आज का दिन : क्या रैलियों पर रोक लगा सकता है चुनाव, जानिए क्या चाहती हैं पार्टियां

अचानक से बढ़े कोरोना के मामलों के बीच होती चुनावी रैलियां अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो ज़ाहिर है कोरोना अपने और बुरे रूप में दिख सकता है. इसमें कोई शक नहीं है. कल नीति आयोग के सदस्य और भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने भी चुनाव आयोग को बताया है कि देश में मौजूदा कोविड की स्थिति बड़ी रैलियों और रोड शो करने लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन नहीं होने चाहिए.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:58 AM IST

अचानक से बढ़े कोरोना के मामलों के बीच होती चुनावी रैलियां अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो ज़ाहिर है कोरोना अपने और बुरे रूप में दिख सकता है. इसमें कोई शक नहीं है. कल नीति आयोग के सदस्य और भारत के कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने भी चुनाव आयोग को बताया है कि देश में मौजूदा कोविड की स्थिति बड़ी रैलियों और रोड शो करने लायक नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन नहीं होने चाहिए. देर रात वीके पॉल के इस बयान पर चुनाव आयोग की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर राजनीतिक पार्टियों से सम्पर्क में है. और हम उनसे लगातार बड़ी रैलियों और आयोजनों को रोकने की अपील कर रहे हैं.  हालांकि सवाल यहां ये है कि कोविड के लगातार बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग रैलियों को लेकर सख्त मूड में क्यों नहीं आ पा रहा, क्या उनके सामने किसी तरह की दिक्कत आ रही है? क्या वीके पॉल के बयान के बाद रैलियों को बैन करने को लेकर चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ेगा? क्या ये माना जाए कि आयोग राजनीतिक रैलियों को लेकर जल्द ही कोई फैसला करेगा? क्या अब आगे का चुनाव प्रचार,  रैली और बड़े कार्यक्रम के बगैर दिख सकता है?  
 
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