पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एक्शन में है. सीबीआई की टीम कोलकाता स्थित दफ्तर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर रही है. सीबीआई ने अभिषेक को समन कर 11 बजे अपने दफ्तर में पेश होने के लिए कहा था.
अभिषेक बनर्जी ने सीबीआई के नोटिस के जवाब में पत्र लिखकर राज्य में निकल रही अपनी यात्रा का हवाला दिया है. साथ ही ये भी कहा है कि वे जांच में एजेंसी का पूरा सहयोग करेंगे. अभिषेक ने साफ किया था कि वे तय तिथि और तय समय पर सीबीआई के कोलकाता दफ्तर पहुंचेंगे. अभिषेक बनर्जी तय समय पर सीबीआई के कोलकाता दफ्तर पहुंच गए.
अभिषेक बनर्जी ने पत्र लिखकर कहा था कि इन दिनों सूबे में एक यात्रा निकाल रहा हूं जो मेरा प्रोफेशनल कमिटमेंट है. इसके बावजूद तय समय पर सीबीआई दफ्तर पहुंचेंगे. उन्होंने शुक्रवार को बांकुड़ा में अपनी जन संजोग यात्रा स्थगित करते हुए सीबीआई के समन का जिक्र किया था और कहा था कि सीबीआई ने हरीश मुखर्जी रोड स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया है.
अभिषेक बनर्जी ने ये भी ऐलान किया था कि 22 मई को ये यात्रा फिर से उसी जगह से शुरू होगी, जहां इसे रोका गया है. अभिषेक ने सीबीआई को गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी थी और कहा था कि अगर उनके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत हैं तो मुझे गिरफ्तार करें. उन्होंने केंद्रीय एजेंसी पर तंज करते हुए कहा था कि वे कई साल से पश्चिम बंगाल में कई मामलों की जांच कर रहे हैं.
इससे पहले, अभिषेक बनर्जी ने 18 मई को कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट के उस आदेश को निरस्त करने की मांग की गई थी जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी शिक्षक भर्ती घोटाले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं. इस मामले में एक आरोपी कुंतल घोष ने दावा किया था कि केंद्रीय एजेंसियां उन पर इस घोटाले में अभिषेक का नाम लेने का दबाव बना रही हैं.
नौ साल पुराना है शिक्षक भर्ती घोटाला
पश्चिम बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला साल 2014 का है तब सूबे के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने विज्ञापन निकाला था. इस भर्ती की प्रक्रिया साल 2016 में पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते शुरू हुई थी. शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं. कम नंबर वाले, टीईटी में फेल उम्मीदवारों के नाम भी मेरिट लिस्ट में होने की शिकायतें आई थीं और साथ ही ये भी कि जिनके नाम मेरिट लिस्ट में थे ही नहीं, उनको भी नौकरी मिल गई.
सूर्याग्नि रॉय