अनुराग ठाकुर ने भगवान हनुमान को बताया पहला अंतरिक्ष यात्री, DMK MP कनिमोझी बोलीं- मिथक को विज्ञान बनाना खतरनाक

अनुराग ठाकुर ने छात्रों से बातचीत के दौरान विज्ञान को लेकर ऐसा बयान दिया कि वो सुर्खियों में आ गए. उन्होंने कहा कि "हनुमान जी पहले अंतरिक्ष यात्री थे." उनका यह कथन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और शिक्षा में विज्ञान और मिथकों को मिलाने पर बहस छिड़ गई. डीएमके सांसद कनिमोझी ने इसे बच्चों को गुमराह करने वाला बताया.

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अनुराग ठाकुर ने हनुमान जी को बताया पहला अंतरिक्ष यात्री (Photo: X/@ianuragthakur/PTI) अनुराग ठाकुर ने हनुमान जी को बताया पहला अंतरिक्ष यात्री (Photo: X/@ianuragthakur/PTI)

आलोक रंजन

  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:58 PM IST

बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने छात्रों के साथ बातचीत के दौरान अंतरिक्ष के यात्री को लेकर कुछ ऐसा जवाब दिया कि वह सुर्खियों में आ गए. हिमाचल प्रदेश के ऊना में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर छात्रों से बातचीत करते हुए उन्होंने पूछा कि अंतरिक्ष में यात्रा करने वाला पहला कौन था? जिसके जवाब में बच्चों ने जवाब दिया नील आर्मस्ट्रांग. बच्चों के जवाब के बाद उन्होंने कहा, 'हनुमान जी थे पहले अंतरिक्ष यात्री.'

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अनुराग ठाकुर के इस बयान पर डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर एक्स पर लिखा, 'किसी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री का इस तरह बच्चों को गुमराह करना बेहद चिंताजनक है. विज्ञान, पौराणिक कथाओं से अलग है. कक्षा में बच्चों को इस तरह की बातें सिखाना ज्ञान, तर्क और संविधान में निहित वैज्ञानिक सोच का अपमान है.'

उन्होंने कहा, भारत का भविष्य जिज्ञासा और शोध की भावना को आगे बढ़ाने में है, न कि मिथकों और कथाओं को विज्ञान के रूप में पेश करने में. "हमारा काम बच्चों में जिज्ञासा जगाना है, न कि तथ्य और कल्पना को मिलाना.

यह भी पढ़ें: पहला अंतरिक्ष यात्री कौन? अनुराग ठाकुर की 'स्तुति' से तो हनुमान जी भी खुश नहीं हुए होंगे

अनुराग ठाकुर ने क्या कहा था?

एक कार्यक्रम के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमें अपनी हजारों साल पुरानी परंपरा, ज्ञान और संस्कृति को समझना होगा. जब तक हम अपने इस मूल ज्ञान से परिचित नहीं होंगे, तब तक हम अंग्रेजों द्वारा दिखाए गए सीमित दृष्टिकोण तक ही बंधे रहेंगे. उन्होंने प्रिंसिपल और शिक्षकों से आग्रह किया कि टेक्स्टबुक से बाहर निकलकर विद्यार्थियों को हमारी परंपराओं और ज्ञान की ओर भी प्रेरित करें.

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उन्होंने कहा, कार्यक्रम में लगे प्रदर्शनी स्टॉल की भी प्रशंसा की और बोले- विद्यार्थियों ने जिस तरह से मिशन तैयार किया है, वह सराहनीय है. इसके लिए उन्होंने सभी बच्चों को शुभकामनाएं और बधाई देता हूं. 

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