Hamidia Hospital Fire: 36 घंटे में 8 और बच्चों की गई जान, अस्पताल ने बताई ये वजह

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में स्थित कमला नेहरू चिकित्सालय में बीते 36 घंटे में 8 और बच्चों की मौत हो गई. हालांकि अस्पताल प्रबंधन इन मौतों के पीछे आग की घटना को नकार रहा है.

Advertisement
बच्चों का इलाज करते डॉक्टर्स. बच्चों का इलाज करते डॉक्टर्स.

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल ,
  • 11 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST
  • बीते 36 घंटे में 8 और बच्चों की मौत हो गई
  • "मौत को आग से नहीं जोड़ा जा सकता"
  • सोमवार रात हुआ था हादसा, 40 बच्चे भर्ती थे

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में स्थित कमला नेहरू चिकित्सालय में बीते 36 घंटे में 8 और बच्चों की मौत हो गई. हालांकि अस्पताल प्रबंधन इन मौतों के पीछे आगजनी की घटना को नकार रहा है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सभी बच्चे प्री-मैच्योर थे. सभी को जन्म संबंधी कुछ मुश्किलें थीं, लिहाजा सभी की मौत को आग से नहीं जोड़ा जा सकता. 

Advertisement

अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सोमवार रात हुई आगजनी की घटना में 4 नवजात बच्चों की मौत हुई है, लेकिन उसके बाद से अबतक एसएनसीयू वार्ड में भर्ती 8 और बच्चों की जान जा चुकी है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इस बारे में बताया "एसएनसीयू वार्ड में उन्ही बच्चों को भर्ती किया जाता है, जो कि प्री-मैच्योर होते हैं या उन्हें जन्म संबंधी तकलीफें होती हैं, इनमें सांस से संबंधी परेशानी शामिल है."

विश्वास सारंग ने बताया ''कुछ बच्चे जन्मजात बीमारियों की वजह से भी एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किए जाते हैं. लिहाजा यह कहना गलत है कि सभी बच्चों की मौत के पीछे सोमवार रात हुई घटना ही जिम्मेदार है. जिन 8 बच्चों की बीते 36 घंटे में मौत हुई है, उनमें बीमारी और जन्म संबंधी परेशानी वजह रही है."

Advertisement

बच्चा वॉर्ड की हेड ज्योत्सना श्रीवास्तव के मुताबिक SNCU में आमतौर पर गंभीर रूप से बीमार बच्चों को ही भर्ती किया जाता है. औसतन इतनी मौतें पहले भी होती रही हैं, हमने पैरेंट्स से कहा है कि उन्हें अगर कोई भी आशंका है कि उनके बच्चों की मौत कैसे हुई, तो वह पोस्टमार्टम के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ एक ही परिवार ने आवेदन किया है, जबकि अन्य परिवारों ने शवों को बिना पोस्टमार्टम के ही स्वीकार किया है.

बता दें कि सोमवार रात को जब ये हादसा हुआ था, तब SNCU वार्ड में 40 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 36 को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन 4 बच्चों की झुलसकर मौत हो गई.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement