दिल्ली-NCR समेत एमपी में भी दिखेगा बिपरजॉय का असर, जानें कहां कब होगी बारिश

चक्रवात बिपरजॉय के लैंड फॉल के बाद अब ऑफ्टर इफेक्ट से कई प्रदेशों पर असर पड़ रहा है. राजस्थान को शनिवार को हुई भारी बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात दिखे हैं. इसके साथ ही अब कई अन्य प्रदेशों में भी चक्रवातीय असर के कारण बारिश की संभावना है. दिल्ली-एनसीआर, यूपी और मध्य प्रदेश में भी बारिश होने की बात कही गई है.

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चक्रवात बिपरजॉय का राजस्थान में असर दिख रहा है चक्रवात बिपरजॉय का राजस्थान में असर दिख रहा है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जून 2023,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

साइक्लोन बिपरजॉय के लैंड फॉल के बाद से लगातार उसके कहर का विस्तार हो रहा है. चक्रवात के तूफानी असर का आलम ये है कि गुजरात के बाद अब राजस्थान इसकी जद में है. वहीं. मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर तक इसके आफ्टर इफेक्ट पड़ने की आशंका जताई है. IMD की ओर से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक, चक्रवात इस समय दक्षिणी राजस्थान के मध्य में है. यह आज शाम तक प्रभावी रहेगा. 

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कब कहां होगी बारिश

दक्षिणी राजस्थान-       आज हो सकती है भारी बारिश
यूपी के दक्षिणी हिस्से-   अगले 2-3 दिनों में होगी बारिश
दिल्ली-एनसीआर-         कहीं-कहीं बादल हैं, बारिश की संभावना
मध्य प्रदेश-                  सोमवार को हो सकती है बारिश

दक्षिण राजस्थान में आज भारी बारिश की संभावना
दक्षिण राजस्थान में आज भारी बारिश हो सकती है. इसके साथ ही अब मध्य प्रदेश में कल (सोमवार) भारी बारिश की संभावना है. यूपी के दक्षिणी हिस्से में 2-3 दिनों में बारिश होगी. अरब सागर से आ रही हवाओं की वजह से दिल्ली एनसीआर में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो रही है. मानसून के 2-3 दिनों में पूर्वी भारत में दस्तक देने की संभावना है. आईएमडी वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने ये जानकारी दी है. 

राजस्थान के तीन जिलों में बाढ़ जैसे हालात
उधर, बात करें राजस्थान की तो यहां शनिवार को भारी बारिश हुई. राजस्थान के तीन जिले जालोर, सिरोही और बाड़मेर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण हुई भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी तरह के जन-जीवन के हानि के नुकसान की सूचना नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि एमरी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से किसी भी घटना की स्थिति में तैयार रहने का अनुरोध किया गया है. 

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पाली जिले में जलभराव
पाली जिले में निचले इलाकों में जलभराव के कारण फंसे कम से कम छह लोगों को राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) ने बचाया. राज्य आपदा एवं राहत सचिव पीसी किशन ने कहा, भारी बारिश के कारण जालोर, सिरोही और बाड़मेर में बाढ़ जैसी स्थिति है." उन्होंने कहा, "अभी तक मानव जीवन और पशुओं के नुकसान की कोई खबर नहीं है. हमारी टीमें अलर्ट पर हैं.

कहां कितनी हुई बारिश?
अधिकारी ने कहा कि बाड़मेर में भारी जल प्रवाह के कारण चार-पांच छोटे एनीकट क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि पिंडवाड़ा, आबू रोड और रेवड़ में कई बड़े बांध उफान पर हैं. उन्होंने कहा कि सिरोही के बतिसा बांध में जलस्तर बढ़कर 315 मीटर हो गया है. किशन ने कहा कि राज्य में अगले 15-20 घंटे भारी बारिश का अलर्ट है. आपदा राहत और प्रबंधन विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई है. जालौर में आहोर में 471 मिमी, जालौर में 456 मिमी, माउंट आबू में 360 मिमी, चितलवाना में 338 मिमी, जसवंतपुरा में 332 मिमी, रानीवाड़ा में 322 मिमी, शिवगंज में 315 मिमी, सुमेरपुर में 270 मिमी, रानी में 249 मिमी बारिश दर्ज की गई. 

उदयपुर-राजसमंद में भारी वर्षा की भविष्यवाणी
रविवार सुबह साढ़े नौ बजे तक बाली में 240 मिमी. जालोर, सिरोही, बाड़मेर और पाली में कई अन्य स्थानों पर इस अवधि के दौरान 25 मिमी और उससे अधिक वर्षा दर्ज की गई है. मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण राजस्थान के मध्य भागों और पड़ोस के ऊपर बना डिप्रेशन (चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का अवशेष) सुबह 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया. MeT कार्यालय ने कहा कि इसके पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान तीव्रता बनाए रखने की बहुत संभावना है. इसने रविवार को पाली, सिरोही, उदयपुर, राजसमंद जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है. 

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चक्रवात से कितना हुआ नुकसान, गुजरात तटरेखा पर विमान-जहाज तैनात
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने चक्रवात बिपरजॉय के कारण गुजरात तट को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अपने जहाजों और विमानों को तैनात किया है. समुद्री एजेंसी ने रविवार को यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि अभी तक किसी भी नौका या वस्तु के बह जाने की कोई सूचना नहीं है. चक्रवात ने गुरुवार शाम गुजरात में कच्छ तट पर जखाऊ के पास दस्तक दी, पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए और घरों को नुकसान पहुंचा. 

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