कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला. बैठक की शुरुआत में उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चारों तरफ गंभीर संकट छाया हुआ है और ऐसे समय में कांग्रेस को भविष्य की ठोस रणनीति बनानी होगी. उन्होंने मनरेगा, आगामी विधानसभा चुनावों, एसआईआर, केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले की भी निंदा की.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर वर्गों को बेसहारा बना दिया. उन्होंने कहा कि यह केवल गरीबों के पेट पर लात नहीं, बल्कि उनकी पीठ में छूरा घोंपने जैसा है. मनरेगा को खत्म करना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और सम्मान पर सीधा हमला है. इन तमाम मुद्दों पर माना जा रहा है कि 2.15 बजे कांग्रेस अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने सोनिया गांधी के लेख का हवाला देते हुए कहा कि मनरेगा ने सर्वोदय की भावना को साकार किया और काम के अधिकार को मजबूत किया. खड़गे ने कहा कि यह संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतों और अनुच्छेद 41 की भावना के खिलाफ है, जिन पर यूपीए सरकार ने काम का अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अधिकार मजबूत किए थे.
मनरेगा की शुरुआत से खड़गे ने बताई कहानी
अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार को गरीबों की नहीं, बल्कि कुछ बड़े पूंजीपतियों के मुनाफे की चिंता है. उन्होंने याद दिलाया कि मनरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली में हुई थी और इस योजना ने ग्रामीण भारत का चेहरा बदल दिया. इससे पलायन रुका, गांवों को अकाल और भूख से राहत मिली और दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मजदूरों को सुरक्षा मिली.
खड़गे ने कहा कि बिना किसी अध्ययन और परामर्श के मनरेगा को खत्म करना वैसा ही है, जैसा तीन काले कृषि कानूनों के साथ किया गया था. उन्होंने कहा कि देशव्यापी आंदोलन के जरिए सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया जाएगा, जैसे भूमि अधिग्रहण कानून और कृषि कानूनों के मामले में हुआ था.
कांग्रेस को ग्राउंड लेवल पर मजबूत करने का प्लान
अध्यक्ष खड़गे ने संगठन सृजन अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि करीब 500 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है और अगले 120 दिनों में शेष प्रक्रिया पूरी की जाएगी. आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भी कांग्रेस पूरी एकता के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.
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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने मतदाता सूचियों से नाम काटे जाने की आशंका पर चिंता जताई और कहा कि गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर निगरानी करेंगे. अंत में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई आसान नहीं है, लेकिन कांग्रेस इसे जीतकर लोकतंत्र को मजबूत करेगी.
आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि अप्रैल-मई 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के लिए पार्टी एकजुट होकर पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी. साथ ही 2027 में चुनाव वाले राज्यों में भी अभी से मतदाता सूची, संगठन और रणनीति पर काम शुरू करने की बात कही गई. उन्होंने SIR को लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा बताते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं. खासतौर पर दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के वोटरों के नाम बचाने के लिए BLAs को घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच करने का निर्देश दिया गया.
केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का दावा
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में ED, IT और CBI का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए किया गया है और नेशनल हेराल्ड मामले में भी ऐसी ही कोशिशें हो रही हैं, जिनका कानूनी तौर पर सामना किया जा रहा है. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की और भारत में भी क्रिसमस के दौरान कुछ संगठनों द्वारा सौहार्द बिगाड़ने की घटनाओं पर चिंता जताई. अंत में उन्होंने मनरेगा और अन्य अहम मुद्दों पर एक्शन प्लान के लिए साथियों से सुझाव भी मांगे हैं.
नागार्जुन