कांग्रेस ने ओडिशा इकाई को किया भंग, राम चंद्र कदम बनाए गए विधायक दल के नेता

कांग्रेस ने अपनी ओडिशा इकाई को भंग कर दिया है और राज्य में पार्टी को नए तरीके से पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है. पार्टी ने राज्य विधानसभा में राम चंद्र कदम को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है. इनके अलावा नए अध्यक्ष के चुने जाने तक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

अजय कुमार नाथ

  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

ओडिशा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाई को पूरी तरह से भंग कर दिया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि राज्य में पार्टी को नए तरीके से पुनर्जीवित करने पर काम किया जा सके. हालिया लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का यहां बेहद खराब प्रदर्शन रहा था. राज्य कांग्रेस कमेटी को भंग करने के बाद पार्टी ने विधानसभा में राम चंद्र कदम को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है.

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कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक औपचारिक चिट्ठी में फैसले की जानकारी देते हुए कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष ने पीसीसी अध्यक्ष और इसकी कार्यकारी समिति सहित ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी को पूरी तरह से भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है." कांग्रेस ने मौजूदा ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष सरत पटनायक को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया है.

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कांग्रेस ने क्यों भंग की ओडिशा कांग्रेस कमेटी?

केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई को भंग करने का फैसला पार्टी की जिला इकाई, मंडल कांग्रेस समितियों, फ्रंटल संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों तक तत्काल प्रभाव से लागू होगा. 

कांग्रेस महासचिव ने बताया कि अशोक दास को कांग्रेस विधायक दल का उपनेता नियुक्त किया गया है, जबकि सीएस राजन एक्का कांग्रेस के मुख्य सचेतक की भूमिका निभाएंगे. इस निर्णय का उद्देश्य राज्य में पार्टी की विधायी रणनीति और समन्वय को मजबूत करना है.

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ओडिशा में कांग्रेस पार्टी का बुरा हाल

ओडिशा की राजनीति में कभी एक ताकत रही कांग्रेस, वोट शेयर में गिरावट की वजह से साल 2000 से राज्य की सत्ता से बाहर है. 24 साल पुरानी नवीन पटनायक सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में विफल रही पार्टी के लिए चुनावी हार का सिलसिला जारी है. राज्य में एक बार फिर तीसरे स्थान पर पहुंची पार्टी ने 147 विधानसभा सीटों में से 14 सीट ही हासिल कर सकी, जबकि कोरापुट संसदीय सीट को बरकरार रखने में सफल रही.

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