सिर पर BMC चुनाव, लेकिन महाविकास अघाड़ी में कम नहीं हो रहा तनाव!

महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. शिवसेना (UBT) के मुखपत्र सामना में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया छपी थी. सामना में लिखा गया है कि नाना पटोले अगर स्पीकर बने रहते तो शिंदे गुट को शांत किया जा सकता था. इस पर अब पटोले का पलटवार आया है.

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उद्धव ठाकरे और नाना पटोले (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे और नाना पटोले (फाइल फोटो)

पंकज उपाध्याय

  • मुंबई,
  • 11 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:45 AM IST

पिछले कुछ हफ्तों से महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन सहयोगियों के बीच बढ़ते तनाव और कांग्रेस पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह की खबरें सुनाई दे रही हैं. यह सब ऐसे समय हो रहा है, जब कुछ ही महीनों में सियासी लिहाज से अहम माने जाने वाले बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनावों को देखते हुए पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई हैं.

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दरअसल, हाल ही में शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र सामना में कांग्रेस पार्टी के राज्य प्रमुख नाना पटोले को निशाने पर लिया गया था. अब पटोले ने संपादकीय लेख के लिए शिवसेना नेता संजय राउत पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, 'मैं शिवसेना सांसद संजय राउत का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने अखबार में मेरे बारे में लेख लिखकर मुझे मेरी ताकत के बारे में बताया है'

इस विवाद की शुरुआत तब शुरू हुई जब शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना के माध्यम से कहा कि नाना पटोले एमवीए सरकार के पतन के लिए काफी हद तक जिम्मेदार थे, क्योंकि उन्होंने एक महत्वपूर्ण समय में जल्दबाजी में स्पीकर के पद से इस्तीफा दे दिया था. राउत ने संपादकीय के माध्यम से यहां तक कहा कि अगर पटोले सदन के अध्यक्ष बने रहते तो एमवीए सरकार के लिए शिंदे गुट के विद्रोह को नाकाम करने में आसानी होती.

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सामना में लिखी गई इस संपादकीय को कांग्रेस पार्टी ने गंभीरता से लिया. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि शिवसेना (उद्धव गुट) को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए. कांग्रेस ने अपनी हिदायत में यह भी कहा है कि उन्हें (शिवसेना) कांग्रेस पार्टी के उन फैसलों का सम्मान करना चाहिए, जो पार्टी आलाकमान ने निर्धारित नियमों का पालन करते हुए लिए हैं.

इसके बाद भी महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख ने एक बार फिर शिवसेना पर पलटवार किया है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी के भीतर सब ठीक है. कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं बालासाहेब थोराट और नाना पटोले के बीच बढ़ता तनाव भी खुलकर सबके सामने आ चुका है. हालात ऐसे हैं कि बालासाहेब थोराट और नाना पटोले के विवाद के मामले को सार्वजनिक रूप से फैलने से रोकने के लिए महाराष्ट्र प्रभारी एच के पाटिल को मुंबई भेजा जा रहा है. 

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पाटिल रविवार सुबह सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट से मिलने जाएंगे. पूरी संभावना है कि उनसे कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता के पद से इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा जाएगा. बालासाहेब थोराट ने पहले कथित तौर पर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए सीएलपी नेता के पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद पाटिल शाम को कांग्रेस पार्टी के सभी महत्वपूर्ण नेताओं के साथ बैठक में शामिल होंगे.

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हालांकि, नाना पटोले कह चुके हैं कि कांग्रेस में कोई अंदरूनी कलह नहीं है. बीजेपी कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि मुझे नहीं पता कि बालासाहेब थोराट ने इस्तीफा दिया है या नहीं, इसलिए मैं इस बात का जवाब नहीं दे सकता. 
 

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