आज का दिन: वैक्सीन विदेश भेजने के दिल्ली सरकार के आरोपों में कितना दम?

‘आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे वैक्सीन विदेश भेजने के दिल्ली सरकार के आरोपों में कितना दम, यूपी में धूल फाँक रहे वेंटिलेटर्स की बेक़द्री का दोषी कौन, फ्रंटलाइन वर्कर्स को इंश्योरेंस मिलने की हक़ीक़त क्या है, नेपाल किस राह चलेगा?

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर नितिन ठाकुर किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

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क्या सरकार वैक्सीन विदेश में बेच रही है?

आजकल वैक्सीन की ख़रीद और सप्लाई को लेकर दिल्ली सरकार केंद्र से ख़फ़ा चल रही है. डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया का आरोप है कि केंद्र सरकार से वो जितनी वैक्सीन माँग रहे हैं उतनी नहीं मिल रही, ऊपर से दूसरे देशों को वैक्सीन बेची जा रही है. दिल्ली की ख़बरें कवर करने वाले आजतक रेडियो रिपोर्टर पंकज जैन बता रहे हैं कि दिल्ली सरकार के आरोपों में कितना दम है और किस देश को भारत सरकार ने कब और कितनी वैक्सीन दी है. 

धूल फाँकते वेंटिलेटर्स का दोषी कौन?

कहां तो अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं मिल रहे और कहां ख़बर आ रही हैं कि पीएम केयर्स फंड से बनवाए गए वेंटिलेटर बेक़द्री का शिकार हो रहे हैं. ऐसे मुश्किल वक़्त में सरकारों की ये लापरवाही अपराध से कम नहीं. यूपी से आजतक रेडियो रिपोर्टर कुमार अभिषेक बता रहे हैं कि अस्पतालों में वेंटिलेटर्स पर धूल जम जाने का दोषी कौन है और इसके पीछे वजहें कैसी कैसी हैं?

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ताली-थाली ठीक है मगर इंश्योरेंस का क्या?

कोरोना से लड़ रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स की बात होती है तो उनकी तारीफ में कही गई नेताओं की बातें याद आती हैं, जहाज़ से बरसाए फूल याद आते हैं, बालकनियों में खड़े होकर बजाई गई ताली-थाली याद आती हैं मगर क्या इससे उनका कुछ भला होता है? आपको शायद याद हो कि पिछले साल उनका भला करने के लिए ही 26 मार्च को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक एलान किया था. घोषणा हुई हर फ्रंटलाइन वर्कर के लिए 50 लाख रुपए के इंश्योरेंस की. बहुत तारीफ़ हुई थी इस फ़ैसले की लेकिन हक़ीक़त एक आरटीआई में खुली. ख़ुद आरटीआई एक्टविस्ट जितेंद्र घड़गे बता रहे हैं कि उनको क्या पता चला.

पीएम ओली हो गए भूतपूर्व

नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली संसद में बहुमत ना साबित कर पाने के चलते सत्ता से बेदख़ल हो गए हैं. भारत को लेकर अनावश्यक रूप से आक्रामक रहे ओली के जाने के पीछे क्या हालात रहे और अब नेपाल के साथ भारत के संबंध कौन सी राह लेंगे इस पर इंडिया टुडे टीवी की फॉरेन अफ़ेयर्स एडिटर गीता मोहन रौशनी डाल रही हैं.

इसके अलावा आज के पॉडकास्ट में सुनिए कि आज की तारीख़ में पहले क्या घट चुका है और साथ ही देश-विदेश के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ भी, जिन्हें लेकर आए हैं अमन गुप्ता.

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