मध्य प्रदेश में सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई. लेकिन कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया. उनके इस कदम का भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तो विरोध किया ही, साथ ही उनकी अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी पटवारी के इस कदम को गलत बताया.
राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करने पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी अकेले पड़ गए हैं. बीजेपी तो जीतू पटवारी के इस कदम का विरोध कर ही रही थी, लेकिन विधानसभा के सदन में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी जीतू पटवारी के इस कदम का समर्थन नहीं किया और इसे उनका व्यक्तिगत फैसला बताया. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का धन्यवाद किया और कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने गलत परंपरा का विरोध किया है.
दरअसल, इंदौर के राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने विधानसभा के बजट सत्र के शुरू होने से पहले ही एक वीडियो सोशल मीडिया के जरिए जारी किया और कहा कि वह राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे.
इस वीडियो के सामने आने के बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ से पूछा- इस पर उनका क्या कहना है? तो जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा, 'यह परंपरा रही है कि विधानसभा हो या लोकसभा, या देश का कोई भी सदन हो, हमें परंपरा बनाए रखनी चाहिए. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं था. इस ट्वीट की मुझे घंटे पर पहले जानकारी मिली, एक ट्वीट से मैं भी सहमत नहीं हूं. इससे सदन की गरिमा प्रभावित होती है. यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं था. ना अब है, ना आगे रहेगा.''
इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को धन्यवाद दिया और सदन के भीतर कहा, ''नेता प्रतिपक्ष माननीय कमलनाथ जी ने इस बड़े मंच से एक गलत परंपरा का विरोध करते हुए सहमति जताई है. मैं उनको हृदय से धन्यवाद देता हूं. संसदीय परंपराओं का पालन करना मध्य प्रदेश की गौरवशाली परंपरा रही है और उन्होंने इसे आगे बढ़ाने का काम किया है.''
पार्टी में अलग-थलग पड़ने के बाद भी जीतू पटवारी ने एक और बयान जारी कर कहा है, ''मैं अभी भी अपने निर्णय पर कायम हूं. प्रदेश की अराजक भाजपा सरकार के अभिभाषण का विरोध करता हूं! कमलनाथ जी मेरे नेता हैं और रहेंगे. मेरा ध्येय कांग्रेस को मजबूत बनाना, लूट की सरकार को हटाना और कमलनाथ जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है. यह प्रयास सदैव चलता रहेगा.''
रवीश पाल सिंह