युद्ध के दौर में भारत का उद्देश्य एक साथ चलना और आपसी सहयोग को बढ़ाना है: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोधपुर में 'तरंग शक्ति' अभ्यास के दौरान कहा कि जब दुनिया के कुछ देश युद्ध में उलझे हुए हैं, तब भारत का लक्ष्य है कि हम एक-दूसरे का हाथ थामकर आगे बढ़ें. उन्होंने मित्र देशों से सहयोग और साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का आह्वान किया.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाईल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:18 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत का उद्देश्य है कि जब दुनिया के कुछ देश आपस में युद्ध कर रहे हैं, तब हम एक-दूसरे का हाथ थामकर साथ चलें. वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर उन्होंने मित्र राष्ट्रों से साझेदारी और सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का भी आह्वान किया. राजनाथ सिंह 'तरंग शक्ति' कार्यक्रम में बोल रहे थे, जो भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा आयोजित सबसे बड़ा बहुपक्षीय हवाई अभ्यास है. 'तरंग शक्ति' कार्यक्रम जोधपुर के एयरबेस पर हो रहा है. 

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उन्होंने कहा, 'आज दुनिया में एक-दूसरे से आगे निकलने की दौड़ है, और कई देशों के बीच युद्ध चल रहे हैं. ऐसे में भारत का लक्ष्य है कि हम एक-दूसरे का हाथ थामकर साथ चलें.' उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य और उभरती चुनौतियों को देखते हुए, हमें अपनी साझेदारी और सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना होगा. रक्षा मंत्री के इस बयान के पीछे का संदर्भ रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में भारत की संभावित भूमिका से जुड़ा है, क्योंकि भारत दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध रखता है.

उन्होंने कहा कि भारत मित्र देशों के साथ कई उन्नत और उच्च तकनीकी परियोजनाओं पर काम कर रहा है. तरंग शक्ति जैसे अभ्यास केवल सामरिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि आपसी सहयोग, समन्वय और विश्वास को बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. सिंह ने कहा, 'इस तरह की पहल हमारे साझेदारों में विश्वास पैदा करती है और जब भी आवश्यकता हो, हमारी एकजुटता को मजबूत करती है. तरंग शक्ति के माध्यम से हमने अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत किया है.'

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रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की रक्षा निर्माण उद्योग में तेजी से प्रगति हो रही है, और उन्होंने विदेशी मेहमानों से इस क्षेत्र का अध्ययन करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा, 'हमारा सहयोग केवल राजनीतिक या तकनीकी सहयोग तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे दिल से दिल तक का संबंध बनाना चाहिए.'

सिंह ने बताया कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और इसके साथ ही यहां की सशस्त्र सेनाएं भी सबसे ताकतवर हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने आधुनिक विमानों और अगली पीढ़ी के उपकरणों को शामिल करके खुद को पूरी तरह से बदल लिया है. भारत अब अपने रक्षा उपकरणों का निर्यात करीब 90 देशों में कर रहा है.

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