'चुनाव प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं...', ED ने किया सीएम केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध

ईडी ने कहा कि, चुनाव प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक, न संवैधानिक और यहां तक ​​कि कानूनी अधिकार भी नहीं है. ईडी की जानकारी में ऐसा नहीं है कि, किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव भी क्यों न लड़ रहे हों.

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ईडी ने सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका का किया विरोध ईडी ने सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका का किया विरोध

सृष्टि ओझा / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:51 PM IST

सुप्रीम कोर्ट कथित एक्साइज पॉलिसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर 10 मई को अपना फैसला सुनाने वाला है. इससे एक दिन पहले यामी आज गुरुवार को ईडी ने अंतरिम जमानत याचिका पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है.

शुक्रवार को आना है अंतरिम आदेश पर फैसला
इस मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ की अध्यक्षता करने वाले जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था, “हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे. गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर भी उसी दिन फैसला किया जाएगा.'

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केजरीवाल को छूट मिली तो ये उदहरण बन जाएगीः ईडी
ईडी की उप निदेशक भानु प्रिया ने केजरीवाल के अंतरिम जमानत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विचार करने से एक दिन पहले अपना हलफनामा दाखिल किया. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के आधार पर सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना, एक मिसाल कायम करेगा जो सभी बेईमान राजनेताओं को अपराध करने, चुनाव की आड़ में जांच से बचने की अनुमति देगा.

चुनाव प्रचार कोई मौलिक अधिकार नहींः ईडी
ईडी ने कहा कि, चुनाव प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक, न संवैधानिक और यहां तक ​​कि कानूनी अधिकार भी नहीं है. ईडी की जानकारी में ऐसा नहीं है कि, किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, भले ही वह चुनाव भी क्यों न लड़ रहे हों. करीब 123 चुनाव हो चुके हैं, हम पिछले 3 वर्षों से हैं और यदि चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जानी है तो किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और न्यायिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि चुनाव पूरे वर्ष होते हैं.

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सभी बेईमान नेताओं के लिए बन जाएगा रास्ताः ईडी
ईडी ने यह भी कहा कि, आम चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना केजरीवाल के पक्ष में कोई विशेष रियायत होगी. जो कानून के शासन और समानता के लिए अभिशाप की तरह होगा. ईडी ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि, यह एक मिसाल कायम करेगा जो सभी बेईमान राजनेताओं को अपराध करने, चुनाव की आड़ में जांच से बचने की अनुमति देगा.

यह भी पढ़िएः केजरीवाल को मिलेगी अंतरिम जमानत? सुप्रीम कोर्ट 10 मई को सुना सकता है फैसला

ईडी ने कहा- देश में बन जाएंगे दो अलग वर्ग समूह
यह देश में दो अलग-अलग वर्ग बनाएगा. एक तो वे सामान्य लोग जो कानून के शासन और देश के कानूनों के साथ-साथ बंधे हुए हैं, और दूसरे वह लोग जो राजनेता हैं और जो चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत हासिल करने की उम्मीद के साथ कानूनों से छूट मांग सकते हैं. कई राजनेता न्यायिक हिरासत में चुनाव लड़ चुके हैं, और कुछ जीत भी गए लेकिन उन्हें इस आधार पर कभी अंतरिम जमानत नहीं दी गई. 

केजरीवाल समन के दौरान भी बना चुके हैं विधानसभा चुनावों का बहाना
ईडी ने कहा कि, एक राजनेता एक सामान्य नागरिक से अधिक किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता. समन से बचने के लिए केजरीवाल ने 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव का भी यही बहाना बनाया था. 

बता दें कि ईडी पहले भी सीएम केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करता आया है. ईडी का कहना है कि इससे गलत मिसाल कायम होगी. ईडी ने कोर्ट में मुद्दा उठाते हुए कहा था कि क्या एक राजनेता को आम आदमी की तुलना में स्पेशल ट्रीटमेंट मिल सकता है? 5,000 लोग अभियोजन का सामना कर रहे हैं. क्या होगा यदि वे सभी कहते हैं कि वे प्रचार करना चाहते हैं. छह महीने में 9 समन दिए गए. समय चुनने के लिए ईडी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

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केजरीवाल की लीगल टीम ने जताई आपत्ति
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की लीगल टीम ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के विरोध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताई है. आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है. पार्टी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है, जिसमें ईडी के हलफनामे को कानूनी प्रक्रियाओं की घोर अवहेलना बताया गया है. खासकर यह देखते हुए कि मामला पहले से ही शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसले के लिए निर्धारित है और ईडी का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बिना प्रस्तुत किया गया.

आम आदमी पार्टी ने सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर ईडी की आपत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कथित शराब घोटाले में ईडी की दो साल की जांच के बाद भी, पार्टी के किसी भी सदस्य के खिलाफ एक भी पैसा या कोई सबूत बरामद नहीं किया गया है. इसके अलावा, सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, सरथ रेड्डी, सत्य विजय नाइक और एक पूर्व-भाजपा मुख्यमंत्री के सहयोगी द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित है.

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