बिहार से दिल्ली-एनसीआर तक 9 ठिकानों पर CBI के छापे, लैंड फॉर जॉब मामले में लालू के करीबियों पर कार्रवाई

सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा में लालू के करीबी प्रेम चंद्र गुप्ता के ठिकानों पर छापे मारे हैं. इतना ही नहीं बिहार में पटना, भोजपुर और आरा में छापेमारी की गई है. आरजेडी विधायक किरण देवी और उनके पति के ठिकानों पर भी सर्चिंग चल रही है.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मुनीष पांडे

  • नई दिल्ली,
  • 16 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मंगलवार को लालू यादव के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की. ये छापे बिहार से दिल्ली-एनसीआर तक 9 ठिकानों पर मारे गए. सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब मामले में ये कार्रवाई की. 

बताया जा रहा है कि सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा में लालू के करीबी प्रेम चंद्र गुप्ता के ठिकानों पर छापे मारे हैं. इतना ही नहीं बिहार में पटना, भोजपुर और आरा में छापेमारी की गई है. आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव, आरजेडी विधायक किरण देवी और उनके पति के ठिकानों पर भी सर्चिंग चल रही है. 

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मार्च में 15 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी

इससे पहले ईडी ने मार्च में दिल्ली, बिहार और यूपी में 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी.  ये छापेमारी लालू यादव और उनके करीबियों के यहां पड़े थे. इससे पहले सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव और राबड़ी देवी से पूछताछ भी की थी. 

कहां कहां हुई थी छापेमारी?

ईडी की छापेमारी यूपी, बिहार, मुंबई और दिल्ली के 15-20 ठिकानों पर हुई थी. ईडी ने दिल्ली में फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव के घर पर भी रेड डाली थी.

- पटना में आरजेडी के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर भी छापे पड़े थे.
- लालू यादव के समधी जितेंद्र यादव के गाजियाबाद स्थित आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी. लालू यादव के चौथे नंबर की बेटी रागिनी की शादी जितेन्द्र के बेटे राहुल से हुई है.
- लालू यादव की बेटी चंदा और हेमा के यहां भी छापेमारी हुई थी.
- अब्दुल दोजाना के करीबी माने जाने वाले सीए आरएस नाइक के ठिकानों पर रांची में भी ईडी की रेड पड़ी थी.
- लालू की बेटी मीसा के यहां भी ईडी की टीम पहुंची थी. 

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क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

लैंड फॉर जॉब स्कैम का यह केस 14 साल पुराना है. उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनकी जमीन लिखवा ली थी. बताते चलें कि लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे.

- सीबीआई ने इस मामले में 18 मई को केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया.

- सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं.

ईडी का दावा- आवेदनों को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई

रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत में जमीन लेने के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच कर रही है. वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी जांच कर रही है. सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी. इस मामले में लालू यादव के करीबी व पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी अभियुक्त हैं. आरजेडी नेता लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था. भोला 2004 से 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के ओएसडी थे. 

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