देवेंद्र-रविंद्र की जोड़ी फिर बनेगी चुनावी हथियार...! महाराष्ट्र में BJP का अब BMC चुनाव पर फोकस

महाराष्ट्र की नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी अब बीएमसी चुनावों की तैयारी में जुट गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की जोड़ी को इस सफलता का श्रेय दिया जा रहा है. पार्टी के भीतर और बाहर उनकी रणनीति की चर्चा तेज है.

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नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत हुई है. (Photo- ITG) नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत हुई है. (Photo- ITG)

दीपेश त्रिपाठी

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

महाराष्ट्र की नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी का आत्मविश्वास चरम पर है. इन नतीजों के बाद पार्टी की नजर अब मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों पर टिक गई है. भाजपा नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की मजबूत जोड़ी ने पार्टी को यह ऐतिहासिक सफलता दिलाई है और यही रणनीति आगे भी कारगर साबित हो सकती है.

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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विकासोन्मुख राजनीति और प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की सशक्त संगठन क्षमता और सटीक चुनावी योजना के दम पर भाजपा ने पहली बार नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है. भाजपा नेताओं का दावा है कि यह जीत केवल चुनावी आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि संगठनात्मक मजबूती का भी प्रमाण है.

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प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच देवेंद्र–रविंद्र की जोड़ी का जो सम्मान लंबे समय से देखा जा रहा था, वही इस चुनाव में प्रचार गीत के नारे "तुमची आमची भाजपा सर्वांची" के जरिए जमीन पर उतरता दिखा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने इस नारे को सच कर दिखाया है.

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कोकण क्षेत्र में रविंद्र चव्हाण की मजबूत पकड़

रविंद्र चव्हाण ने छह महीने पहले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद अनुशासित लेकिन आक्रामक शैली में पूरे राज्य में व्यापक जनसंपर्क किया. इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया. कोकण क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले चव्हाण के नेतृत्व की असली परीक्षा इन्हीं चुनावों में हुई, जिसमें वे सफल साबित हुए.

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देवेंद्र और रविंद्र की बड़ी उपलब्धि

कई इलाकों में भाजपा का सीधा मुकाबला शिंदे सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) से था. इसके बावजूद संगठनात्मक रणनीति के चलते भाजपा ने कई महत्वपूर्ण सीटों पर जीत दर्ज की. साथ ही, महायुति के भीतर सत्ता संतुलन बिगड़े बिना चुनावी गणित साधना भी देवेंद्र फडणवीस और रविंद्र चव्हाण की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

अब जनवरी में संभावित महापालिका चुनावों, खासकर बीएमसी, पर सभी की नजरें टिकी हैं. सवाल यह है कि क्या देवेंद्र-रविंद्र की यही रणनीति महानगरपालिका चुनावों में भी असर दिखाएगी और महायुति के सहयोगी दल आगे किस तरह की चाल चलते हैं. यही आने वाले दिनों की राजनीति का सबसे अहम पहलू होगा.

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