MP: वनमंत्री का विधानसभा में जवाब, नहीं हुआ नर्मदा किनारे पौधारोपण में गबन

सरकार से मिले जवाब के बाद अब भाजपा का मानना है कि चाहे मंदसौर गोलीकांड का मामला हो या पौधारोपण का दोनों मामलों में कांग्रेस ने वोट हासिल करने के लिए जनता से झूठ बोला था. हालांकि मंदसौर गोलीकांड और वृक्षारोपण मामले में सरकार की किरकिरी होते देख खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ को मोर्चा संभालना पड़ा.

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रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 21 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:04 PM IST

मध्य प्रदेश में 15 वर्षों बाद सरकार में आई कांग्रेस जहां बीजेपी सरकार के दौरान हुए मंदसौर गोलीकांड में  पुलिस की भूमिका को सही ठहराकर विवादों में आ चुकी है, तो वहीं कांग्रेस को नर्मदा यात्रा के दौरान हुए पौधारोपण मामले में भी विधानसभा में अपने दिए गए जवाब के चलते पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.

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दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा में अपने जवाब में माना है कि नर्मदा यात्रा के दौरान हुए पौधारोपण में भाजपा सरकार द्वारा कोई भी गड़बड़ी नहीं की गई है, जबकि पौधारोपण मामले में घोटाले की जांच की बात कांग्रेस अपने वचन पत्र में कर चुकी है.

क्या सचमुच शिवराज सिंह चौहान के शासन में हुई नर्मदा यात्रा के दौरान हुए पौधारोपण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अब तक यह दावा बीजेपी करती आई थी लेकिन अब यह दावा कोई और नहीं खुद 15 वर्षों बाद सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार कर रही है. कांग्रेस सरकार में वनमंत्री उमंग सिंघार ने विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के दौरान माना है कि नर्मदा किनारे किए गए पौधारोपण में सरकार को किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है.

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सरकार का यह जवाब आते ही कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरकार के मंत्रियों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'मैंने खुद 6 महीने की नर्मदा यात्रा की है, इस दौरान उन्हें एक भी पौधा नहीं देखा ऐसे में विभाग के मंत्री ने कैसे मान लिया कि कोई भी घोटाला नहीं हुआ. कम से कम उन्हें कांग्रेस का वचनपत्र तो पढ़ना चाहिए था.

कम्प्यूटर बाबा भी नाराज़

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 मई 2016 को नर्मदा सेवा यात्रा की शुरुआत की थी. भाजपा सरकार की बहु प्रचारित यह यात्रा 15 मई 2017 को अमरकंटक में खत्म हुई. यात्रा के दौरान सरकार ने दावा किया था कि नर्मदा किनारे सरकार ने 6 करोड़ पौधे रोपे है. सरकार के इस दावे पर न केवल कांग्रेस ने एतराज जताया था बल्कि तमाम संतों ने भी इसे झूठा करार देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी. जिसके बाद सरकार ने विरोध करने वाले पांच संतों को मंत्री पद सौंपा था. पौधारोपण मामले में भाजपा कटघरे में खड़े करने वाले कंप्यूटर बाबा अभी भी दावा कर रहे हैं कि नर्मदा किनारे पौधे लगाने में घोटाला हुआ है. अब सरकार के इस जवाब के बाद वो मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करेंगे. कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि 'इस मामले को लेकर जब मैंने शिवराज सरकार में राज्यमंत्री की कुर्सी को लात मार दी थी तो फिर अब क्यों इस मुद्दे को मुकाम तक नहीं पहुंचाऊंगा.

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वनमंत्री की सफाई

हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नाराजगी के बाद सरकार के वनमंत्री विधानसभा में दिए गए जवाब से पलटते नजर आए. वनमंत्री सिंघार ने चौतरफा हमले के बाद कहा कि उन्होंने किसी को क्लीनचिट नहीं दी बल्कि घोटाले की जांच के आदेश दिए हैं. वनमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में दिए जवाब में साफ लिखा है कि इस मामले की जांच के आदेश दिए हुए हैं ऐसे में इसपर किसी का ध्यान क्यों नही गया?

बीजेपी को मिला तंज कसने का मौका

कांग्रेस के जवाब से सबसे ज्यादा उत्साहित बीजेपी नजर आई. सरकार से मिले जवाब के बाद अब भाजपा का मानना है कि चाहे मंदसौर गोलीकांड का मामला हो या पौधारोपण का दोनों मामलों में कांग्रेस ने वोट हासिल करने के लिए जनता से झूठ बोला था. हालांकि मंदसौर गोलीकांड और वृक्षारोपण मामले में सरकार की किरकिरी होते देख खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ को मोर्चा संभालना पड़ा. कमलनाथ ने ट्वीट किया, इन दोनों मामलों में घोटाले हुए हैं और हम आरोपियों को सजा दिलाएंगे.

मंदसौर गोलीकांड और नर्मदा किनारे वृक्षारोपण इन दो मामलों को लेकर कांग्रेस ने पूरे चुनाव के दौरान भाजपा को आड़े हाथों लिया था. वचन पत्र में मामलों की जांच का वादा भी किया था लेकिन विधानसभा में दिए जवाब के बाद से सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या सरकार आते ही कांग्रेस का रुख बदल गया है?

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