भारत में जन्मे प्रसिद्ध ब्रिटिश अर्थशास्त्री, शिक्षाविद और ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई का मंगलवार को गुरुग्राम में 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से भारत और ब्रिटेन में शोक की लहर दौड़ गई.
मेघनाद देसाई के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक प्रतिष्ठित विचारक, लेखक और अर्थशास्त्री बताया और कहा कि वे हमेशा भारत और भारतीय संस्कृति से जुड़े रहे. पीएम मोदी ने कहा कि देसाई ने भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई.
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक गुजरात में जन्मे मेघनाद देसाई ने अपनी मास्टर्स डिग्री मुंबई विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी और महज तीन वर्षों में पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsylvania) से पीएचडी की उपाधि हासिल की. उन्होंने 1965 से 2003 तक लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में पढ़ाया और संस्थान के डेवलपमेंट स्टडीज इंस्टीट्यूट और ग्लोबल गवर्नेंस स्टडी सेंटर की स्थापना में अहम भूमिका निभाई.
1991 में वे ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स के लिए नामित किए गए और 'लॉर्ड देसाई ऑफ सेंट क्लेमेंट डेंस' का दर्जा मिला.वे शुरुआत में लेबर पार्टी से जुड़े थे, लेकिन 2020 में पार्टी में बढ़ते यहूदी विरोध के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया और एक स्वतंत्र आवाज़ के रूप में सक्रिय रहे.
उनकी पत्नी और लेखिका लेडी किश्वर देसाई ने उन्हें याद करते हुए कहा कि मैं बेहद दुखी हूं, वे मेरे रॉकस्टार पति थे. ज़िंदगी से भरपूर और अडिग. मैं उनसे बहुत प्रेम करती थी.
राजनीति और शिक्षा जगत से परे मेघनाद देसाई एक प्रभावशाली लेखक भी थे. उन्होंने 'नेहरूज़ हीरो: दिलीप कुमार' जैसी पुस्तकें लिखीं, जिनमें उन्होंने दिलीप कुमार को विश्व सिनेमा के महानतम कलाकारों में से एक बताया. लॉर्ड देसाई न सिर्फ एक विद्वान और राजनेता थे, बल्कि वे एक निर्भीक, स्वतंत्र सोच वाले व्यक्ति थे, जिन्होंने पारंपरिक धारणाओं को चुनौती दी और वैश्विक विमर्श को दिशा दी.
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