पांच हजार किसान, 203 KM का पैदल मार्च... जानें सड़क पर क्यों उतरे इस राज्य के 'अन्नदाता'

मंगलवार को करीब 5 हजार किसानों ने उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले से तमाम मांगों को लेकर पैदाल मार्च शुरू किया. इनमें ज्यादातर किसान आदिवासी बेल्ट से हैं जो वन भूमि अधिकार और अन्य किसान संबंधित मुद्दों पर राहत की मांग कर रहे हैं. ये मार्च नासिक जिले के डिंडोरी से शुरू हुआ और मुंबई तक लगभग 203 किमी की दूरी तय करेगा. किसानों का मार्च शुक्रवार रात तक मुंबई पहुंचेगा.

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मुंबई कूच को सड़कों पर उतरे हजारों किसान मुंबई कूच को सड़कों पर उतरे हजारों किसान

मुस्तफा शेख

  • मुंबई,
  • 15 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST

महाराष्ट्र में एक बार फिर किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हजारों की संख्या में किसान मुंबई कूच करने के लिए पैदल मार्च रहे हैं. इस बीच सरकार ने किसानों से बातचीत कर उनकी समस्या सुनने के लिए मंत्री दादा भुसे और अतुल सावे को जिम्मा सौंपा है. दोनों मंत्री जाकर किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा करेंगे.

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दरअसल, करीब 5 हजार किसानों ने मंगलवार को उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले से तमाम मांगों को लेकर पैदाल मार्च शुरू किया. इनमें ज्यादातर किसान आदिवासी बेल्ट से हैं जो वन भूमि अधिकार और अन्य किसान संबंधित मुद्दों पर राहत की मांग कर रहे हैं. 

इन मांगों में प्याज उत्पादकों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की तत्काल वित्तीय राहत, 12 घंटे के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि लोन माफ करना आदि शामिल है. ये मार्च नासिक जिले के डिंडोरी से शुरू हुआ और मुंबई तक लगभग 203 किमी की दूरी तय करेगा. किसानों का मार्च शुक्रवार रात तक मुंबई पहुंचेगा.

यह पहली बार नहीं है जब किसान अपनी समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुंबई की ओर पैदल मार्च कर रहे हैं. पांच साल पहले भी उन्होंने ऐसा ही मार्च निकाला था. तब सरकार ने कहा था कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी, लेकिन सरकार ने अभी तक कुछ ही मांगें मानी हैं. अब इसको लेकर फिर किसान आंदोलन कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को उन प्याज किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की, जो प्याज की कीमतों में भारी गिरावट से बुरी तरह प्रभावित हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में इसकी घोषणा की थी और कहा था कि इससे प्याज उत्पादकों को राहत मिलेगी. हालांकि किसान इस घोषणा से नाखुश नजर आ रहे हैं.

विरोध को लेकर कानून व्यवस्था सख्त

डीसीपी किरण कुमार चव्हाण ने कहा कि विरोध के पैमाने को ध्यान में रखते हुए हमने आपात स्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. जैसा कि पैदल मार्च नासिक से मुंबई तक है, हमने दो लाइनों में यातायात को नियंत्रित करने और सड़कों पर किसी भी असुविधा के लिए बलों को तैनात किया है.

13 मार्च को दिल्ली में हुआ किसान प्रदर्शन

बीते दिनों राजधानी दिल्ली में भारी संख्या में पंजाब से पहुंचे किसानों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. पंजाब से आए किसान संगठन ने अपनी मांगों को लेकर 13 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में 5 किसान संगठन शामिल रहे. किसानों ने MSP, पंजाब में पानी की किल्लत, लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर कार्यवाही, पर्यावरण प्रदूषण और लंबित मांगो को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. 20 मार्च को राकेश टिकैत ने भी किसान महापंचायत बुलाई है. किसान सरकार के वादाखिलाफी से नाराज हैं.

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