संत से आदतन अपराधी....आसाराम की अर्श से फर्श तक की कहानी

दुष्कर्म के मामले में गांधीनगर की अदालत ने आसाराम पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे पीड़िता को बतौर मुआवजा राशि के तौर पर दिया जाएगा. आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का ये मामला 2013 में दर्ज हुआ था. हालांकि, पीड़िता के साथ दुष्कर्म 2001 से 2006 के बीच हुआ था.

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आसाराम बापू आसाराम बापू

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:35 AM IST

एक समय था, जब खुद को संत बताने वाले आसाराम बापू के दरबार में आम से लेकर खास लोगों का हुजूम लगा रहता था. वह खुद को भगवान बताता था. बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज उनके दरबार में पाए जाते थे. लेकिन रेप मामलों में कानून के शिकंजे में जकड़ने के बाद उनके अच्छे दिनों पर पानी फिर गया. दुष्कर्म के एक मामले में गांधीनगर की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. 

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गांधीनगर की अदालत ने आसाराम पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसे पीड़िता को बतौर मुआवजा राशि के तौर पर दिया जाएगा. आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का ये मामला 2013 में दर्ज हुआ था. हालांकि, पीड़िता के साथ दुष्कर्म 2001 से 2006 के बीच हुआ था. पीड़िता की बहन ने ही आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था. इस मामले में नारायण साईं को अप्रैल 2019 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

पीड़ित महिला ने इस मामले में आसाराम और सात अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म और अवैध तरीके से बंधक बनाने का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी और बेटी भारती को भी आरोपी बनाया गया था.

आसाराम का साम्राज्य

आसाराम का 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य माना जाता है. उन्होंने 170 के दशक में साबरमती नदी के किनारे एक झोपड़ी से अपने करियर की शुरुआत की थी. साल 2018 तक देश और दुनियाभर में उनके 400 से अधिक आश्रम हैं. 

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आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बेरानी गांव में हुआ था. 1947 में बंटवारे के बाद वह अपने माता-पिता के साथ अहमदाबाद में आ गया था. वह चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की. पिता की मौत के बाद उन्हें स्कूली पढ़ाई छोड़नी पड़ी.

उन्होंने शुरुआती जीवन में कई तरह के काम किए. इसके बाद वह आध्यात्निक खोज में हिमालय की ओर निकल गए, जहां उनकी मुलाकात उनके गुरु लीलाशाह बापू से हुई. लीलाशाह ने ही उसे साल 1964 में आसाराम नाम दिया. साथ ही आसाराम को अपना मार्ग बनाने और लोगों का मार्गदर्शन करने का आदेश दिया. 

70 के दशक में आसाराम अहमदाबाद आए और मोटेरा के पास साबरमती के किनारे तपस्या करने लगे. उन्होंने यहां मोक्ष कुटिर बनाई. कुछ सालों में संत आसाराम बापू की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैलने लगी और मोक्ष कुटीर पूर्ण रूप से उनका आश्रम बन गया. चार दशकों के भीतर उन्होंने भारत और विदेश में लगभग 400 आश्रम बनाए. 

15 साल की उम्र में आसाराम बापू की शादी लक्ष्मी देवी से हुई. उनके दो बच्चे हैं. उनमें से एक नारायण साईं है, जो रेप के मामले में आरोपी है. उनकी बेटी का नाम भारती देवी है. 2013 रेप मामले में गांधीनगर की अदालत ने लक्ष्मी देवी और भारती देवी सहित छह आरोपियों को बरी कर दिया था.

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सितंबर 2013 में जोधपुर के पास अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में गिरफ्तारी के बाद उनके अच्छे दिन बुरे दिन में तब्दील हो गए. 

इस मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आरसी कोडेकर ने बताया कि इस मामले में पीड़िता एक सामान्य पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई है. 2013 तक आसाराम के खिलाफ आवाज उठाने की उसे हिम्मत नहीं हुई. जोधपुर में इसी तरह के एक मामले में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद पीड़िता ने पुलिस के पास जाने का फैसला किया. प्रॉसिक्यूटर ने इस आधार पर आसाराम के लिए आजीवन कारावास की सजा मांगी थी कि वह आदतन अपराधी (Habitual Offender) है और कई बार इस तरह के अपराध कर चुका है. 

आसाराम के दोषी सिद्ध हो जाने के बाद भी मोटेरा में आसाराम का आश्रम अनुयायियों से खचाखच भरा रहता है, जिन्हें अभी तक विश्वास नहीं है कि आसाराम ऐसा कर सकते हैं. इन अनुयायियों का मानना है कि उनके गुरु को झूठे आरोपों में जेल में रखा गया है. 

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