संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है और आज विपक्ष का जोरदार हंगामा देखने को मिल रहा है क्योंकि सदन में 'जी राम जी' बिल पेश किया गया. लोकसभा में गुरुवार को 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025' पास हो गया है. विपक्षी सांसदों ने ज़ोरदार हंगामा किया. विपक्ष ने सरकार पर महात्मा गांधी का अपमान करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के प्रावधानों को कमज़ोर करने का आरोप लगाया.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा, "NREGA में महात्मा गांधी का नाम '2009 के चुनावों को ध्यान में रखकर' जोड़ा गया था." लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम 2009 के चुनावों को ध्यान में रखकर NREGA में जोड़ा गया था.
सीनियर बीजेपी नेता ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की इस आलोचना का भी जवाब दिया कि मोदी सरकार मनमर्जी से योजनाओं का नाम बदल देती है, और नेहरू-गांधी के नाम पर कई कल्याणकारी कार्यक्रमों की लिस्ट गिनाई.
विपक्षी सांसदों ने फाड़ी बिल की कॉपी...
विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में हंगामा किया, ग्रामीण रोज़गार योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने को लेकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए, बिल की कॉपियां फाड़ीं और उन्हें स्पीकर की कुर्सी की ओर फेंका.
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इससे पहले दिन में, उन्होंने बिल वापस लेने की मांग करते हुए संसद परिसर के अंदर विरोध मार्च निकाला था. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कानून को गांधी का अपमान और काम के अधिकार पर हमला बताया, जिसने ग्रामीण भारत में सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाया था.
'जी राम जी' बिल हर ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य बिना किसी खास हुनर वाले शारीरिक काम के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं, हर साल 125 दिनों के रोज़गार की कानूनी गारंटी देता है. राज्यों को कानून लागू होने के छह महीने के अंदर अपनी योजनाओं को नए कानून के प्रावधानों के हिसाब से बनाना होगा.
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ऐश्वर्या पालीवाल