जिन्होंने सांसद के दोनों पैर छीन लिए, उन्हें कोर्ट जाते समय दी भव्य विदाई, CPIM के 'सम्मान समारोह' से गरमाई सियासत

कन्नूर के थालसेरी कोर्ट परिसर में सीपीआई (एम) ने एक 'सम्मान समारोह' आयोजित किया, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया. यह समारोह उन आठ आरोपियों के लिए था, जो 1994 में बीजेपी सांसद सी. सदानंदन पर जानलेवा हमले के मामले में जेल जा रहे थे.

Advertisement
सीपीआईएम कार्यकर्ताओं के जेल जाने से पहले विदाई पर विवाद (Photo: PTI) सीपीआईएम कार्यकर्ताओं के जेल जाने से पहले विदाई पर विवाद (Photo: PTI)

शिबिमोल

  • कन्नूर,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

केरल के कन्नूर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे प्रदेश की सियासत गरम हो गई है. ये वीडियो सीपीआई (एम) द्वारा आयोजित एक 'सम्मान समारोह' की थी. सीपीआई (एम) ने राज्यसभा सांसद सी. सदानंदन पर 1994 में किए गए हमले के मामले में जेल जा रहे आरोपियों को लिए विदाई समारोह का आयोजन किया, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया. 

Advertisement

सी. सदानंदन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद हैं, ज़िनपर 1994 में जानलेवा हमला किया गया था. इस हमले में वो बुरी तरह से घायल हो गए और अपने दोनों पैर को गंवा दिया था.  इस हमले का आरोपी कोई और नहीं सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता ही थे. राजनीतिक द्वेष में ये हमला किया गया था. 

यह विदाई समारोह कन्नूर के थालसेरी कोर्ट परिसर और मट्टनूर में हुआ. इस कार्यक्रम में मट्टनूर की विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी शामिल हुईं. इस मामले में शामिल आठों आरोपी 30 साल बाद थालसेरी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर चुके हैं. जेल जाने से पहले का वीडियो सामने आया है, जिसमें सीपीआई (एम) कार्यकर्ता आरोपियों के समर्थन में नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं.

इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने इन आठों आरोपियों को दोषी ठहराया था, ये सीपीआई (एम) के कार्यकर्ता हैं. आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ उच्च ऊपरी अदालतों में अपील की थी, जिसके बाद उन्हें ज़मानत मिल गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत को ख़ारिज करते हुए सभी आठों आरोपियों को जेल भजने का निर्देश दिया. जिसके बाद आरोपियों ने आत्मसमर्पण किया. कोर्ट ने उन्हें सात साल की जेल की सज़ा सुनाई है.

Advertisement

31 साल पुराना है मामला

ये पूरा मामला साल 1994 का है. उस समय कन्नूर में आरएसएस और सीपीआई (एम) के बीच राजनीतिक तनाव चरम पर था और हिंसक घटनाओं के भी मामले सामने आ रहे थे. इसी क्रम में कन्नूर में सी. सदानंदन जब अपने घर के पास थे तो उनपर हमला हुआ. उस समय उनकी उम्र 30 साल थी. इस हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे. बीजेपी उन्हें पार्टी के एक जीवित शहीद के रूप में देखती है. हमले के बाद भी वे सार्वजनिक जीवन में काफी सक्रिय बने रहे. 2025 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement