना हमने चुनाव आयोग को दी है, लेकिन इसके बावजूद चुनाव आयोग ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जब हम यह समझ गए कि चुनाव आयोग पूर्वाग्रह से ग्रसित है. इस पर सत्ता पक्ष की ओर से किसी ने कुछ कहा. अखिलेश ने कहा कि ये कुछ जानते नहीं हैं, ना ही पढ़े-लिखे हैं. एक-एक घटना हमने टैग किया है चुनाव आयोग को. एक भी कार्रवाई हुई हो, तो बता दें. चुनाव जीते जाते हैं, हारे जाते हैं, लेकिन चुनाव आयोग का काम है निष्पक्ष रहना. एक समय था जब कांग्रेस से लड़ते थे, आज आपसे लड़ रहे हैं. एक समय था जब हम पांच सांसद की पार्टी थे, आज यूपी में सबसे बड़ी पार्टी हैं. जहां से बीजेपी ने कम्युनल पॉलिटिक्स की शुरु
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को भ्रांति है कि बीजेपी को फायदा होगा. सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका बीजेपी को ही है. महाराष्ट्र में चुनाव होगा, तब भी हम बिहार से ही लग जाते हैं. हम सब लग जाते हैं और जिताने का प्रयास करते हैं. हमारे गृह मंत्री कभी विदेश की यात्रा ही नहीं किए. कहते हैं कि विदेश जाने से वोट नहीं बढ़ता. हमारे प्रधानमंत्री जी 12 वर्षों में एक दिन भी विश्राम नहीं किए. विपक्ष के नेता कभी थाईलैंड, कभी कंबोडिया कभी कहीं जाते रहते हैं. हमारा केंद्रीय नेतृत्व जब मैदान में उतरता है, तब आप क्लीन बोल्ड हो जाते हो और दोष एसआईआर वोट चोरी को देते हो. आप यही सोचते रहो, हमारे लिए भी अच्छा है. बीजेपी सुधार, जिम्मेदारी के लिए अडिग है.
संजय जायसवाल ने कहा कि यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख-ईसाई... सभी का है, लेकिन बांग्लादेशी और रोहिंग्या का नहीं है. हम एक-एक घुसपैठिए को बाहर करेंगे. बंगाल में इस बार कमल खिलेगा, कोई रोक नहीं पाएगा. उन्होंने बाबा साहब को कोट करते हुए कहा कि आज जब क्लीन मतदाता सूची होगी, तब क्या दिक्कत है. कांग्रेस की वोट चोरी की लिस्ट इतनी लंबी है, कि बोलते रह जाऊंगा, खत्म नहीं होगी. सबसे जरूरी सुधार की जरूरत है, वह है कि किसी राज्य का बजट पता नहीं और हम वादे किए जा रहे हैं. मनीष तिवारी ने यह नहीं बताया कि तेजस्वी यादव ने किस नियम के तहत वादा किया था हर घर में सरकारी नौकरी देने का. बिहार की जनता ने दो करोड़ 70 लाख नौकरी के वादे पर भरोसा नहीं किया, मोदी की गारंटी पर भरोसा किया.
बिहार के पश्चिमी चंपारण से बीजेपी के सांसद संजय जायसवाल ने शोले फिल्म का डायलॉग बोला. उन्होंने कहा कि मुझे असरानी का एक डायलॉग याद आ रहा है, कि हमें सुधारने वाले अच्छे-अच्छे सुधर गए लेकिन हम नहीं सुधरे. संजय जायसवाल ने कहा कि एसआईआर के मुद्दे पर बिहार की जनता ने इतनी बड़ी हार दी, लेकिन ये अभी भी सुधर नहीं रहे. 20 दिन बिहार घूमे, लेकिन नतीजों से पहले नेता प्रतिपक्ष विदेश चले गए. अब अगर वह बिहार जाएंगे, तो कांग्रेस के पूरे विधायक एक बोलेरो में आ जाएंगे. संजय जायसवाल ने कहा कि वोट चोरी 1947 में हुई थी, जब पूरी सीडबल्यूसी ने सरदार पटेल को पीएम चुना था लेकिन नेहरू को बना दिया गया. उन्होंने राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में चुनाव स्थगित किए जाने से लेकर 1991 के कश्मीर चुनाव तक का जिक्र किया और कहा कि तब वोट चोरी हुई थी. बूथ कैप्चरिंग 1957 में बिहार से शुरू हुई और इस बार एक भी हत्या नहीं हुई.
मनीष तिवारी ने कहा कि एसआईआर का कानूनी अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है, लेकिन फिर भी अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो मशीन रिडेबल लिस्ट क्यों नहीं दे देते. उन्होंने एंटी डिफेक्शन कानून पर सवाल उठाए और कहा कि उसमें बार-बार संशोधन हुए. 2014 के बाद तो यह बिल्कुल मेगामार्ट एक्टिविटी बन गया है. कभी एक रिसर्च करवा के देखिए, 1950 से 1985 तक इसी सदन की डिबेट क्वालिटी क्या थी और 1985 से 2025 तक क्या रही. मनीष तिवारी ने कहा कि मेरी तीन मांगें हैं. सीईसी की नियुक्ति का कानून बदले. उसमें राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई को शामिल करें. एसआईआर बंद करवाइए. पहले अगर किसी ने कानून नहीं देखा, इसका मतलब यह नहीं कि जो हो रहा वह सही है. चुनाव से पहले डायरेक्ट कैश ट्रांसफर बंद होना चाहिए.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में ईवीएम को लेकर कहा कि लोगों के मन में यह शंका है कि क्या ईवीएम मैनुपुलेट किया जा सकता है. इस शंका को दूर करने के दो ही तरीके हैं, एक ये कि सौ फीसदी वीवीपैट हों या दूसरा पेपर बैलट से चुनाव हों. सरकार को पहले तो यह बताना चाहिए कि ईवीएम का सोर्स कोड किसके पास है. यह चुनाव आयोग के पास है या उन कंपनियों के पास है. मनीष तिवारी ने चुनाव के समय पैसा लोगों के खाते में भेजे जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है. यह भारत सरकार के राजस्व के साथ भी खिलवाड़ है. उन्होंने केंद्र से लेकर राज्यों तक, सरकारों की देनदारियों के आंकड़े गिनाए और कहा कि संसद को लिमिट तय करनी चाहिए. एक आर्टिकल जोड़कर यह प्रस्ताव करना चाहिए कि जिसका जीडीपी रेशियो 20 फीसदी से ज्यादा है. वह सरकार कोई कैश ट्रांसफर नहीं कर सकती. इसे बहुत गंभीरता से सदन को अपने संज्ञान में लेना चाहिए. नहीं तो कोई राज्य सरकार बदलेगी ही नहीं. आपके सूबे का कर्जा और ऊपर चढ़ता जाएगा. यह किस तरह का देश बना रहे हैं आप. ये चुनाव जीतना, ये सरकार बनाना... हमसे पहले बहुत लोग आए, बाद में भी आएंगे. हम किस तरह का देश छोड़ना चाहते हैं.
मनीष तिवारी ने कहा कि कई प्रदेशों में एसआईआर हो रहा है. चुनाव आयोग के पास कानूनी तौर पर एसआईआर कराने का कोई अधिकार नहीं है. चुनाव आयोग कहता है कि उन्हें एसआईआर कराने का अधिकार सेक्शन 21 से मिलता है. मनीष तिवारी ने पूरा सेक्शन पढ़ा और कहा कि ना संविधान में, ना कानून में एसआईआर का प्रावधान है. ये बस एक हथियार चुनाव आयोग को दिया गया था, कि अगर किसी क्षेत्र में वोटर लिस्ट में कोई गड़बड़ी है, तो उसे ठीक करने के लिए लिखित में कारण बताकर ही एसआईआर कर सकते हैं. एसआईआर करना चाहते हैं, तो आपको जो खामियां लग रही हैं, उनको ठीक करके ही आप उस क्षेत्र के लिए एसआईआर कर सकते हैं. सरकार को यह सदन पटल पर रखना चाहिए कि कौन-कौन से निर्वाचन क्षेत्र में कौन-कौन सी खामियां उनको मिलीं और क्यों एसआईआर की जरूरत पड़ी. हर क्षेत्र में एसआईआर का कारण सदन पटल पर रखना चाहिए.
मनीष तिवारी ने चुनाव सुधार पर डिबेट की शुरुआत करते हुए कहा कि लोकतंत्र में दो सबसे बड़े भागीदार हैं- 98 करोड़ मतदाता और राजनीतिक दल. एक न्यूट्रल अंपायर की जरूरत महसूस हुई और चुनाव आयोग का गठन हुआ. उन्होंने कहा कि इस देश में सबसे बड़ा चुनाव सुधार राजीव गांधी की सरकार ने किया पिछले 78 साल में, जब उन्होंने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मतदान का अधिकार दिया. मनीष तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर आज सवाल उठ रहे हैं. चुनाव सुधार की जो सबसे पहली जरूरत है, वह 2023 में बने कानून में सुधार की है. इसमें दो और सदस्य जोड़े जाने चाहिए. चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की कमेटी में दो लोग सरकार से, दो लोग विपक्ष से रहने चाहिए और एक सीजेआई को रखना चाहिए. ऐसा होगा तो ठीक से खेला होबे.
लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा की शुरुआत से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील चर्चा है. इस चर्चा के दौरान संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप-प्रत्यारोप से बचकर चुनाव सुधार पर ही केंद्रित रहें. इस डिबेट की शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की है.
नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू लोकसभा में इंडिगो संकट पर बयान दे रहे हैं. उन्होंने इंडिगो संकट पर सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और कहा कि सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की जा रही है. डीजीसीए हर जरूरी कदम उठा रही है. इस संकट के पीछे आंतरिक रोस्टर की समस्या सामने आई है. इंडिगो के सीईओ को नोटिस दिया गया है. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा. यात्रियों का पैसा रिफंड किया जा रहा है. इंडिगो की जवाबदेही तय की जाएगी. नागरिकों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए गए हैं और इन नियमों से समझौता नहीं किया जाएगा.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान घुमंतू जातियों का मुद्दा उठा. लोकसभा में इन जातियों के उत्थान को लेकर सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास गिनाए. उन्होंने कहा कि हम किसी को भी नहीं छोड़ रहे. हमारी सरकार अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है. इससे पहले, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख एडवोकेट चंद्रशेखर ने लोकसभा में घुमंतू जातियों के कल्याण और सशक्तिकरण को लेकर प्रश्न किया. इस प्रश्न पर मंत्री के जवाब से पहले आसन से स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सभी सदस्यों से आग्रह करेंगे कि घुमंतू जातियों के लोग जिस भी सदस्य के इलाके में हों, वहीं उनके लिए शैक्षणिक शिविर लगवाएं. इस तरह के प्रयासों से आने वाली पीढ़ियां शिक्षित होंगी और उनका सशक्तिकरण हो सकेगा.
वोटर लिस्ट, SIR, चुनावी फंडिंग, EVM की विश्वसनीयता और राजनीतिक दलों को मिलने वाला गुमनाम चंदा ये चुनाव सुधार के अहम मुद्दे हैं. चुनाव सुधार चुनावी प्रक्रिया की दक्षता, पारदर्शिता और निष्पक्षता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किए गए संवैधानिक प्रयास हैं. आज लोकसभा में इन मुद्दों पर लंबी चर्चा होगी.
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चुनाव सुधार पर लोकसभा में होने जा रही डिबेट में शामिल होने जा रहे वक्ताओं की लिस्ट सामने आ गई है. बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे, पीपी चौधरी, अभिजीत गंगोपाध्याय, अनुराग ठाकुर और संजय जायसवाल लोकसभा में बोलेंगे. वहीं, कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी के साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, उज्ज्वल रमण सिंह, ईशा खान, रवि मल्लू, इमरान मसूद, गोवाल पडवी और ज्योतिमणि का नाम वक्ताओं की लिस्ट में है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन बड़े संकट के रूप में सामने आया है. सारी दुनिया के सामने यह संकट खड़ा है. इसके खतरों से कृषि को बचाने के लिए हम अनेकों प्रयास कर रहे हैं. धरती के लगातार बढ़ते तापमान के कारण हम बीजों की नई किस्में लगातार तैयार कर रहे हैं. फसलों का उत्पादन न घटे, इसलिए आईसीआर ने पिछले 10 साल में 2900 से अधिक किस्में जारी की हैं, जिनमें 2600 से अधिक किस्में जलवायु अनुकूल हैं. पानी बचे, इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू कर माइक्रो इरिगेशन मिशन चलाया जा रहा है. सरकार ने पिछले साल ही प्राकृतिक कृषि मिशन लॉन्च किया है. 15 लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. इसके साथ-साथ जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जलप्लावन के कारण फसलों को हुआ नुकसान भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में आएगा. पंजाब की तरह अगर कहीं ऐसा होता है, तो वह भी फसल बीमा योजना के दायरे में आएगा. उन्होंने नारियल को लेकर एक प्रश्न के जवाब में कहा कि नारियल उत्पादन में हमारा देश पहले स्थान पर है. 30 हजार करोड़ से अधिक का नारियल हमने निर्यात भी किया है. शिवराज ने कहा कि नारियल को रोगों के कारण नुकसान अधिक हुआ है. इनसे निपटने के लिए गंभीर प्रयास जा रहे हैं. खुद भी कोयंबटूर गया था, केंद्रीय विशेषज्ञ दल का गठन किया. इस दल ने दौरा कर मूल्यांकन करने के बाद वैज्ञानिक छिड़काव के साथ ही नियमित निगरानी के साथ ही यांत्रिक सफाई को भी प्राथमिकता दी जा रही है. हमने कोलाजी क्षेत्र में कलेक्टिव डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया था, जो अभी प्रक्रिया में है.
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद को न तो भारत के संविधान में भरोसा है, ना ही लोकतंत्र में विश्वास है. इसने हजारों हजार मां-बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ा है. यह समस्या 1967 से ही है. एक समय था जब पशुपति से तिरुपति तक का क्षेत्र रेड कॉरिडोर कहलाता था. यह सिमट गया है. 31 मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का सफाया था. पहले की सरकारें इसे राज्य की समस्या मानती थीं. इसकी वजह से कोई पहल नहीं की गई. मोदी सरकार ने प्रभावी नीति बनाई है और इसके सफाये का संकल्प लिया है. मोदी सरकार ने इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और रणनीति बनाई गई है. उन्होंने अलग-अलग योजनाओं के तहत राज्यों को आवंटित बजट भी गिनाए. नित्यानंद राय लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद को लेकर केंद्र की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे. गृह राज्यमंत्री ने वामपंथी उग्रवादियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाने की जानकारी दी और सरेंडर से लेकर मारे जाने तक, आंकड़े भी गिनाए और कहा कि गृह मंत्रालय ने राज्यों के साथ मिलकर पुनर्वास योजना बनाई है.
एसआईआर के मुद्दे पर संसद का चालू शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार रहा है. शुरुआती तीन दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद गतिरोध दूर हुआ और अब लोकसभा में चुनाव सुधार पर बड़ी डिबेट होने जा रही है. लोकसभा में आज इस डिबेट की शुरुआत कांग्रेस की ओर से चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी करेंगे. पहले चर्चा थी कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लोकसभा में चुनाव सुधार पर डिबेट की शुरुआत कर सकते हैं.