औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदले, जानिए अब क्या होगी पहचान

महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहर का नाम बदल दिया गया है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसकी मंजूरी दे दी. पिछले साल दोनों शहरों के नाम बदलने का फैसला किया था. इन नामों को बदलने के लिए 16 जुलाई 2022 को कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया गया था और इन्हें केंद्र सरकार को फॉरवर्ड कर दिया था.

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एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी और अमित शाह को दिया धन्यवाद (फाइल फोटो) एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी और अमित शाह को दिया धन्यवाद (फाइल फोटो)

ऋत्विक भालेकर

  • मुंबई,
  • 24 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST

महाराष्ट्र के औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहर का नाम बदल दिया गया है. अब औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव होगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति दे दी है. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. इन नामों को बदलने के लिए 16 जुलाई 2022 को कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया गया था और इन्हें केंद्र सरकार को फॉरवर्ड कर दिया था.

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फडणवीस ने महाराष्ट्र सरकार की मांग को स्वीकार करने के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया. उन्होंने एक ट्वीट में इस बात पर भी जोर दिया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आखिरकार यह कर दिखाया. वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने भी ट्वीट कर पीएम और गृहमंत्री का आभार जताया.

दोनों शहरों के नाम बदलने की मांग सबसे पहले दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने की थी. यह मांग उनके द्वारा कई दशकों से उठाई जा रही थी. हालांकि, उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार गिरने से पहले एक मुख्यमंत्री के रूप में अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में इन नामों को बदलने का फैसला ले लिया था.

महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी कथित तौर पर इस फैसले से खुश नहीं थे. निर्णय राज्य कैबिनेट द्वारा पारित किया गया था लेकिन केंद्र सरकार के अनुमोदन के लिए लंबित था.

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HC ने खारिज कर दी थी याचिका 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 1 फरवरी को दोनों शहरों के नाम बदलने के कैबिनेट के फैसले पर तत्काल कोई रोक लगाने के याचिकाकर्ताओं की मांग स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. हालांकि कोर्ट ने केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि क्या औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलने के कैबिनेट के फैसले पर आपत्ति जताई गई थी.

कार्यवाहक चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस संदीप मार्ने की पीठ ने राज्य सरकार से यह भी बताने को कहा था कि क्या प्रशासन शहर का नाम बदलने की प्रक्रिया पूरी किए बिना नए नामों का इस्तेमाल कर सकता है.
 

 

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