मेहुल चोकसी-PNB घोटाला मामले में बड़ा एक्शन, पीड़ितों को लौटाई गई 125 करोड़ रुपये की संपत्ति

मेहुल चोकसी-पीएनबी घोटाला मामले में ईडी ने बड़ा एक्शन लिया है. कोर्ट के आदेश पर ईडी ने 125 करोड़ रुपये की संपत्ति के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू कर दी. इसमें मुंबई में फ्लैट और SEEPZ मुंबई में कारखाने/ गोदाम शामिल हैं. ईडी ने पीड़ितों (बैंकों) को 125 करोड़ रुपये की संपत्ति लौटा दी है.

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मेहुल चाेकसी. (फाइल फोटो) मेहुल चाेकसी. (फाइल फोटो)

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 10 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

पंजाब नेशनल बैंक और ICICI बैंक को करोड़ों का चूना लगाकर देश छोड़कर भागे कारोबारी मेहुल चौकसी की संपत्तियों के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. मुंबई के प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के लिक्विडेटर को 125 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति सौंप दी है. ये संपत्तियां उनके असली मालिकों और चोकसी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले के पीड़ितों को वापस की गई हैं.

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मेहुल चोकसी मामले में बैंकों की ओर से कोर्ट में संपत्ति हैंडओवर के लिए एक आवेदन दायर किया गया था, ताकि धोखाधड़ी मामले में महत्वपूर्ण वसूली हो सकेगी.

कोर्ट ने चोकसी से जुड़ी 2,565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों के मोनिटाइजेशन को मंजूरी दी है. चोकसी के पीएनबी घोटाले से 6,097.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उसने आईसीआईसीआई का भी कर्ज नहीं चुकाया है.

आरोपी मेहुल चोकसी गीतांजलि समूह का प्रमोटर है और वो फरार चल रहा है. चोकसी के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक्शन लिया है. मेहुल चोकसी की प्रॉपर्टी में जिनकी जांच चल रही है, उनमें गीतांजलि जेम्स लिमिटेड (GGL), नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड (NBL), नक्षत्र वर्ल्ड लिमिटेड (NWL) और गिली इंडिया लिमिटेड के अलावा अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल हैं.

ईडी ने कहा कि मेहुल चोकसी की संपत्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग के पीड़ितों (बैंकों) को लौटाया जा रहा है. प्रोडक्टिव संपत्तियों को उपयोग में लाने के लिए और वित्तीय संस्थानों को अटैच या सीज / सुरक्षित संपत्तियों के मोनेटाइजेशन के लिए PNB और ICICI बैंक (बैंक धोखाधड़ी के शिकार) के सहयोग से ईडी द्वारा ठोस प्रयास किया गया है.

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बैंकों द्वारा दायर आवेदन के आधार पर मुंबई की विशेष PMLA कोर्ट ने मेहुल चोकसी मामले (पीएनबी धोखाधड़ी मामला) में ईडी द्वारा कुर्क या जब्त की गई 2565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों के मोनेटाइजेशन की अनुमति दी थी.

आदेश के मुताबिक परिसंपत्तियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 125 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मेसर्स गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के लिक्विडेटर को सौंप दी गई है. इनमें मुंबई में स्थित फ्लैट और SEEPZ मुंबई में स्थित दो कारखाने/ गोदाम शामिल हैं. बाकी संपत्तियों की वापसी की प्रोसेस भी चल रही है.

मेहुल चोकसी के मामले में पीएमएलए के तहत जांच से पता चला कि उसने 2014 से 2017 की अवधि के दौरान पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के अपने सहयोगियों और बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की और पीएनबी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट जारी करवाया, जिसके कारण गलत तरीके से काम किया गया. पीएनबी को 6097.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. उसने ICICI बैंक से भी लोन लिया था और उस लोन का भुगतान भी नहीं किया था. 

जांच के दौरान ईडी ने पूरे देश में 136 से ज्यादा जगहों पर तलाशी ली और मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह से संबंधित 597.75 करोड़ की कीमती संपत्ति, सामान/आभूषण जब्त कर लिए थे.

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इसके अलावा, मेहुल चोकसी/ गीतांजलि समूह की 1968.15 करोड़ रुपये की अचल/ चल संपत्ति कुर्क की गई थी, जिसमें भारत और विदेशों में अचल संपत्ति, वाहन, बैंक खाते, फैक्ट्री, सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर, आभूषण और अन्य शामिल हैं. कुल मिलाकर इस मामले में 2565.90 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क या जब्त की गई और तीन अभियोजन शिकायतें दर्ज की गईं. दोनों पीड़ित बैंकों को संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ईडी ने संपत्तियों के मोनिटाइजेशन की दिशा में सक्रिय कदम उठाए. ईडी और बैंक एक साझा रुख अपनाने पर सहमत हुए और एक संयुक्त आवेदन (सहमति आवेदन) दाखिल करने के लिए मुंबई के विशेष पीएमएलए कोर्ट पहुंचे.

कोर्ट ने संयुक्त आवेदन पर 10 सितंबर 2024 को आदेश पारित किया जिसमें कहा गया था कि ईडी विभिन्न गीतांजलि समूह की कंपनियों के बैंकों, लिक्विडेटर को अटैच या जब्त की गई संपत्तियों का मूल्यांकन और नीलामी करने की सुविधा प्रदान करेगा और उक्त संपत्तियों की नीलामी के बाद बिक्री की राशि एफडी के रूप में PNB/ ICICI में जमा की जाएगी. 

अब तक ऐसी 6 संपत्तियां हैं. पूर्वी मुंबई के खेनी टावर सांताक्रूज में स्थित फ्लैट, जिसकी कुल कीमत लगभग 27 करोड़ रुपये है और 2 और संपत्तियां हैं. (1) प्लॉट नंबर -61, SEEPZ में भूमि और भवन और (2) प्लॉट नंबर -16, SEEPZ में भूमि और भवन का सामूहिक मूल्य 98.03 करोड़ रुपये था, जिसे बहाल किया गया और मेसर्स गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के लिक्विडेटर को सौंप दिया गया. ईडी ने कहा, विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के आदेश पर शेष संपत्ति भी लिक्विडेटर /बैंकों को सौंपी जा रही है.

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