अदिति तटकरे के झंडा फहराने से रायगढ़ में शिवसेना की नाराजगी, गार्जियन मिनिस्टर विवाद बढ़ा

जनवरी 2025 में अदिति तटकरे को रायगढ़ का गार्जियन मिनिस्टर बनाया गया था लेकिन शिवसेना ने इसका विरोध किया. शिवसेना का कहना है कि रायगढ़ में उनके तीन विधायक हैं, जबकि एनसीपी का सिर्फ एक, इसलिए यह पद भरत गोगावाले को मिलना चाहिए. इस विरोध के बाद तटकरे की नियुक्ति पर रोक लगी थी.

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Aditi Tatkare (Photo Credit: FB) Aditi Tatkare (Photo Credit: FB)

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई ,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना में रायगढ़ जिले को लेकर विवाद बढ़ गया है. स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का सम्मान एनसीपी की अदिति तटकरे को देने का फैसला हुआ है, जबकि शिवसेना के मंत्री भरत गोगावाले इसकी उम्मीद कर रहे थे. वहीं, नासिक में बीजेपी के मंत्री गिरीश महाजन को यह जिम्मेदारी दी गई है जिससे शिंदे की शिवसेना को एक और झटका लगा है. ये तनाव महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी) में रायगढ़ के गार्जियन मिनिस्टर पद को लेकर चल रहे विवाद को और बढ़ा रहा है. 

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क्या है गार्जियन मिनिस्टर विवाद?

पिछले दस महीनों से जब से महायुति सरकार सत्ता में आई है, रायगढ़ के गार्जियन मिनिस्टर पद को लेकर खींचतान चल रही है. ये पद जिला योजना और विकास परिषद की देखरेख करता है इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है. जनवरी 2025 में अदिति तटकरे को रायगढ़ का गार्जियन मिनिस्टर बनाया गया था लेकिन शिवसेना ने इसका विरोध किया. शिवसेना का कहना है कि रायगढ़ में उनके तीन विधायक हैं, जबकि एनसीपी का सिर्फ एक, इसलिए यह पद भरत गोगावाले को मिलना चाहिए. इस विरोध के बाद तटकरे की नियुक्ति पर रोक लगी थी.

गोगावाले और तटकरे की पुरानी रंजिश

गोगावाले और तटकरे के बीच स्थानीय राजनीति को लेकर पुरानी प्रतिद्वंद्विता है. इस फैसले के बाद शिवसेना समर्थकों ने मुंबई-गोवा हाईवे को कुछ देर के लिए जाम कर विरोध जताया. 

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झंडा फहराने का फैसला और बढ़ा विवाद

स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का मौका तटकरे को देने से विवाद और गहरा गया है. चार बार के विधायक गोगावाले ने हाल ही में एक कैबिनेट मीटिंग छोड़ दी. हालांकि उन्होंने इसे पहले से तय दिल्ली दौरे का हवाला दिया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह उनकी नाराजगी की वजह से था. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उस समय श्रीनगर में थे और वह भी मीटिंग में शामिल नहीं हुए. 

मुख्यमंत्री का फैसला बाकी

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी है लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है. शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने शिंदे गुट पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी का तटकरे को चुनना यह दिखाता है कि शिंदे की शिवसेना का प्रभाव कम हो गया है. वहीं, शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाठ ने कहा कि कैबिनेट में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई और जल्द ही मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों के बीच बातचीत के बाद गार्जियन मिनिस्टर पर फैसला हो सकता है.

महायुति गठबंधन में दरार

ये विवाद महायुति गठबंधन में तनाव को उजागर कर रहा है. स्थानीय एनसीपी नेता भी गोगावाले के खिलाफ हैं. स्वतंत्रता दिवस नजदीक आने के साथ रायगढ़ का यह मुद्दा गठबंधन की एकता को प्रभावित कर सकता है, खासकर आगामी स्थानीय चुनावों के मद्देनजर. 

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