'मतदाता सूची में गड़बड़ी पर कोई भी कर सकता है आपत्ति दर्ज', राहुल के आरोपों पर बोले CEC ज्ञानेश कुमार

चुनाव आयुक्त ने कहा कि कुछ लोगों ने डबल वोटिंग का आरोप लगाया था, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया. आयोग ने सख्ती से कहा कि वह ऐसे झूठे आरोपों से डरने वाला नहीं है. यह केवल राजनीति है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Photo: ITG) मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Photo: ITG)

ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST

भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए "वोट चोरी" के आरोप पर सफाई दी. आयोग ने कहा कि वह बिना किसी डर के अपना कर्तव्य निभा रहा है और सभी मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा.

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी मतदाता के नाम पर आपत्ति दर्ज करा सकता है. यदि शिकायत करने वाला व्यक्ति उस क्षेत्र का मतदाता नहीं है, तो उसे गवाह के तौर पर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (Electoral Registration Officer) के समक्ष शपथ लेनी पड़ती है.

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चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ा रुख अपनाया है. आयोग ने राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नाम पेश करने को कहा था जिनके बारे में उनका दावा है कि उन्हें मतदाता सूची से गलत तरीके से जोड़ा या हटाया गया है. इसके साथ ही आयोग ने राहुल से हस्ताक्षरित शपथ-पत्र भी मांगा था.

यह भी पढ़ें: '7 दिन में हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी...', राहुल गांधी पर CEC ज्ञानेश कुमार ने साधा निशाना

आयोग डरने वाला नहीं- CEC

चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ लोगों ने डबल वोटिंग का आरोप लगाया था, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया. आयोग ने सख्ती से कहा कि वह ऐसे झूठे आरोपों से डरने वाला नहीं है. यह केवल राजनीति है, जिसमें मतदाताओं को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है और आयोग को बीच में खींचा जा रहा है.

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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ कहा- “हम हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. भारत के संविधान के अनुसार केवल भारत के नागरिक ही विधायक और सांसद का चुनाव कर सकते हैं. अगर किसी अन्य देश के नागरिक ने गलती से या जानबूझकर गणना फॉर्म भरा है, तो SIR प्रक्रिया में उनसे दस्तावेज मांगे गए हैं. इनकी जांच 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी और ऐसे लोग पाए जाने पर निश्चित तौर पर उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा.”

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