कॉनराड संगमा ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया, कोविड के दौरान मेघालय में उनके योगदान को किया याद

रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने गुरुवार को कोविड-19 के दौरान पहाड़ी राज्य में टाटा के योगदान और फुटबॉल की बेबी लीग को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान को याद किया.

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रतन टाटा रतन टाटा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:17 AM IST

रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने गुरुवार को कोविड-19 के दौरान पहाड़ी राज्य में टाटा के योगदान और फुटबॉल की बेबी लीग को बढ़ावा देने के लिए उनके योगदान को याद किया. हालांकि टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष ने कभी मेघालय का दौरा नहीं किया, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को उनके कई कार्यक्रमों से लाभ हुआ, जिसमें जमीनी स्तर पर फुटबॉल कार्यक्रम भी शामिल है.

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मुख्यमंत्री ने कहा, 'टाटा ट्रस्ट ने भारत के पहले जमीनी स्तर के फुटबॉल कार्यक्रम का समर्थन किया था और युवा फुटबॉलरों के लिए आयोजित लीग एक उल्लेखनीय सफलता थी.' उन्होंने कहा, 'जब हम कोविड-19 के दौरान बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे थे, तो आप जानते हैं कि टाटा ट्रस्ट द्वारा विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति की गई थी. हमारा राज्य लाभार्थियों में से एक था.' सीएम के अनुसार, रतन टाटा जैसे व्यक्ति का ऐसा ही प्रभाव हो सकता है.

उद्योगपति के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि रतन टाटा को न केवल उद्योग और टाटा समूह में आए बदलाव के लिए जाना जाता है, बल्कि उनके सभी परोपकारी कार्यों, खासकर सभी राज्यों के लोगों के प्रति उनकी दयालुता के लिए भी जाना जाता है. संगमा ने कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें ज्यादातर उनकी दयालुता, विनम्रता और सादगी के लिए याद किया जाएगा.'

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टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह 86 वर्ष के थे. उनके निधन पर हर तरफ शोक की लहर थी.

आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के निधन से भारत और भारतीय उद्योग जगत ने एक दूरदर्शी व्यक्तित्व को खो दिया. टाटा के निधन पर अपने शोक संदेश में बिड़ला ने कहा कि उनके फैसलों ने आर्थिक वृद्धि से परे लोगों के जीवन तथा उद्योगों को प्रभावित किया है.

बिड़ला ने कहा, 'पिछले कई दशकों से मेरे परिवार और मेरी कई पीढ़ियों का टाटा के साथ करीबी संबंध रहा है. रतन टाटा ने टाटा समूह के बेहतरीन आदर्शों को मूर्त रूप दिया. उनके निर्णयों ने वित्तीय मापदंडों से कहीं आगे जाकर जीवन और उद्योगों को प्रभावित किया है. उनकी विरासत भारतीयों की भावी पीढ़ियों को ईमानदारी के साथ सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी. भारत और भारतीय उद्योग जगत ने एक सच्चे दूरदर्शी व्यक्तित्व को खो दिया है.'

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