6 महीने में 129 सिफारिशें: CJI बी.आर. गवई के कार्यकाल में कॉलेजियम का रिपोर्ट कार्ड जारी

सुप्रीम कोर्ट ने एक आधिकारिक दस्तावेज जारी कर बताया है कि CJI बी.आर. गवई के करीब छह महीने के कार्यकाल में कॉलेजियम ने हाई कोर्ट में नियुक्ति के लिए कुल 129 नाम केंद्र को भेजे, जिनमें से 93 को मंजूरी मिल चुकी है. इन सिफारिशों में 11 उम्मीदवार ओबीसी/पिछड़ा वर्ग समुदाय से, 10 अनुसूचित जाति से और 13 अल्पसंख्यक समुदायों से हैं, जबकि सूची में 15 महिला उम्मीदवारों को भी शामिल किया गया है.

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CJI बी.आर. गवई के करीब छह महीने के कार्यकाल में कॉलेजियम ने HC में नियुक्ति के लिए कुल 129 नाम केंद्र को भेजे. (File Photo- ITG) CJI बी.आर. गवई के करीब छह महीने के कार्यकाल में कॉलेजियम ने HC में नियुक्ति के लिए कुल 129 नाम केंद्र को भेजे. (File Photo- ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

CJI बी.आर. गवई के लगभग 6 महीने के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से की गई सिफारिशों की जानकारी देते हुए आधिकारिक दस्तावेज जारी किया गया है. जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने हाई कोर्ट के लिए कुल 129 सिफारिश केंद्र सरकार को भेजीं जिसमें से 93 को मंजूरी दी गई.

इन सिफारिशों में 11 अन्य पिछड़ा वर्ग/पिछड़ा वर्ग से, 10 अनुसूचित जाति से और 13 अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं जबकि इस सूची में 15 महिलाएं भी शामिल हैं. अपने कार्यकाल के अंतिम कार्य दिवस पर सेरेमोनियल बेंच में CJI बी.आर. गवई ने कहा कि हमने राष्ट्रपति/ गवर्नर मामले में दिए गए फैसले में किसी भी विदेशी जजमेंट का इस्तेमाल नहीं किया.

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'कुछ सितारे ऐसे होते हैं जिन पर गैलेक्सी को भी गर्व होता है'

सीजेआई गवई ने कहा कि जजमेंट में हमने स्वदेशी इंटरप्रिटेशन का इस्तेमाल किया है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि CJI गवई और जस्टिस सूर्यकांत जजमेंट में भारतीयता वापस लाए हैं. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि कुछ सितारे ऐसे होते हैं जिन पर गैलेक्सी को भी गर्व होता है.

'मैंने समाज की सेवा करने के मकसद से अपनी ड्यूटी निभाई'

सेरेमोनियल बेंच में CJI बी.आर. गवई ने कहा कि जब मैंने 1985 में इस प्रोफेशन को जॉइन किया था तो मैं लॉ के स्टूडेंट के तौर पर जुड़ा था और अब मैं चीफ जस्टिस के तौर पर पद छोड़ रहा हूं. एक वकील और फिर एक जज और CJI के तौर पर, मेरा हमेशा से मानना ​​रहा है कि हर ऑफिस, पावर का ऑफिस नहीं है, बल्कि देश की सेवा करने का एक मौका है. इसलिए मैंने समाज की सेवा करने के मकसद से अपनी ड्यूटी निभाई.

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'डॉ. अंबेडकर और अपने पिता से प्रभावित हूं'

उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा डॉ. अंबेडकर और अपने पिता से प्रभावित रहा हूं. मुझे खुशी है कि इस कोर्ट में CJI के तौर पर मेरा पहला जजमेंट एनवायरनमेंट से जुड़ा था. इससे मुझे बहुत खुशी हुई है. ज्यूडिशियरी में सुधार से जुड़े कई मामलों में भी मैंने ही फैसले लिखे थे. एक CJI के तौर पर मेरा हमेशा से मानना ​​रहा है कि एक इंस्टीट्यूशन के तौर पर हमें मिलकर काम करना चाहिए.'

सीजेआई गवई ने कहा, 'जब ​​देश संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है. तब मुझे आर्थिक और सामाजिक बराबरी के पहलू में योगदान देने पर गर्व है. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं जिनसे मैंने इतना कुछ सीखा. मैंने इस देश और संस्था के लिए जो किया है, उसके लिए मैं पूरी संतुष्टि और संतोष के साथ पद त्याग रहा हूं.'

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