'हम संत नहीं हैं...', अजित पवार ने BJP से अलायंस का किया बचाव, NCP के दोनों गुटों में विलय की अटकलें तेज

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने साल 2023 में अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और 40 विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए थे. बाद में वे महाराष्ट्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बने.

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अजित पवार और शरद पवार के एनसीपी गुटों ने अलग-अलग कार्यक्रमों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का 26वां स्थापना दिवस मनाया. अजित पवार और शरद पवार के एनसीपी गुटों ने अलग-अलग कार्यक्रमों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का 26वां स्थापना दिवस मनाया.

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 11 जून 2025,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने मंगलवार को अपना 26वां स्थापना दिवस मनाया. पूरे दिन यह जश्न एकता की बजाय दो समानांतर समारोहों में बंटा रहा. पुणे में अजित पवार और सुप्रिया सुले के नेतृत्व में NCP के दोनों गुटों ने अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए. इस बीच, राजनीतिक गलियारों में दोनों गुटों के बीच संभावित विलय की अटकलें भी जोर पकड़ने लगी हैं.

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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने साल 2023 में अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और 40 विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए थे. बाद में वे महाराष्ट्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बने. अजित ने पार्टी और चुनाव चिह्न भी हासिल कर लिया. अब महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी के दोनों गुट अपनी विचारधारा के साथ सक्रिय हैं.

अजित गुट ने मनाया स्थापना दिवस

मंगलवार को अजित गुट ने पार्टी का स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम को NCP प्रमुख अजित पवार ने संबोधित किया. उन्होंने अपने बगावत के फैसले का खुलकर बचाव किया. अजित पवार ने कहा, सिर्फ विपक्ष में बैठकर नारे लगाना और मोर्चे निकालना काफी नहीं है. हम कोई संत नहीं हैं. हम यहां दिशा देने, लोगों की समस्याएं हल करने और समावेशी राजनीति करने आए हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि बीजेपी से हाथ मिलाने का मतलब पार्टी की विचारधारा से समझौता नहीं है.

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महायुति में क्यों आए? अजित ने दिया जवाब

उन्होंने आगे कहा, कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि हमने बीजेपी और महायुति (एनडीए) से हाथ क्यों मिलाया? लेकिन क्या 2019 में हमने शिवसेना से गठबंधन नहीं किया था? तब भी समझौते हुए थे. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसे नेता खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं. नायडू भी NDA से जुड़ चुके हैं और ममता अतीत में एनडीए की हिस्सा रही हैं.

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन पर क्या बोले अजित?

अजित पवार ने दो टूक कहा, हमारा उद्देश्य स्पष्ट है- वंचितों का विकास और उत्थान. लोकसभा चुनाव 2024 में अपने गुट के खराब प्रदर्शन को लेकर अजित ने आत्ममंथन की बात स्वीकारी. पवार ने माना कि इस पर चिंतन और सुधार की जरूरत है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा और बताया कि पार्टी अगले डेढ़ महीने में राज्यव्यापी रैलियां शुरू करेगी.

'नए चेहरों का स्वागत होगा...'

उन्होंने संकेत दिया कि स्थानीय राजनीतिक समीकरणों के आधार पर गठबंधन संभव हैं. साथ ही कहा कि पार्टी में नए चेहरों का स्वागत होगा, लेकिन जिम्मेदारी सिर्फ उन्हें दी जाएगी, जो खुद को साबित करेंगे. उन्होंने जोड़ा कि विभाजनकारी राजनीति से थोड़े समय के लिए लाभ मिल सकता है, लेकिन आगे बढ़ने का रास्ता सिर्फ समावेशी राजनीति है.

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शरद पवार गुट ने भी मनाया स्थापना दिवस

दूसरी ओर शरद पवार गुट की ओर से सुप्रिया सुले ने पार्टी का स्थापना दिवस मनाया. जब सुप्रिया से अजित गुट के साथ संभावित विलय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधा जवाब देने से परहेज किया. हालांकि, पारिवारिक रिश्ते पर जोर दिया.

सुप्रिया ने कहा, अजित पवार और मैं परिवार के रूप में हमेशा साथ हैं. पार्टी विलय जैसे फैसले कैमरे पर नहीं, बातचीत की टेबल पर लिए जाते हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि उनके गुट ने विशेष सत्र बुलाने की कोई मांग नहीं की है. दरअसल, हाल ही में कुछ अटकलों में विशेष सत्र को लेकर दावे किए जा रहे थे.

पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सुप्रिया सुले ने कहा, एनसीपी हमेशा महाराष्ट्र और देश की जनता के साथ खड़ी रही है. 2023 में पार्टी के दो गुटों में बंटने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल का जिक्र किया और कहा, अच्छे दिन और बुरे दिन आते हैं. यही जीवन है.

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