'नए प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख चाहिए...' कंपनी डायरेक्टर की फोटो लगाकर अकाउंटेंट को वॉट्सएप पर भेजा मैसेज, ठग लिए 30 लाख!

मुंबई में एक हैरान कर देने वाला साइबर फ्रॉड सामने आया है. यहां निजी कंपनी की महिला अकाउंटेंट को वॉट्सएप पर कंपनी डायरेक्टर बनकर ठग ने ऐसा झांसा दिया कि उसने 30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. आरोपी ने डायरेक्टर का फर्जी तरीके से न सिर्फ प्रोफाइल फोटो का इस्तेमाल किया, बल्कि पूरे कॉन्फिडेंस से अकाउंटेंट से बात कर उसे भ्रमित कर दिया.

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कंपनी डायरेक्टर बनकर अकाउंटेंट से ठगे 30 लाख. (Representational image) कंपनी डायरेक्टर बनकर अकाउंटेंट से ठगे 30 लाख. (Representational image)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 20 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST

मुंबई में साइबर ठगों ने एक निजी कंपनी की अकाउंटेंट को निशाना बनाकर 30 लाख रुपये की ठगी कर ली. आरोपी ने कंपनी के डायरेक्टर की फर्जी पहचान बनाकर वॉट्सएप पर महिला अकाउंटेंट से बात की और बड़ी चालाकी से पैसे ट्रांसफर करवा लिए. इस मामले में वेस्ट रीजन साइबर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुटी है.

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एजेंसी के अनुसार, पीड़ित 61 वर्षीय महिला अकाउंटेंट ने पुलिस को बताया कि यह घटना 24 मार्च की शाम से शुरू हुई, जब उन्हें एक अनजान नंबर से वॉट्सएप मैसेज आया. उस नंबर की प्रोफाइल पिक्चर कंपनी के डायरेक्टर की थी. मैसेज भेजने वाले ने खुद को सिन्हा बताकर कहा कि यह उनका नया नंबर है और इसे सेव कर लिया जाए.

अगले दिन सुबह अकाउंटेंट को फिर उसी नंबर से मैसेज आया. इस बार भेजने वाले ने एक नए प्रोजेक्ट के लिए 50 लाख रुपये एडवांस भुगतान करने को कहा. इसी दौरान उसी नंबर से एक कॉल भी आया, लेकिन कुछ ही सेकंड में डिस्कनेक्ट हो गया. अकाउंटेंट को लगा कि डायरेक्टर किसी मीटिंग में व्यस्त हैं और पैसा तुरंत चाहिए, इसलिए उन्होंने बिना पुष्टि किए 30 लाख रुपये बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए.

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यह भी पढ़ें: ठाणे में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 7 गिरफ्तार, अमेरिकी नागरिकों से करते थे साइबर फ्रॉड

अगले दिन फिर से उसी नंबर से मैसेज आया, जिसमें 20 लाख रुपये दूसरी बैंक डिटेल पर भेजने की बात कही गई. इस बार अकाउंटेंट ने सतर्कता दिखाई और डायरेक्टर से सीधे संपर्क किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई नया नंबर नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई पेमेंट करने को कहा है.

सच्चाई का पता चलते ही अकाउंटेंट ने तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर मामले की जानकारी दी और धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और ठगों का पता लगाने के लिए तकनीकी जांच शुरू कर दी है.

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