कर्नाटक की सियासत में चल रहे नेतृत्व विवाद के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के दिल्ली दौरे ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है. सिद्धारमैया कांग्रेस कार्यसमिति की अहम बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे हैं. इस बैठक को ऐसे समय में बेहद अहम माना जा रहा है, जब राज्य में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थक उन्हें जल्द मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली रवाना होने से पहले दावणगेरे में पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने कहा कि वह कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने जा रहे हैं और वह बार-बार दिल्ली नहीं जाते. इससे पहले विधानसभा में उन्होंने दावा किया था कि पार्टी हाईकमान उनके साथ है और वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे.
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इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी नेतृत्व विवाद को लेकर बयान दिया. दिल्ली रवाना होने से पहले खरगे ने कहा कि सभी तरह की गलतफहमियां दूर कर दी जाएंगी. जब उनसे पूछा गया कि कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर स्थिति कब साफ होगी, तो उन्होंने कहा कि सब कुछ सुलझ जाएगा और चिंता की कोई बात नहीं है.
डीके शिवकुमार क्या बोले?
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सत्ता परिवर्तन की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है. दिल्ली में मौजूद शिवकुमार ने स्पष्ट कहा कि नेतृत्व परिवर्तन की बातें केवल मीडिया में हैं, न पार्टी में और न ही सरकार में इस तरह की कोई चर्चा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरे में वह किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं और न ही किसी को परेशान करना चाहते हैं.
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अपने राजनीतिक सफर पर बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि वह किसी पद से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता बनकर काम करना पसंद करते हैं और 1980 से लगातार कांग्रेस के लिए सेवा कर रहे हैं. हालांकि, उनके करीबी और रामनगर से कांग्रेस विधायक एच ए इकबाल हुसैन ने 6 या 9 जनवरी को नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताकर अटकलों को और हवा दे दी है.
आगामी विधानसभा चुनावों पर होगी चर्चा
मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कर्नाटक के नेतृत्व मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना कम है. सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुख्य एजेंडा देश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करना है. इस बैठक में सिद्धारमैया के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल होंगे.
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